जैन समाज द्वारका (पंजीकृत) प्रतिवर्ष द्वारका में 14-15 दिन के लिए एक अस्थायी मंदिर स्थापित करके दशलक्षण धर्म (पर्यूषण पर्व) एवं क्षमावाणी पर्व महोत्सव मनाता आ रहा है। इस वर्ष दिनांक 2 सितम्बर 2011 से 13 सितम्बर 2011 तक एलिजिबल ग्रुप हाउसिंग सोसायटी, प्लाट सं. 38, सेक्टर-10, द्वारका के कम्यूनिटि हाल में यह महोत्सव बड़ी धूम-धाम से मनाया जाएगा । प्रात: 6 बजे से 10 बजे तक अभिषेक, पूजा-अर्चना इत्यादि तथा सायं 7 बजे से 9 बजे तक आरती, प्रवचन, धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। दिनांक 18 सितम्बर 2011, रविवार को यहां क्षमावाणी पर्व महोत्सव का भी आयोजन होगा, जिसमें राजनैतिक तथा समाज के गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति भी रहेगी ।
दशलक्षण धर्म एवं क्षमावाणी पर्व आत्मशुद्धि का शाश्वत पर्व है, जिसमें धर्म के 10 लक्षण-उत्तम क्षमा, मार्दव (मृदुता), आर्जव (सरलता), सत्य, शौच (शुचिता), संयम, तप, त्याग, आकिंचन (अपरिग्रह), ब्रह्मचर्य को क्रम से एक-एक दिन आत्मसात किया जाता है। यह पर्व क्षमा से प्रारंभ होता है और क्षमावाणी पर ही समाप्त होता है । उत्तम क्षमा को धारण करने के बाद उत्तम ब्रह्मचर्य तक की साधना आत्मा को परमात्मा तक पहुंचाती है ।
क्षमावाणी के दिन सभी व्यक्ति निर्मल भाव से परस्पर होने वाली मनो-मलीनता एवं त्रुटियों को दूर कर आपस में क्षमा मांगते हैं ।
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