प्रेमबाबू शर्मा
किस तरह की फिल्म है भंडास ?
भंडास एक मनोविज्ञानिक थ्रिलर है । जो कम बजट के बाद भी एक अच्छी फिल्म है। डेजी किसी बीमारी से ग्रस्त है और वह हर पूर्णिमा को किसी भी पुरूष की तलाश में निकल जाती है और उसके् बाद जो कुछ भी होता है वह सिर्फ एक रहस्य है ।
लेकिन आपके निर्माता निर्देशक अजय यादव का आरोप था कि आप अन्प्रोफ़ेसनल है ?
मैं पूरी तरह से प्रोफ़ेसोनल हूँ । मैंने फिल्म के शुरू मे ही अजय जी को ‘भडास’ की शूटिंग के लिए एक साथ 70 दिन दे दिये थे और बिना किसी परेशानी के मैंने शूटिंग भी की । इसके बाद मेरे मैनेजर व अजय जी के बीच कुछ गलत फहमीं हो गई थी मैने पहले ही अपने मैनेजर को बता दिया था कि मै मई के महीने में नहीं आ सकती क्योंकि वे तारीखें मैने पहले से टोरन्टो में हो रहे ‘पंजाबी फिल्म फैस्टिवल’ को और पाकिस्तान मे अपनी मां को इलैक्शन में मदद करने के लिये दी हुई थीं। पूरा मई महीना मेरा इलैक्शन ओर फिर माँ के अस्पाताल बनवाने मे निकल गया। मुझे अपने साथ 12 बाडीगार्ड रखने पडते थे पर मैं अपनी मां‘ को दिये गये कमिटमेंट से पीछे नही हट सकती थी इसके बाद से मैं कनाडा मे थी।
आप बोल्ड फिल्मे ही क्यों साइन करती है ?
अगर कहानी बोल्ड है तो इसी के हिसाब से किरदार भी तो बोल्ड ही होगा। कलाकर को कहानी के बहाव के साथ जाना होता है। ‘भडास’ में मेरा किरदार बोल्ड है पर स्क्रिप्ट की जरूरत के हिसाब से ना कि बेकार में दर्शकों को लुभाने के् लिये। बालीवुड में कई बार फिल्मों मे कई किरदार नकली लगते हैं क्योंकि वे कहानी की जरूरत होते हुए भी सीन को बदलवा देते हैं , या फिर बोल्ड सीन करते समय खुद की हडबडाहट की वजह से अजीब से लगते है ।
चूंकि आप पाकिस्तान से है आप कहां की फिल्मों को बेहतर मानती है बालीवुड या हालीवुड की ?
मुझे हालीवुड की फिल्मे बेहद पसन्द है क्योंकि इनमे हर किरदार और कहानी असली लगती है चाहे किसी भी तरह की फिल्म हो इसे देखा कर नही लगता कि कोई भी कलाकार ये सीन जबरदस्ती कर रहा है। वहीं बालीवुड में बहुत बार ऐसा लगता है कि कलाकार से ये सीन जबरदस्ती बे मन से करवाया गया है, विशेषकर अगर वो रोमांटिक सीन हो । यहां पर कलाकार सिर्फ निर्देशक के बताये हिसाब से सीन करता है तो कई सीन बेजान से लगते है। हा‘लीवुड तो हा‘लीवुड है।
पर बडे बैनर में काम करना क्या हर कलाकार का सपना नही होता है ?
हाँ होता है पर इसके इंताजर में बिना काम के बैठकर खुद को डिप्रेस नही करना चाहिए। काम करते रहना बहुत ही महत्वपूर्ण है। काम ना होने की वजह से आत्महत्या करना क्या जायज है। मै हर काम को एक सकारात्मक सोंच क साथ में करती हूँ । भडास मे मेरा किरदार अच्छा है, कहानी अच्छी है, तो मेरे लिये तो भडास ही बडी फिल्म है।
पर फिल्म के अन्य कलाकारों के् साथ काम का अनुभव कैसा रहा?
मेरे अलावा फिल्म में आर्यमन रामसे, आशुतोष, श्रीराजपूत, अनंत महादेवन, मोहिनी नीलकंठ, मुश्ताक खान, शिवा, श्रवानी व गार्गी पटेल इस फिल्म में है। पर मुझे अपने काम से ज्यादा मतलब था। वैसे सैट पर काम का माहौल बहुत अच्छा था।
हाट पाकिस्तानी अभिनेत्री मीरा पिछले दिनों काफी सुर्खियों में रही है । अब एक बार फिर से फिल्म ‘भडास’ को लेकर सुर्ख़ियों में है । अजय यादव द्वारा निर्मित निर्देशित ‘‘भडास’ में मीरा अपने किरदार और फिल्म में अपने किरदार को लेकर क्या सोचती है जानते है उनकी ही जुबानी:
‘भडास’ में ऐसा क्या था कि आपने तुरन्त फिल्म के लिए हाँ कर दी ?
जब अजय जी ने मुझे इस फिल्म की कहानी सुनाई तब मुझे इसका कन्सेंप्ट बहुत अच्छा लगा और फिल्म में मेरा रोल भी दमदार था सो मैने फिल्म में काम करने के लिए हाँ कर दी।
किस तरह की फिल्म है भंडास ?
भंडास एक मनोविज्ञानिक थ्रिलर है । जो कम बजट के बाद भी एक अच्छी फिल्म है। डेजी किसी बीमारी से ग्रस्त है और वह हर पूर्णिमा को किसी भी पुरूष की तलाश में निकल जाती है और उसके् बाद जो कुछ भी होता है वह सिर्फ एक रहस्य है ।
आपने किरदार के बारे मे कुछ बताऐं ?
मैंने डेजी नामक किरदार को निभाया जो पेशे लेखिका है। डेजी स्पिलट पार्सनेल्टी की शिकार है और फिल्म में दो हीरो है दोनों ही मुझे प्यार करते है जबकि मुझे अपनी आजादी प्यारी है। कुल मिलाकर यह बेहतरीन रोल है।
मैंने डेजी नामक किरदार को निभाया जो पेशे लेखिका है। डेजी स्पिलट पार्सनेल्टी की शिकार है और फिल्म में दो हीरो है दोनों ही मुझे प्यार करते है जबकि मुझे अपनी आजादी प्यारी है। कुल मिलाकर यह बेहतरीन रोल है।
लेकिन आपके निर्माता निर्देशक अजय यादव का आरोप था कि आप अन्प्रोफ़ेसनल है ?
मैं पूरी तरह से प्रोफ़ेसोनल हूँ । मैंने फिल्म के शुरू मे ही अजय जी को ‘भडास’ की शूटिंग के लिए एक साथ 70 दिन दे दिये थे और बिना किसी परेशानी के मैंने शूटिंग भी की । इसके बाद मेरे मैनेजर व अजय जी के बीच कुछ गलत फहमीं हो गई थी मैने पहले ही अपने मैनेजर को बता दिया था कि मै मई के महीने में नहीं आ सकती क्योंकि वे तारीखें मैने पहले से टोरन्टो में हो रहे ‘पंजाबी फिल्म फैस्टिवल’ को और पाकिस्तान मे अपनी मां को इलैक्शन में मदद करने के लिये दी हुई थीं। पूरा मई महीना मेरा इलैक्शन ओर फिर माँ के अस्पाताल बनवाने मे निकल गया। मुझे अपने साथ 12 बाडीगार्ड रखने पडते थे पर मैं अपनी मां‘ को दिये गये कमिटमेंट से पीछे नही हट सकती थी इसके बाद से मैं कनाडा मे थी।
चर्चा थी, कि आप केस के कारण ही हिन्दुस्तान आई है ?
असल में कुछ गलत फहमियों ने मामले को उलझा दिया था मैने इसके लिए अजय जी से माफी भी मांगी अब सब ठीक है और अब हमारा पूरा ध्यान फिल्म की प्रमोशन पर है।
असल में कुछ गलत फहमियों ने मामले को उलझा दिया था मैने इसके लिए अजय जी से माफी भी मांगी अब सब ठीक है और अब हमारा पूरा ध्यान फिल्म की प्रमोशन पर है।
आप बोल्ड फिल्मे ही क्यों साइन करती है ?
अगर कहानी बोल्ड है तो इसी के हिसाब से किरदार भी तो बोल्ड ही होगा। कलाकर को कहानी के बहाव के साथ जाना होता है। ‘भडास’ में मेरा किरदार बोल्ड है पर स्क्रिप्ट की जरूरत के हिसाब से ना कि बेकार में दर्शकों को लुभाने के् लिये। बालीवुड में कई बार फिल्मों मे कई किरदार नकली लगते हैं क्योंकि वे कहानी की जरूरत होते हुए भी सीन को बदलवा देते हैं , या फिर बोल्ड सीन करते समय खुद की हडबडाहट की वजह से अजीब से लगते है ।
चूंकि आप पाकिस्तान से है आप कहां की फिल्मों को बेहतर मानती है बालीवुड या हालीवुड की ?
मुझे हालीवुड की फिल्मे बेहद पसन्द है क्योंकि इनमे हर किरदार और कहानी असली लगती है चाहे किसी भी तरह की फिल्म हो इसे देखा कर नही लगता कि कोई भी कलाकार ये सीन जबरदस्ती कर रहा है। वहीं बालीवुड में बहुत बार ऐसा लगता है कि कलाकार से ये सीन जबरदस्ती बे मन से करवाया गया है, विशेषकर अगर वो रोमांटिक सीन हो । यहां पर कलाकार सिर्फ निर्देशक के बताये हिसाब से सीन करता है तो कई सीन बेजान से लगते है। हा‘लीवुड तो हा‘लीवुड है।
आपने एक बार कहा था कि आप बालीवुड में बडे ही बैनर की फिल्में करेगी ?
मैने कहा था कि मै अच्छी फिल्मों में काम करना पंसद करूगी भडास’ एक अच्छी फिल्म है । वैसे भी काम तो काम है, बडी या छोटी फिल्म से क्या फर्क पडता है। करन जौहर बडे मेकर होंगे पर और लोग भी अच्छी फिल्मे बना रहे है। मै काम करती रहना चाहती हूँ ।खाली बैठना सबसे बडी गलती है। मैने पार्टीयों में देखा है कि स्ट्रगलर्स कितने डिप्रेस होते हैं ।
पर बडे बैनर में काम करना क्या हर कलाकार का सपना नही होता है ?
हाँ होता है पर इसके इंताजर में बिना काम के बैठकर खुद को डिप्रेस नही करना चाहिए। काम करते रहना बहुत ही महत्वपूर्ण है। काम ना होने की वजह से आत्महत्या करना क्या जायज है। मै हर काम को एक सकारात्मक सोंच क साथ में करती हूँ । भडास मे मेरा किरदार अच्छा है, कहानी अच्छी है, तो मेरे लिये तो भडास ही बडी फिल्म है।
पर फिल्म के अन्य कलाकारों के् साथ काम का अनुभव कैसा रहा?
मेरे अलावा फिल्म में आर्यमन रामसे, आशुतोष, श्रीराजपूत, अनंत महादेवन, मोहिनी नीलकंठ, मुश्ताक खान, शिवा, श्रवानी व गार्गी पटेल इस फिल्म में है। पर मुझे अपने काम से ज्यादा मतलब था। वैसे सैट पर काम का माहौल बहुत अच्छा था।
चर्चा है कि आप भी फिल्मों में आइटम नंबर कर रही है ?
मैने राजपाल यादव की आने वाली फिल्म ‘बम्पर ड्रा‘’ में एक आइटम नम्बर किया है। इसके अलावा मेरी पाकिस्तानी पंजाबी फिल्म ‘इश्क खुदा’ अभी टोंरटो पंजाबी फिल्मफैस्टिवल में स्क्रीन हुई है और इसे लोगों ने काफी पसंद भी किया है।
मैने राजपाल यादव की आने वाली फिल्म ‘बम्पर ड्रा‘’ में एक आइटम नम्बर किया है। इसके अलावा मेरी पाकिस्तानी पंजाबी फिल्म ‘इश्क खुदा’ अभी टोंरटो पंजाबी फिल्मफैस्टिवल में स्क्रीन हुई है और इसे लोगों ने काफी पसंद भी किया है।
बा‘लीवुड में आपका प्रतिद्वन्दी कौन है ?
प्रियंका चोपडा । मै इनकी तरह के् किरदार करना चाहती हूं और मौका मिला तो मैं खुद को प्रूव भी करके दिखाउंगी ।
प्रियंका चोपडा । मै इनकी तरह के् किरदार करना चाहती हूं और मौका मिला तो मैं खुद को प्रूव भी करके दिखाउंगी ।