Happy Mother’s Day poem by Pradeep Sardana

अपनी परम आदरणीय माँ जी राज सरदाना जी की स्मृति में मेरी उन पर लिखी एक कविता 

राज सरदाना
माँ का सिर पर हाथ हो
तो तूफान भी डरता है
कश्ती हो मजधार  में चाहे
किनारा तब भी मिलता है

माँ के होते मिलती है
जीवन को अदभुत शक्ति
तीर्थ सारे छोटे हैं
यदि मिल जाये माँ की भक्ति

माँ का एक आशीष
सहस्त्र शस्त्रों पर भारी है
युद्ध हो कितना भी कठिन
निश्चित जीत हमारी है

-प्रदीप सरदाना