रोज़ नए घोटाले खुलते मेरे हिंदुस्तान में

एम् के गुप्ता 
रोज़ नए घोटाले खुलते मेरे हिंदुस्तान में
लोकतंत्र का चीर हरण हुआ है रामलीला मैदान में
टीअर गैस के गोले चलते, वह भी आधी रात में
निहात्ती नारीओं पर डंडे बरसते, रामलीला मैदान में

इमानदार प्रधान मंत्री की महा भ्रष्ट सरकार है
कोर्ट को करना पड़ता सरकारी काज है
कुछ नेता समझते , देश मिला सौगात में
उनको चनोती दे सके , है किसकी औकात में

विदेशी बैंकों में  काला धन बेहिसाब है
राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करो, ये ही बस पुकार है
बैमानो से लड़ने को, मजबूत लोक पाल हथियार है
दूसरे गाँधी मिले देश को, समय की यही दरकार है