राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) और आरजेएस पॉजिटिव मीडिया द्वारा माता राम रती देवी मंदिर कृषक प्रयोगशाला और कृषक पर्यटन स्थल के संस्थापक राजेन्द्र सिंह कुशवाहा के सहयोग से संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक उदय मन्ना के संयोजन व संचालन में विश्व मानक दिवस 2024 का आयोजन किया गया।
इस साल 2024 की थीम “बेहतर दुनिया के लिए साझा दृष्टिकोण पर केंद्रित है, जिसमें प्रभावी मानकों के ज़रिए स्वास्थ्य और कल्याण के मुद्दों को संबोधित किया गया।”
कार्यक्रम के आरंभ में विश्व मानक दिवस 2024 पर केंद्रीय मंत्री उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा प्रह्लाद जोशी की विडियो के संपादित अंश सुनवाए गए।
उन्होंने कहा कि आज 22,300 से अधिक मानक लागू हैं और 94 प्रतिशत भारतीय मानकों को आईएसओ और आईएसई मानकों के साथ सुसंगत बनाया जा रहा है।
कार्यक्रम के सह-आयोजक राजेन्द्र सिंह कुशवाहा ने सभी अतिथियों प्रो.बिजाॅन कुमार मिश्रा, अंतर्राष्ट्रीय कंज्यूमर नीति विशेषज्ञ,डा.प्रसन्ना कुमार, प्राध्यापक (निफ्टेम)व कृषि एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग, खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय, भारत सरकार,डा.आर के भारती, संयुक्त निदेशक एमएसएमई डीएफओ, एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार और रजनीश गोयनका चेयरमैन एमएसएमई डेवलपमेंट फोरम का स्वागत किया।
वेबिनार में व्यापार, आर्थिक विकास और उत्पाद विश्वसनीयता में मानकों के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की भूमिका और बीआईएस अधिनियम, 2016 के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई। विनिर्माण में गुणवत्ता मानकों के महत्व और वैश्विक स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं की आपूर्ति करने के लिए भारतीय लघु और मध्यम आकार के उद्यमों (एसएमई) की क्षमता पर भी जोर दिया गया। अंत में, बैठक में निफ्टम में खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता कार्यक्रम, आलू उत्पादों में मूल्य संवर्धन की संभावना और छोटे और सूक्ष्म व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी वित्तपोषण की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई।
निफ्टम में खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता कार्यक्रम पर चर्चा हुई, जिसमें बी.टेक, एम.टेक, पीएचडी और एमबीए प्रशिक्षण, इनक्यूबेशन और उद्यमिता शामिल है। कार्यक्रम के सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करने पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से लक्ष्य 9, जिसका उद्देश्य लचीला बुनियादी ढांचा बनाना और समावेशी और टिकाऊ औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देना है।