अखिल भारतीय स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखक संघ के तत्वावधान में आज रोहिणी स्थित संघ के मुख्यालय बरवाला में संघ के राष्ट्रीय महासचिव दयानंद वत्स की अध्यक्षता में 68वां गणतंत्र दिवस क्या खोया क्या पाया विषयक एक सार्थक परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा से पूर्व संघ की और से श्री दयानंद वत्स ने जम्मू कश्मीर के गुरेज सेक्टर में हिम स्खलन में शहीद हुए 11 सैनिकों को कृतज्ञ राष्ट्र की और से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने संबोधन में श्री वत्स ने कहा कि आज जब पूरा राष्ट्र धूमधाम से 68वां गणतंत्र दिवस मना रहा है वहीं दूसरी और सीमाओं पर देश की आन, बान और शान की खातिर हमारे वीर सैनिकों ने गणतंत्र दिवस के दिन ही अपने प्राणों का बलिदान कर दिया।
समूचा देश उनके अदम्य साहस और शौर्य से अभिभूत है। परिचर्चा में बोलते हुए श्री वत्स ने कहा कि गणतंत्र के 68 सालों में भारत ने हर क्षेत्र में प्रगति की है । हरित और श्वेत क्रांति के बाद अब संचार क्रांति में भी भारत ने दुनिया में अपना वर्चस्व स्थापित किया है। संविधान प्रदत्त अधिकारों का तो सबको पता है परंतु कर्तव्यों के निर्वहन का बोझ कोई उठाना नहीं चाहता।
दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती के रुप में नारी की पूजा करने वाले भारतीय समाज में 68सालों के बाद भी बेटी बचाओ बेटी पढा़ओ जैसे अभियान चलाया जाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि देश की आधी आबादी को हम इतने सालों बाद भी सुरक्षा और सम्मान तक मुहैया नहीं करा पाए हैं। शिक्षित वर्ग भी दहेज जैसी सामाजिक कुरीतियों का खुलकर विरोध करने की स्थिति में नहीं है। देश में हजारों कानूनों के होते हुए भी सारे सिस्टम में भ्रष्टाचार के कारण जंग लग गया है। कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है। भ्रष्टाचार और अपराध मुक्त भारत की परिकल्पना को अमली जामा पहनाए जाने का अब समय आ गया है। श्री वत्स ने कहा कि यदि हम अब भी नहीं चेते तो आने.वाली नस्लें हमें कभी माफ.नहीं करेंगी।