देश के निर्माण हेतु युवा पीढ़ी आगे आये – प्रीती शर्मा

प्रीती शर्मा

-सचिव- दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस


अपने बचपन के यादगार क्षणो के बारें में बताएं।
भारत के आठवें राष्ट्रपति श्री आर. वेंकटरमण जी से राष्ट्रपति भवन में हुई मुलाकात आज भी याद है जब उन्होंने मुझसे कहा था की आप पढाई के साथ-साथ दूसरी गतिविधियों में भी भाग लेना ।

अपने पारिवारिक परिवेश का खुलाषा करें।
मैंरा संबंध एक शिक्षित, जागरूक और मध्यमवर्गीय परिवार से है।

अपनी शिक्षा के बारें में बताएं।
प्राथमिक बालिका विधालय (कराला, नई दिल्ली ) से मैंने कक्षा ५ तक की तथा राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विधालय, (कराला, नई दिल्ली ) से कक्षा 6 और 7 की शिक्षा पायी। फिर युवा शक्ति मॉडल स्कूल , बुद्ध विहार फेज -1 से 10 वीं तथा राजकीय ( संयुक्त) उच्चतर माध्यमिक विधालय, (कंझावला, नई दिल्ली) से 1993 में 12 वीं की परीक्षा उतीर्ण की। 1996 में कला-स्नातक (ग्रेजुएशन) श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, दिल्ली विश्वविधालय से उतीर्ण की । 1999 में कला-निष्णांत (पोस्ट-ग्रेजुएशन) श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, दिल्ली विश्वविधालय से उतीर्ण की । 2002 में गुरु जम्भेश्वर विश्वविधालय, हिसार, हरियाणा से पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर साइंस और ऑक्सफ़ोर्ड सॉफ्टवेयर इंस्टिट्यूट (साउथ एक्सटेंशन) से आई. टी. प्रोफेशनल सर्टिफाइड प्रोग्रामिंग का कोर्स किया।


खाली समय में आप क्या करती है ?
देखिए पहली बात तो यह कि मुझे बहुत ज्यादा खाली समय मिल ही नहीं पाता । क्योकि मेरी जिम्मेदारियां तीन तरह की है पारिवारिक, सामाजिक और राजनितिक। बच्चे अभी इतने बड़े नहीं है कि अपने सभी काम खुद कर सके लेकिन संयुक्त परिवार होने के कारण मुझे कोई परेशानी नहीं होती परिवार के बाकि सदस्य बच्चों का पूरा ध्यान रखते है और मैं बाकी दोनों तरह के किर्याक्लापों में पूरा समय दे पाती हूं । फिर भी मुझे अचानक कभी कोई खाली दिन मिल जाता है तो टीवी देख लेती हूँ या फिर भरपूर नींद लेती हूं ।

आपकी रोल मॉडल कौन-कौन सी महिलाए हैं।
श्रीमती विजयालक्ष्मी पंडित जी , श्रीमती सुचेता कृपलानी जी और श्रीमती इंदिरा गाँधी जी

एक अच्छे नेता में क्या गुण होने चाहिए। 
दृढ़ और सबल चरित्र, विनम्र, शालीन , मृदुभाषी, ईमानदारी, सामाजिक व्‍यवहार की क्षमता, जिम्मेदार, शिष्टता, वक्त की पाबंदी और बुद्धिमत्ता आदि कुछ ऐसे अत्‍यंत बुनियादी गुण हैं, जिन्‍हें कोई भी जागरूक नागरिक अपने नेता के भीतर देखना चाहेगा।

राजनीति में आने वाली महिलाओं के लिए क्या सन्देश देना चाहती हैं ?
भारत में महिलाओं के लिए राजनीति के क्षेत्र में काम करना एक चुनौतीपूर्ण काम है और राजनीति में आने वाली महिलाओं को इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए और सकारात्मक सोच के साथ काम करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। यदि किसी को भी अपने आप पर भरोसा है कि वह राजनीति के क्षेत्र में बेहतर कर सकती है तो आने वाला समय महिलाओं के लिए बहुत उपयुक्त है और कोई भी बहन बहुत आगे तक जा सकती है । आज राजनीति को लेकर युवां वर्ग (जिसमे महिलाओं की संख्या भी अच्छी खासी है) ने जो जबर्दस्त उत्साह दिखाया है यह देश की राजनीति के लिए बहुत ही अच्छी बात है। गत कुछ घटनाओं ने सरकारों को महिलाओं के लिए विशेष कानून बनाने और महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएं देने की दिशा में काम करने के लिए बाध्य किया है। हमारे देश के विचारशील नागरिक निश्चित रूप से महिलाओं के राजनीति में आने का समर्थन करते हैं लेकिन फिर भी भारतीय राजनीति में महिलाओं को उचित स्थान दिलाने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है । भारतीय राजनीती में महिलाओं का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। मुझे कोई संदेह नहीं है कि हम नई ऊंचाइयां पार करेगीं और आने वाले समय में स्थितियां और भी बेहतर होगी ।

देश में किन समस्यों से निपटने की जरूरत है?
आज के समय में नक्सलवाद और आतंकवाद और इससे जुड़े हुए मुद्दे चिंता का प्रमुख कारण हैं। साथ ही हमारे यहां गरीबी, अशिक्षा और अनेक बिमारियों से मुक्ति पाने की कोशिश करना जो कि अभी भी लाखों लोगों के कष्ट का कारण है। यही प्रमुख समस्याएं है और इनका समाधान खोजना होगा । 


और राजधानी में किन समस्यों से निपटने की जरूरत है?
राजधानी में हर व्यक्ति के लिए मुलभुत सुविधाएं जैसे कि रोटी, कपडा, मकान, शिक्षा और स्वास्थ्य उपलब्ध कराना तथा कानून व्यवस्था सुद्रढ़ करना और बेहतर यातायात प्रबन्धन की दिशा में काम करने की बहुत आवश्यकता है ।

कालेज के दिनों में आपकी सामाजिक व राजनैतिक सक्रियता। 
कॉलेज के दिनों से ही मैं कॉलेज के विभिन्न किर्याक्लापों में सक्रिय रूप से भाग लेती आई थी और मुझे कॉलेज के छात्र संघ और सांस्कृतिक समिति के विभिन्न पदों पर काम करने का अवसर और अनुभव भी मिला ।

कांग्रेस पार्टी से संबंध कब से है ?
जहां तक कांग्रेस पार्टी से संबंध की बात है तो बचपन से ही मैं अपने परिवार को इस पार्टी से संबंधित देखा है और मैंने तो कॉलेज में जाने के साथ ही कांग्रेस के छात्र इकाई भारतीय राष्ट्रिय छात्र संगठन से अपने को जोड़ लिया था और कॉलेज के दिनों से ही मेरा रुझान कांग्रेस के प्रति रहा है बाद में मैंने भारतीय युवां कांग्रेस में रहकर भी काम किया और अब 35 वर्ष की होने पर संगठन ने मेरी पार्टी के प्रति निष्ठां और योगदान को देखते हुए मुझे दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस की सचिव के पद पर काम करने का शुअवसर प्रदान किया है।

पार्टी के लिए आप क्या योगदान कर रहीं हैं।
दिल्ली की महिलाओं को अपने संगठन से जोड़ने की एक ईमानदार कौशिश कर अपने संगठन को मजबूती देने की दिशा में जो भी मुझ से बन पाता है वो मैं पूरी ईमानदारी से करने की कौशिश करती हुं ।

देश के सर्वांगीण विकास में महिलायो का क्या योगदान हो सकता है।
भारत के सर्वांगीण विकास में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान है। इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि पिछले कुछ दशकों से ज्‍यों-ज्‍यों महिलाओं ने राजनीति में दिलचस्पी दिखाई है और देश में महिलाओं की शिक्षा दर में वृद्धि हुई है, भारत विकास के पथ पर अग्रसर हुआ है। इसने न केवल मानव संसाधन के अवसर में वृद्धि की है, बल्‍कि घर के आँगन से ऑफिस के कैरीडोर के कामकाज और वातावरण में भी बदलाव आया है।
महिलाओं के शिक्षित होने से न केवल बालिका-शिक्षा को बढ़ावा मिला, बल्‍कि बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य और सर्वांगीण विकास में भी तेजी आई है। महिला साक्षरता से एक बात और सामने आई है कि इससे शिशु मृत्‍यु दर में गिरावट आ रही है और जनसंख्‍या नियंत्रण को भी बढ़ावा मिल रहा है। हालाँकि इसमें और प्रगति की गुंजाइश है। स्‍त्री-पुरुष समानता के लिए जागरूकता जरूरी है।

वर्तमान समय में किस कार्य में व्यस्तता है।
अभी 23 मार्च को ही दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस की तरफ से एक होली मिलन समारोह का आयोजन किया है और 31 मार्च को दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित जी के जन्मदिवस पर दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्षा श्रीमती आभा चौधरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को लेकर मुख्यमंत्री को शुभकामनाये देने का कार्यक्रम है ।

साक्षात्कार : एस एस डोगरा 


Hili Milan Samaroh at Raj Nagar-II, Palam Colony