शहनाज हुसैन
सौन्दर्य विशेषज्ञ तथा हर्बल क्वीन के रूप में लोकप्रिय पदम अवार्ड विजेता शहनाज हुसैन ने आगामी विधान सभा चुनाव लड़ रहे बिभिन्न उम्मीदवारों को चुनाव अभियान के दौरान सौंदर्य के माध्यम से चुनाव जितने के गुर दिए हैं/
सौन्दर्य विशेषज्ञ शहनाज हुसैन ने बताया की पश्चिमी देशों में चुनावों में दौरान नेताओं में आकर्षकए सुंदर और सुडौल दिखने की होड़ लग जाती है। क्योंकि यह माना जाता है कि चुनाव लड़ने वाले उमीदवारों के रंग ,रूप, सुन्दरता दिखावे और हाव.भाव का मतदाताओं पर सीधा असर पड़ता है। तथा इससे चुनावी नतीजे प्रभावित होते हैं। विभिन्न चुनावी विशेषज्ञों द्वारा समय.समय पर किए गए रिसर्च से यह सामने आया है कि युवा , सुंदर तथा आकर्षक, खुशनुमाए, छैल छबीले , फैशन एबल तथा विश्वास से भरे उम्मीदवारों को मतदाता विश्वास योग्य तथा निपुण मानते है तथा ऐसे उम्मीदवारों पर सर्वाधिक भरोसा करते हैं जिससे उनके जीतने के अवसर ज्यादा बढ़ जातेहैं।
चुनावों के दौरान युवा तथा महिला मतदाता सुंदर तथा आकर्षक उम्मीदवारों से सम्मोहित हो जाते हैं तथा चुनावी रैलियों में क्षणभर में ही उनके समर्थक बन जाते हैं। चुनावों के दौरान अपनी साफ छवि, आकर्षक व्यक्तिगत,चेहरे, शारीरिक दिखावट, ड्रेस तथा मेकअप के प्रति संवेदनशील उम्मीदवार अपने विरोधी उम्मीदवारों पर भारी पड़ते है। राज्य की दोनों मुख्य राजनीतिक दलों द्धारा उम्मीदवारों की घोषणा की साथ ही , हिमाचल प्रदेश में नौ नवंबर को होने वाले चुनाबों के चुनाव अभियान ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है तथा वोटरों का रूझान भी सामने आना शुरू हो गया है। राज्य के ज्यादातर इलाकों में आजकल शरद लहर देखने में मिल रही है
सौन्दर्य विशेषज्ञ शहनाज हुसैन ने बताया की सर्दियों की आहट के साथ ही वातावरण में नमी कम होने लगती है जिसमें दिनभर धूप, धूल, मिट्टी, कच्ची सड़कों तथा प्रदूषण में चुनाव अभियान चलाने वाले उम्मीदवारों की त्वचा सूख जाती है और उनके चेहरे पर पपड़ी जम जाती है तथा कील मुहांसे,फोड़े.फुंसी आदि निकल जाते हैं तथा होंठ भी फट जाते है एवं बाल उलझ जाते है जिसमें उम्मीदवारों के व्यक्तित्व पर विपरीत प्रभाव पड़ता है जिससे उनके प्रति वोटरों में आकर्षण कम हो जाता है। चुनावों के दौरान उम्मीदवार दिनभर विभिन्न चुनावी सभाएं, नुक्कड़ बैठकें करके उम्मीदवारों को रिझाने की पुरजोर कोशिशें करते हैं। जिसमें वह सूर्य की गर्मी, धूप, मिट्टी तथा प्रदूषण को सीधे तौर पर झेलतेहैं। सूर्य की गर्मी तथा रसायनिक प्रदूषणकी वजह से त्वचा का सामान्य संतुलन बिगड़ जाताहै। जिसमें त्वचा में रूखापन,चकते, फोड़े.फुंसियां तथा काले घब्बे आने शुरू हो जाते है।
सौन्दर्य विशेषज्ञ शहनाज हुसैन ने बताया की चुनावों के दौरान बालों को धूल ,मिट्टी तथा प्रदूषण से बचाने के लिए नियमित तौर पर हर्बल शैम्पू से सिर धोना चाहिए। अकसर उम्मीदवार प्रत्येक दिन सैकड़ों लोगों से हाथ मिलाते हैं बच्चों को चूमते है या वजुर्गों के पांव छूते है जिससे उन्हें संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। उम्मीदवारों को चुनावी मौसम में अपने हाथ नियमित रूप से हैंड सेनीटाजर से साफ करने चाहिए। नवंबर में होने वाले हिमाचल विधानसभा चुनावों के लिए मतदाताओं को रिझाने के लिए निकले खासकर लोअर हिमाचल के उम्मीदवारों के चेहरे पर सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों का सीधा प्रभाव पड़ता है। इससे त्वचा में नमी की कमी आ जाती है जिससे चेहरे पर झुर्रिया और रेखाएं पड़ जाती है। उम्मीदवरों को अपनी त्वचा खासकर चेहरे की आभा को बचाए रखने के लिए 30 या 40 एसपीएफ सनस्क्रीन लोशनध्क्रीम का लेप करना चाहिए तथा यदि उम्मीदवार को दिनभर 10 से 12 घंटे तक खुले आसमान की धूप में प्रचार करना पड़े तो सनस्क्रीन को दो बार लगाना चाहिए।
सौन्दर्य विशेषज्ञ शहनाज हुसैन ने बताया की धूप में लगातार चुनाव प्रचार से उम्मीदवार की त्वचा में कालापन एवं रूखापन आ जाता है जिससे बचाव के लिए उम्मीदवार को अच्छी गुणवत्ता की एंटी.टेन सनस्क्रीन लगानी चाहिए जो कि बाजार में आसानी से उपलब्ध है।
हालांकि अधिकांश सनस्क्रीन क्रीमों में मस्चुराइजर विद्यमान है लेकिन फिर भी यदि आप शिमला के ऊपरी हिस्सों लाहौल स्पीति , पांगी ,भरमौर, किन्नौर जैसे ठंडे स्थानों से चुनाव लड़ रहे हैं तो रूखी त्वचा को सामान्य बनाने के लिए पहले त्वचा पर मॉस्चुराइजर लोशन का लेप करे तथा कुछ मिनट तक इस लेप को सैटल होने दें एवं उसके बाद सनस्क्रीन लोशन त्वचा पर लगाएं। उम्मीदवारों को सनस्क्रीन दिन के चुनाव प्रचार शुरू करने के 20 मिनट पहले त्वचा पर अच्छे से मालिश करके लगानी चाहिए। उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी त्वचा में नमी की मात्रा हमेशा संतुलित रहें।
सौन्दर्य विशेषज्ञ शहनाज हुसैन ने बताया की विधानसभा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को रात्रि में विश्राम करने से पहले अपनी त्वचा को अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए। पंजाब से सटे ऊना ,कांगड़ा ,सोलन ,सिरमौर जिलों के उम्मीदवार कच्ची सड़कों पिछड़े क्षेत्रोंए सुदूर गांव में व्यापक चुनाव अभियान चलाते हुए दिन में दस से 12 घंटों तक सड़कों की धूल खाते है जिससे उनकी त्वचा खराब हो जाती है। वातावरण में विद्यमान विभिन्न हानिकारक रसायनिक प्रदूषणों से बचाव के लिए आजकल चंदन, एलोवेरा , गुलाब, तुलसी आदि संघटक तत्वों से बनी कवर क्रीम भी बाजार में आसानी से उपलब्ध है। तथा उम्मीदवारों को इन क्रीमों का अत्याधिक लाभ उठाना चाहिए क्योंकि इससे चेहरे तथा त्वचा को प्रदूषण और रसायनिक तत्वों से पूरी तरह संरक्षण उपलब्ध होगा तथा उम्मीदवारों के चेहरे की आभा में निखार आएगा जिससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा। इस दौरान बालों की सुदंरता तथा प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए हेयरक्रीम तथा सीरम का उपयोग किया जा सकता है। चुनावों में शरीर की सफाई के लिए साबुन की जगह क्लींजिंग क्रीम या एलोवेरा जैल का उपयोग करना चाहिए। तथा रात को सोने से पहले चेहरे पर नरीशिंग क्रीम का जरूर उपयोग करें। यदि आप जनजातीय क्षेत्रों लाहौल स्फीतिए भरमौर एवं किन्नौर आदि में चुनाव प्रचार कर रहे हैं तो नरीशिंग क्रीम में पानी की कुछ बूंदे डालकर चेहरे की लगातार मसाज कीजिए/ नरीशिंग क्रीम से त्वचा की नमी को बनाए रखने की क्षमता में वृद्धि होती है। चुनावों में सर्दी की वजह से ऊपरी पर्वतीय क्षेत्रों के उम्मीदवारों के होंठ फट जाते हैं तथा इसके लिए रात्रि को होंठो को साफ करने के बाद उन पर बादाम तेल की मालिश करे और इसे रात्रि भर रहने दे। चुनावों में लंबे तथा थकाऊ चुनाव प्रचार के दौरान बालों को मुलायम तथा चमकीला बनाए रखने के लिए उन्हें बार बार ताजे साफ पानी से धोएं तथा शैंपू का न्यूनतम उपयोग करे।