कालका में पूर्व सैनिकों के साथ गोइरांग विजयोत्सव पर बैठक , छत्तीसगढ़ में वीरगति प्राप्त जवानों को श्रद्धांजलि

रामजानकी संस्थान,आरजेएस द्वारा सकारात्मक भारत आंदोलन की कड़ी से कालका-पंचकुला का नाम 11 अप्रैल2021 को जुड़ गया।आरजेएस राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने बताया कि14 अप्रैल गोरांग दिवस के उपलक्ष्य में 148 वीं आरजेएस सकारात्मक बैठक का आयोजन चंडीगढ़ के नजदीक कालका में संपन्न  हुआ।

बैठक के सह-आयोजक आर्मी के पूर्व सुबेदार विद्यानंद सिंह घोष के पिताजी भोजपुर बिहार स्थित कसाप गांव निवासी स्व० रामदयाल सिंह शिक्षक की स्मृति में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस राष्ट्रीय सम्मान 2021 का लोकार्पण किया गया।इस अवसर पर स्व० रामदयाल सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती ललिता देवी भी उपस्थित थीं। इस अवसर पर विद्यानंद सिंह ने अपने पिताजी के सकारात्मक कार्यों को  साझा किया।

प्रमुख रूप से कसाप गांव में सरकारी प्राइमरी स्कूल बनवाने से लेकर नाली- रोड ठीक कराने के लिए सदा तत्पर रहते थे। कमजोर वर्गों के बच्चों को यथासंभव पढ़ने में मदद करते रहे। बैठक मेंपूर्व सूबेदार रमेश चंद पटियाल और श्रीमती पटियाल , पूर्व सुबेदार उम्मेद सिंह और श्रीमती निर्मला सिंह ,पूर्व सूबेदार इंद्रजीत और श्रीमती प्रेमलता ,श्री अजय सिंह और ममता सिंह ,रजत कुमार ,श्रीमती रीता सिंह आदि उपस्थित रहे और बैठक को जोरदार समर्थन देते रहे। सभी ने छत्तीसगढ़ में वीरगति प्राप्त जवानों को श्रद्धांजलि दी ।

14 अप्रैल 1944 को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज ने ब्रिटिश सरकार की सेना को हराकर मणिपुर और नागालैंड के कुछ हिस्सों पर विजय प्राप्त किया जिसे गोरांग  विजयोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मणिपुर में भारत की पहली स्वतंत्र सरकार आजाद हिंद फौज की बनी थी, और वहां पर 14 अप्रैल 1944 में आजाद हिंद फौज ने भारतीय तिरंगा फहराया था । नेताजी के नेतृत्व वाली आइईएनए , आजाद हिंद फौज ने मणिपुर पर हमला कर उसे ब्रिटिश सरकार से आजाद करा लिया था ।मणिपुर के मोइरंग और नागालैंड के तीन हिस्सों पर आजाद हिंद फौज की सरकार साढ़े तीन महीने तक रही इसके बाद फिर से अंग्रेजों का शासन हो गया था ।आज हर भारतीय को नेताजी सुभाष और‌ मोइरांग विजयोत्सव पर गर्व है।