तू भी खा – मैं भी खाऊं, ना तू शर्मा – ना मैं शरमाऊं

महेंद्र कुमार गुप्ता 
आरटीआई एक्टिविस्ट एवं सामाजिक कार्यकर्ता

 तू भी खा, मैं भी खाऊं,


ना तू शर्मा, ना मैं शरमाऊं

तू मुझे बचा , मैं तुझे बचाऊं,

तू भी मौज मना , मैं भी मौज मनाऊं 

चाहे जनता के सामने लड़ते जितना 

पर हमें है प्यार कितना

ना तू घबरा, ना मैं घबराऊँ …