शिक्षकों की नियुक्तियों में स्क्रीनिंग लिस्ट से एडहॉक टीचर्स सिस्टम से हो रहे हैं बाहर,एपीआई स्कोर नहीं बना

  दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कॉलेजों में स्क्रीनिंग और स्कूटनी का कार्य जोरों पर चल रहा है। स्क्रीनिंग के बाद उन अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी की जा रही है जो यूजीसी गाइडलाइंस के अनुसार एपीआई स्कोर पूरा करते हैं उनके नाम  वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है। ऐसे अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में बुलाया जाएगा। इस लिस्ट के अनुसार 20 से 30 फीसदी वे एडहॉक टीचर्स जो पिछले दस वर्षों से कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं और जो एमए, एमकॉम, एमएससी आदि नेट ,जेआरएफ करके लगे हुए हैं वे सिस्टम से बाहर हो जाएंगे।इसको लेकर एडहॉक शिक्षकों में खलबली मची हुई है ,इंटरव्यू में ना बुलाए जाने पर गहरा रोष व्याप्त है।

            आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रभारी (इंचार्ज ) प्रोफेसर हंसराज ‘सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के लिए डीयू के विभिन्न विभागों और संबद्ध कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के पदों को भरने के लिए स्कूटनी और स्क्रीनिंग का कार्य चल रहा है।उन्होंने बताया है कि अभी तक 18 विभागों और विषयों की स्क्रीनिंग हो चुकी है इसके अलावा शिवाजी कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज ,सत्यवती कॉलेज में स्क्रीनिंग कर वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है।अपलोड के बाद जिन एडहॉक शिक्षकों ने सहायक प्रोफेसर के पदों के लिए आवेदन किया था उनका नाम एपीआई स्कोर पूरा न करने के कारण नहीं दिया है।उनका कहना है कि एडहॉक शिक्षक यूजीसी के इस नए क्राइटेरिया से सिस्टम से बाहर हो रहे हैं।साथ ही स्क्रीनिंग करते समय आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों का एपीआई स्कोर 60 से कम होने पर उन्हें भी बाहर किया जा रहा है। जबकि अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन और कॉलेज आरक्षित श्रेणी के सभी उम्मीदवारों को इंटरव्यू में बुलाते रहे हैं।

               प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि यूजीसी गाइडलाइंस के अनुसार कॉलेजों द्वारा तय किया गया शॉर्ट लिस्टिंग क्राइटेरिया के अंतर्गत सहायक प्रोफेसर पद के उम्मीदवारों को इंटरव्यू पर बुलाने के लिए — एपीआई स्कोर इस तरह तय किया गया है–

ग्रेजुएशन–80 फीसदी से अधिक–21 अंक , 60 से 80 के बीच –19 अंक, 55 से 60 –16 अंक ,45 से 55 के बीच –10 अंक का प्रावधान है।इसी तरह पोस्ट ग्रेजुएशन –80 से अधिक –25 अंक ,60 से 80 के बीच–23 अंक ,50 से 60 के बीच (एससी, एसटी, ओबीसी, पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों को 20 अंक दिए गए हैं। एमफिल–60 से अधिक–7 अंक यदि इससे कम है तो 5 अंक दिए जाते हैं। पीएचडी–25 अंक नेट/जेआरएफ–10 अंक , नेट –07 अंक है।इसके अतिरिक्त रिसर्च पब्लिकेशन–06 अंक  ,टीचिंग एक्सपीरियंस (शिक्षण अनुभव ) –10 दिए गए हैं।उन्होंने बताया है कि जो एडहॉक शिक्षक पिछले दस या उससे अधिक वर्षो से पढ़ा रहे हैं वे यूजीसी के नये क्राइटेरिया में सिस्टम से बाहर हो रहे हैं इनमें सबसे ज्यादा संख्या आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों की है उनके एपीआई स्कोर 60 से कम होने पर उसे इंटरव्यू में नहीं बुलाना एमएचआरडी के 5 दिसम्बर के सर्कुलर की अवहेलना करना है।साथ ही केंद्र सरकार की आरक्षण नीति की सरेआम उपेक्षा करना है।

            प्रोफेसर सुमन ने आगे बताया है कि अभी तक जिन कॉलेजों ने स्क्रीनिंग लिस्ट जारी की है उनमें- शिवाजी कॉलेज ,किरोड़ीमल कॉलेज और सत्यवती कॉलेज है।इन कॉलेजों में स्क्रीनिंग के बाद उन एडहॉक शिक्षकों को स्क्रीनिंग लिस्ट से बाहर कर दिया गया है।उनका कहना है कि एडहॉक शिक्षकों के गत वर्ष वाइस चांसलर के ऑफिस पर धरना / प्रदर्शन किया था तब एमएचआरडी ने 5 दिसम्बर को सर्कुलर जारी कर उसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि जब तक एडहॉक टीचर्स की परमानेंट नियुक्ति नहीं हो जाती है उन्हें निकाला नहीं जाएगा।साथ ही जब भी परमानेंट पदों पर इंटरव्यू होंगे उन्हें इंटरव्यू में वेटेज देते हुए प्राथमिकता दी जाएगी लेकिन वहीं दूसरी ओर उन्हें स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा एपीआई के नाम पर बाहर निकाला जा रहा है।

              प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि इन एडहॉक शिक्षकों में ज्यादातर इंग्लिश, इकनॉमिक्स, कॉमर्स और साइंस सब्जेक्ट्स के एडहॉक टीचर्स है जो एम ए, एम. कॉम, एमएस सी ,नेट, जेआरएफ के आधार पर एडहॉक टीचर्स लगे हुए हैं।प्रोफेसर सुमन ने चिंता जताई है कि केंद्र सरकार की आरक्षण नीति के तहत एससी/एसटी/ओबीसी कोटे के उम्मीदवारों को अंकों, आयुसीमा, अनुभव आदि में छूट दी जाती  है।साथ ही इंटरव्यू के समय सभी उम्मीदवारों को बुलाए जाने का प्रावधान है लेकिन यूजीसी की नई गाइडलाइंस में एडहॉक टीचर्स सिस्टम से बाहर हो रहे हैं।उनका कहना है कि पिछले दस से पंद्रह वर्षो से पढ़ा रहे ये एडहॉक टीचर्स जब दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने समय पर उनकी नियुक्ति नहीं की तो अब ये कहां जाएंगे ?

 प्रोफेसर सुमन  ने यूजीसी और दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर से मांग की है कि एमएचआरडी के 5 दिसम्बर 2019 के सर्कुलर को लागू करते हुए एडहॉक टीचर्स को परमानेंट अपॉइंटमेंट्स में इंटरव्यू के समय  बुलाया जाए साथ ही उन्हें प्राथमिकता देते हुए स्थायी किया जाए जैसा कि उस पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया गया है। ऐसा करने से वे सिस्टम में बने रह सकते हैं।

हंसराज ‘सुमन’
प्रभारी–दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन,
(आप शिक्षक संगठन )