डीडीए के सहयोग से सीसीआरटी द्वारा शुरू किया गया वृक्षारोपण अभियान

(द्वारका परिचय न्यूज डेस्क)

7जुलाई, 2020: सांस्कृतिक स्रोत और प्रशिक्षण केंद्र ( संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान, जो शिक्षा को संस्कृति से जोड़ने के क्षेत्र में काम कर रहा है) ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (द्वारका जोन) के बागवानी विभाग के साथ मिलकर वृक्षारोपण अभियान चलाया है। सीसीआरटी द्वारा आज अपने मुख्यालय – 15-ए, सेक्टर -7, द्वारका, नई दिल्ली में “संकल्प पर्व” को सुदृढ़ करने, वृक्षारोपण करने तथा पर्यावरण को स्वच्छ व स्वस्थ बनाने के लिए अपने स्तर पर प्रेरित करने की पहल की गई । इस अवसर पर संस्था की अध्यक्ष डॉ हेमलता एस मोहन ने कहा कि वृक्ष लगाना हमारी परम्परा का महत्त्वपूर्ण अंग है । वृक्ष हमारे वातावरण को शुद्ध रखते तथा हमें ऑक्सिजन देते हैं। वृक्षारोपण हमारी दुनिया को कायाकल्प करने तथा हमारे जीवन को सुरक्षित रखने का उपक्रम है। पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए श्री ऋषि कुमार वशिष्ठ, निदेशक (सीसीआरटी) ने कहा, “हम मानते हैं कि वृक्षों का रोपण वायु प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ हमारे पर्यावरण की रक्षा करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मैं वृक्षारोपण की पहल को देखकर खुशी अनुभव कर रहा हूं। यह उत्साह डीडीए द्वारा भी प्रदर्शित किया गया। आइए हम प्रतिज्ञा करें, न केवल वृक्षारोपण करें, बल्कि उनका पोषण भी करें ”।

डीडीए के उद्यान विभाग के पश्चिम जोन के निदेशक श्री चाहर ने सीसीआरटी को वृक्षारोपण में मदद का आश्वासन दिया कि पौधों की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में करवाई जायेगी।
डीडीए के बागवानी विभाग की नेतृत्व टीम ने श्री फुलवर सिंह चाहर – निदेशक ( डीडीए उद्यान विभाग, पश्चिम) और श्री आर.एन. यादव – अनुभाग अधिकारी ने वृक्षारोपण में भाग लिया। इस अवसर पर अध्यक्ष सीसीआरटी डॉ. हेमलता एस. मोहन और निदेशक सीसीआरटी, श्री ऋषि कुमार वशिष्ठ, डीडीए के पश्चिम ज़ोन के उद्यान विभाग के निदेशक श्री फुलवर सिंह चाहर, सीसीआरटी के उप निदेशक श्री राजेश भटनागर , डॉ. रवींद्रनाथ श्रीवास्तव, डॉ. राहुल कुमार और वीडिओ सम्पादक श्री एस.बी. वर्मा ने एक-एक पेड़ लगाया। सीसीआरटी द्वारा 28.06.2020 – 12.07.2020 तक “संकल्प पर्व” मनाया जा रहा है, जो लोगों को पेड़ लगाने , पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने के लिए प्रेरित करने की एक पहल है।