राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) ने मारवाह स्टूडियो में आयोजित 13 वें ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ जर्नलिज्म में पाॅजिटिव मीडिया के एक दशक का जश्न 318वें कार्यक्रम के रूप में मनाया। “केवल सकारात्मकता, नकारात्मकता नहीं” के अपने मिशन के दस वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, इस कार्यक्रम में मीडिया के दिग्गजों, शिक्षाविदों और युवा पत्रकारों को सकारात्मक पत्रकारिता के प्रभाव पर विचार करने और तेजी से जटिल मीडिया परिदृश्य में इसके भविष्य की दिशा तय करने के लिए एकत्र किया गया।
आरजेएस पीबीएच के संस्थापक और राष्ट्रीय संयोजक, उदय कुमार मन्ना ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए संगठन की “सकारात्मक और समाधान-उन्मुख पत्रकारिता” के लिए समर्पित दस साल की यात्रा का विवरण दिया। कार्यक्रम के अध्यक्ष ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ जर्नलिज्म, मारवाह स्टूडियो के निदेशक डा.मनोज कुमार अग्रवाल और मुख्य अतिथि प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष गौतम लाहिरी ने आरजेएस पीबीएच के ‘पाॅजिटिव ब्राॅडकास्ट ऑन व्हील्स'(पीबीओडब्ल्यू) पहल का लोकार्पण किया। सभी अतिथियों का स्वागत आरजेएस पीबीएच राष्ट्रीय ऑब्जर्वर दीप माथुर ने किया और कहा कि आगामी स्वतंत्रता दिवस2025 पर सकारात्मक युगल जोड़ियों को सम्मानित किया जाएगा।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, गौतम लाहिड़ी ने आरजेएस पीबीएच के अटूट प्रयासों की सराहना की। लाहिड़ी ने कहा, “मैं आपको 318 कार्यक्रमों के लिए बहुत सकारात्मकता के साथ बधाई देना चाहता हूं; आपमें जो ऊर्जा है वह वास्तव में सराहनीय है,” उन्होंने सकारात्मक पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका और ऐसे प्रयासों के लिए प्रेस क्लब का समर्थन है।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने आधुनिक मीडिया में अक्सर व्याप्त भारी नकारात्मकता का मुकाबला करने में सकारात्मक पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। प्रसार भारती के कंसल्टेंट, उमेश चतुर्वेदी ने जोर देकर कि “मीडियाकर्मियों को पाॅजिटिव रहकर समाज की नकारात्मकता दूर करते रहना चाहिए।
।” दूरदर्शन के गुड न्यूज इंडिया की एंकर, शाहला निगार ने इस दृष्टिकोण को और मजबूत करते हुए आगाह किया, “अगर हम सकारात्मकता नहीं दिखाएंगे, तो नकारात्मकता फैलती रहेगी।” उन्होंने प्रेरणा देने के लिए सकारात्मक कहानियों की शक्ति पर प्रकाश डाला, जिसमें रोजमर्रा के नायकों और प्रभावशाली पहलों के उदाहरणों को दिखाया गया जो अक्सर मुख्यधारा के आख्यानों द्वारा अनदेखे कर दिए जाते हैं।
भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) के एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. पवन कुंडल ने डिजिटल युग द्वारा पेश की गई अनूठी चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत किया। उन्होंने समझाया कि कैसे “एल्गोरिथम संचालित सामग्री… आपको वही दिखाती है जो आपको पहले से पसंद है,” जिससे “इको चैंबर” बनते हैं जो सकारात्मक समाचार सहित विविध दृष्टिकोणों के संपर्क को सीमित कर सकते हैं।
इस कार्यक्रम में प्रो(डा.) के. जी. सुरेश पूर्व कुलपति माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा भेजा गया पाॅजिटिव मीडिया के लिए शुभकामना संदेश सुनाया गया,जिसका वाचन आकांक्षा मन्ना ने किया।
कार्यक्रम का समापन सकारात्मक मीडिया पुरस्कारों के साथ हुआ। फेस्टिवल के निदेशक प्रोफेसर डॉ. मनोज कुमार अग्रवाल ने सकारात्मक मीडियाकर्मियों को सम्मानित किया ।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रो.(डा.) आकृति सिंह डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर,आफ्ट यूनिवर्सिटी ने कहा कि आरजेएस पीबीएच के रचनात्मक रिपोर्टिंग का समर्थन करने वाले पत्रकारों को सम्मानित करना पाॅजिटिव जर्नलिज्म को बढ़ावा देना है।
पुरस्कृत लोगों के नाम निम्नलिखित हैं —
उदय कुमार मन्ना, संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक आरजेएस पीबीएच,
गौतम लाहिरी अध्यक्ष प्रेस क्लब ऑफ इंडिया,
शहला निगार, एंकर- गुड न्यूज इंडिया, दूरदर्शन, डीडी न्यूज़.नई दिल्ली.
डॉ. पवन कौंडल, सह – प्राध्यापक भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली,
उमेश चतुवेर्दी समाचार आकाशवाणी सलाहकार प्रसार भारती,नई दिल्ली
लाल सिंह पत्रकार अमर उजाला, नोएडा.
प्रखर वार्ष्णेय हेड- डेली डायरी न्यूज़.
आदेश शर्मा वायुदूत न्यूज़ नेटवर्क,
ओंकार भारद्वाज मुख्य संपादक दर्पण टाइम्स (राष्ट्रीय हिंदी दैनिक),
प्रमोद यादव संपादक, यूपी न्यूज एक्सप्रेस ,
पीतम सिंह संपादक साई मीडिया,
शिवकुमार यादव संपादक नजफगढ़ मेट्रो नई दिल्ली,
मुकेश भोगल संपादक समाचार निर्देश नई दिल्ली,
दीप माथुर आरजेएस पीबीएच ऑब्जर्वर ,
राजेंद्र सिंह कुशवाह अतिथि संपादक पाॅजिटिव मीडिया न्यूज़ लेटर,
डॉ.चन्द्रभान सिंह संकाय सदस्य आरजेएस पॉजिटिव मीडिया,
आकांक्षा एंकर आरजेएस पीबीएच – आरजेएस पॉजिटिव मीडिया,
स्वीटी पॉल संकाय सदस्य. आरजेएस पीबीएच,नई दिल्ली
आरजेएस पीबीएच-आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया अपनी पहुंच का विस्तार करने की महत्वाकांक्षाओं को रेखांकित किया, जिसका उद्देश्य “सांसदों” विधायकों आम लोगों और “स्कूलों” में जनता और युवा पीढ़ियों के साथ सीधे जुड़कर सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना है।