एस.एस. डोगरा
रुसी टेनिस सुन्दरी शारापोवा ने भी अपने खेल में खूब धूम मचाई हो लेकिन सचिन जैसे महान क्रिकेटर के बारे में अनभिज्ञता से पुरे खेल जगत में चर्चित विषय हो गया. उसका एक बड़ा कारण यह भी है कि जब शारापोवा के देश में क्रिकेट नाम के खेल का नामो निशान नहीं है तो भला इस सुन्दर बाला का क्या कसूर है. यह भी सत्य है कि रुसी मिडिया में क्रिकेट जैसे खेल को शायद ही कोई तव्वज्जो मिलती हो. देखिए सचिन के प्रशंसक को यह जानकारी वाकई में दुःख हुआ होगा कि क्रिकेट के खेल इतिहास में महान सचिन के नाम के बगैर क्रिकेट अधुरा है तो उनके चाहने वालों का गुस्सा कुछ हद तक वाजिफ है. परन्तु हमें भावनाओं से ज्यादा व्यवाहरिकता को समझना होगा इन छोटी-मोटी बातों को इतना गंभीर विषय समझकर एक अंतरराष्ट्रीय खिलाडी की आलोचना नहीं करनी चाहिए. पिछले दो दिनों से मिडिया में यह मुद्दा बेवजह विवाद का विषय बना हुआ है. जबकि स्वयं सचिन इन बेफिजूल की बातों पर कभी ध्यान ही नहीं देते हैं. जबकि किसी भी खेल प्रेमी ने इस तरह का कोई सवाल नहीं उठाया कि टेनिस की दुनिया के दिग्गज ब्योन बोर्ग, जॉन मेकनरो, स्टेफी ग्राफ,रोजर फेडरर, भारत लिएंडर पेस जैसे खिलाडियों से अपरिचित हो. तब तो जरुर मुद्दा बनता है. वैसे भी ज्यादातर यूरोपियन देशों में क्रिकेट खेली ही नहीं जाती है तो भला इस खेल से जुड़े दिग्गज खिलाडी के बारे में जानकारी से भला क्यों चर्चा का विषय बन जाता है.
लेकिन एक ओर अंतरराष्ट्रीय खिलाडी होने के नाते अन्य खेलों के दिग्गज खिलाडियों की भी जानकारी अवश्य रखनी चाहिए. जैसे यदि फुटबाल की बात करें और पेले को ना पहचाने, होकी की बात हो हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचन्द, मार्शल आर्ट में ब्रुश ली, क्रिकेट में ब्रेडमेन और सचिन, धावक कार्ल लेविस, पर्वतारोहण में हिलेरी और तेनसिंह, बास्केटबॉल में माइकल जॉर्डन, स्क्वाश में जहाँगीर खान, मुक्केबाज मोहम्मद अली, कुश्ती में दारा सिंह, कार रेसर माइकल शुमाकर, बिलियर्ड्स में वर्ल्ड चेम्पियन माइकल फरेरा, तैराकी में माइकल फेल्प्स, गोल्फर टाइगर वुड, जैसे अंतरराष्ट्रीय खिलाडियों की लम्बी लिस्ट है जिसके बारे में कोई भी खिलाडी तो बात ही छोडिये खेल प्रेमी भी भली भांति परिचित हैं. जहाँ तक सचिन की बात की जाए तो वे शुरू से ही अन्य खेलों को तथा खिलाडियों के आलावा खेल प्रेमियों को भी पूरा सम्मान देते हैं. क्रिकेट के इस महान खिलाडी ने अपने देश में दयनीय दौर से गुजर रहे हाकी, फुटबाल जैसे खेलों के खिलाडियों व खेल के प्रोत्साहन के लिए हमेशा अग्रणी रहे हैं. ऐसे महान खिलाडी के प्रति अनभिज्ञता कुछ हजम नहीं होती है वे क्रिकेटर ही नहीं अन्य खेलों में जानकर के साथ साथ बखूबी रूचि भी रखते हैं. इतनी आलोचना होने के बाद शायद रुसी टेनिस सुन्दरी शारापोवा अब शेन वार्न की तरह सपने में भी सचिन को देखा करेगी.