Students of MBS School of Planning and Architecture, Dwarka


With each passing day, India is establishing itself as a superpower on the global level. The nation is growing as an undisputed leader in all fields on an international level and we aren’t far away from attaining the goal of sustainable development. But on the flip side, we witness that all the fragments of our nation are not on the same page as one another. Every now and then, we come across such neglected spaces in our society which are turned a blind-eye upon. Such spaces eventually end up turning into dumping grounds and wastelands. A sincere attempt to transform a similar abandoned piece of land in the area of Timarpur, North Delhi was made by the student body of MBS School of Planning and Architecture, Dwarka.

Over a couple of weeks, the students converted this dumping ground infested by pigs and a breeding ground for multiple diseases into an interesting and hygienic social space for the people of Indra Basti. Implementation of every sustainable idea, recycling waste materials and creating an attractive space for people of all age groups; the student body worked diligently to revamp this decades old dumpster. Thus, not just filling colours into those rigid walls of concrete but eventually into the lives of the inhabitants through architecture. This isn’t just the end of their pursuit, but the beginning of a new wave of change.

हर गुज़रते दिन के साथ भारत, अंतर्राष्ट्रिय स्तर पर, निस्सन्देह एक महाशक्ति में बदलता जा रहा है। देश अब पूरे विश्व में ,हर क्षेत्र में आगे से आगे बढ़ रहा है इसमें कोई दो राय नहीं तथा अब सतत विकास का लक्ष्य भी अब अधिक दूर नहीं। परंतु सिक्के की दूसरी ओर देख कर कुछ और ही पता लगता है। देश का हर टुकड़ा, हर हिस्सा, एक बराबर स्तर पर नहीं है। इस प्रतिदिन बढ़ती विकास की दौड़ में कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जो की पीछे हैं। ऐसे स्थान आम ज़िंदगी में नज़रों में तो आते हैं परंतु अनदेखे रह जाते हैं जो कि अंत में कूड़ाघर बन कर रह जाते हैं। ऐसे ही एक नज़रंदाज कर दिए गए ज़मीन के टुकड़े को सुधार, उसको एक नया मतलब, उसमें एक नयी जान डालने का गम्भीर प्रयास किया द्वारका में स्थित, एम बी एस स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के छात्र संगठन ने। कुछ ही हफ़्तों में छात्रों ने इस कूड़ेदान बनी जगह को, जो कि सूअरों और भिन्न प्रकार की बीमारियों का घर बन चुकी थी, उसे इंद्रा बस्ती के लोगों के लिए एक स्वच्छ और स्वास्थ्यकारी सामाजिक स्थान बना दिया। यहाँ बहुत से सतत विचारों और तकनीकों, जैसे रीसाइक्लिंग, का कार्यान्वयन किया गया और इस स्थान को बस्ती के सभी उम्र के लोगों को ध्यान में रखते हुए एक सुंदर स्थान बनाया गया। छात्र संगठन ने बहुत लगन से इस व्यर्थ जा रहे स्थान में ये सुधार उत्पन्न किया। इस कोशिश के माध्यम से ना ही केवल इस स्थान की चार दीवारी में, बल्कि बस्ती वालों के दिलों में अनेक रंग भर दिए। यह एक नयी कोशिश का अंत नहीं, बल्कि “आरम्भ” है।