प्रेमबाबू शर्मा
भारत की पहली महिला मित्रता फिल्म ‘एंग्री इंडियन गौड़ेसेस’ भारत में रिलीज़ से पहले ही 60 देशों में बेचीं जा चुकी है इसके बावजूद भारत में इस फिल्म के रिलीज़ को लेकर परेशानी हो रही है। बता दे की फिल्म पर सेंसर बोर्ड की खूब कैंची चली है। फिल्म के कई सीन काट दिए गए हैं। फिल्मों में महिलाओं द्वारा इस्तेमाल किये गए अभिशाप शब्द हटा दिए गए हैं जबकि हाल ही रिलीज़ हुई फिल्म में पुरूषों द्वारा इस्तेमाल किये गए अभिशाप शब्दों को ना काटते हुए ‘ए’ सर्टिफिकेट दे दिया गया है। इतना ही नहीं इस फिल्म में ‘माल’, ‘आदिवासी’ और ‘इंडियन फिगर’ जैसे शब्दों को फिल्म से निकल दिया गया है। जो फिल्म पूरी दुनिया द्वारा सराही जा रही है उस फिल्म को अपने ही देश में रिलीज़ के लिए कठनाईओं से गुज़रना पढ़ रहा है।
इन सब के अलावा सबसे एहम बात इस फिल्म में देविओं की तस्वीरों को धुंदला कर दिया गया है, इतना ही नहीं सेंसर बोर्ड ने तो इस फिल्म के नाम से ‘गौड़सेसेस’ शब्द को भी हटाना को कहा था, भाग्यवश फिल्म के टाइटल पर कोई कैंची नहीं चली है।
फिल्म एंग्री इंडियन गौड़ेसेस के प्रोडूसर गौरव ढींगरा ने इस बारे में बताते हुए कहा है ‘ सेंसर बोर्ड ने हमे इस फिल्म में जितने भी सीन काटे हैं सब के सब हास्यास्पद हैं जिन्हें फिल्म से हटाने की कोई वजह ही नहीं है।फिल्म में कई शब्दों को म्यूट किया गया है जबकि उन दृश्यों में उन शब्दों का होना ज़रूरी है। मुझे समझ नहीं आता जिस फिल्म को पूरी दुनिया पसंद कर रही है उसी फिल्म को अपने ही देश में रिलीज़ के लिए मुश्किलों का सामना क्यों करना पद रहा है। फिल्म में देवियों की तस्वीरों को धुंदला कर दिया गया है। क्या हमारा सेंसर सेंसर बोर्ड महिलाओं को अपनी आवाज़ उठाने का मौका नहीं देना चाहता है। जहाँ पूरी दुनिया की महिलाएं इस फिल्म को पसंद कर रही हैं और वही दूसरी ओर अपने ही देश में फिल्म पर कैंची चलाकर महिलाओं की आवाज़ को दबाया जा रहा है।