सात साल से ज्यादा समय से चल रहे आरजेएस सकारात्मक भारत-उदय आंदोलन को नई ऊर्जा प्रदान करने के लिए दिल्ली और पटना से संरक्षक व प्रभारी आगे आए हैं जिनकी अगुवाई में निरंतर बैठक आयोजित की जाएंगी।
सकारात्मक भारत-उदय आंदोलन के संरक्षक के रूप में सकारात्मक व्यक्तित्व के स्वामी जनसेवी चौधरी इंद राज सिंह सैनी, सुरजीत सिंह दीदेवार , विनोद बंसल, दिलीप वर्मा और प्रभारी के रूप में डा.मुन्नी कुमारी का नाम सामने आया है।
रामजानकी संस्थान(आरजेएस) के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने बताया कि आरजेएस सकारात्मक भारत-उदय बैठकों की श्रृंखला का तीसरा चरण 21 अक्टूबर 2022 को एक सौ बासठवीं और एक सौ तिरेसठवीं बैठकों से शुरू हो रहा है। 21 अक्टूबर को पर्वों और त्यौहारों का जीवन में महत्व विषय पर चर्चा करने के लिए, ए-वन, स्वरूपनगर,जीटी करनाल रोड,दिल्ली में चौधरी इंद राज सिंह सैनी और नजफगढ़,नई दिल्ली में शिक्षाविद विनोद बंसल बैठकें करेंगे । बिहार की राजधानी पटना में 23 अक्टूबर को आरजेएस के वर्तमान प्रभारी ओमप्रकाश झुनझुनवाला डॉक्टर मुन्नी कुमारी को नए प्रभारी के रूप में पदभार सौपेंगे। कार्यक्रम में पर्वों और त्यौहारों में सकारात्मक संस्कृति पर चर्चा करने के लिए मुख्य अतिथि शिक्षाविद् डा. पूर्ण नाथ कुमार, आरजेएस एडवाइजर, ऑब्जर्वर और नए संरक्षक रैना इन्फोटेक पटना के निदेशक दिलिप वर्मा भी उपस्थित रहेंगे।
आनेवाले दिनों में सकारात्मक भारत के लिए सभी संरक्षकों और प्रभारियों की देखरेख में उनके दस किलोमीटर के दायरे में रहने वाले गणमान्य बुद्धिजीवियों के साथ निरंतर बैठकें आयोजित कर विकास के लिए सकारात्मक समाज के महत्व को प्रतिपादित किया जाएगा ।
श्री मन्ना ने कहा कि भारत में फैली नकारात्मकता को दूर करने के लिए आरजेएस पूरे देश में बिगुल बजा दिया है ।इसकी बानगी रविवार 16 अक्टूबर को कंज्यूमर ऑनलाइन फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित आरजेएस की आजादी की अमृत गाथा की छियानबेवें कार्यक्रम में देखने को मिली, जब देश- विदेश के 1सौ से ज्यादा लोग वर्चुअली एक मंच पर भ्रामक विज्ञापन को रोकने के लिए कठोर कानून की आवश्यकता पर बल दिए। हर रविवार सफल आरजेएस वेबिनार की सफलता से उत्साहित होकर आरजेएस फैमिली के सलाहकार प्रोफेसर बिजाॅन कुमार मिश्रा और ऑब्जर्वर दीप माथुर ने नवंबर में दिल्ली में आजादी की अमृत गाथा के स्वर्ण जयंती महोत्सव को भव्य पैमाने पर फिजिकल और वर्चुअल करने की घोषणा की ।