संयुक्त राष्ट्र के सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस 12 सितंबर के अवसर पर सतत् विकास लक्ष्य के लिए “स्वास्थ्य में सरकार की जिम्मेदारियां” विषय पर आरजेएस पीबीएच का 294वां ऑनलाइन संस्करण विश्व भारती योग संस्थान के सहयोग से आयोजित किया गया। राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस और आरजेएस पॉजिटिव मीडिया के संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व आईएएस अधिकारी डा.अरूण कुमार पांडा ने आरजेएस के गणतंत्र दिवस पर प्रवासी माह(15दिसंबर2024 -15 जनवरी 2025)के बैनर का ऑनलाइन लोकार्पण किया।
15 जनवरी 2025 को दिल्ली में सकारात्मक प्रवासी भारत-उदय सम्मान प्रदान किया जाएगा। विश्व भारती योग संस्थान के संस्थापक निदेशक आचार्य प्रेम भाटिया ने अपने माता-पिता स्व० श्रीमती शांति भाटिया और स्व० श्री आनंद मुनि(नंदलाल भाटिया) को श्रद्धांजलि दी।
श्री भाटिया ने कार्यक्रम का शुभारंभ अपने माता-पिता के प्रिय दो मंत्रों को पढ़कर किया। ओम जीवेत शरद: शतम्- वेद मंत्र से शतायु होने की कामना की वही महामृत्युंजय मंत्र का संदेश दिया जिसे दुनिया से विदा होते समय किसी को कोई कष्ट ना हो।
उन्होंने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार में पूर्व एडिशनल सेक्रेटरी डॉक्टर अरुण कुमार पांडा(पूर्व आईएएस अधिकारी)और अध्यक्षता कर रहे आई एम ए के पूर्व महासचिव डॉ डी आर राय तथा मुख्य वक्ता दिल्ली मेडिकल काउंसिल के उपाध्यक्ष डॉ नरेश चावला का स्वागत किया।
मुख्य अतिथि डॉक्टर पांडा ने कहा की सरकार कम्युनिकेबल डिसीजिज पर ध्यान देने के साथ-साथ लोगों के मानसिक स्वास्थ्य देखभाल का भी प्रयास कर रही है ।एम्स जैसे अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का इजाफा हो रहा है। ड्रग और डायग्नोस्टिक के लिए एनएचएम में प्रयास किया गया है ,जैसे इंद्रधनुष कार्यक्रम के द्वारा टीकाकरण और इम्यूनाइजेशन बढ़ा है। बाल मृत्यु दर को रोकने के लिए सरकार ने डायरिया और निमोनिया को रोकने का प्रयास किया है।
कोरोना काल में सरकार ने वैक्सीनेशन से मृत्यु दर को रोका वहीं अब आयुष्मान व जन आरोग्य योजना और जेनेरिक दवाईयां तथा इंश्योरेंस क्षेत्र आदि में सुधार किया गया है।70 वर्ष से अधिक उम्र के लिए आयुष्मान वय योजना सभी। बुज़ुर्गों के लिए सरकार का अच्छा कदम है।
डॉ डी आर राय ने कहा कि यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज से सभी को स्वास्थ्य सेवाएं तभी उपलब्ध होगी जब उस सेवा को लेने के लिए लोग सक्षम हों और उनके पास रोजगार हो। अगर प्राइमरी हेल्थ सेंटर को मजबूत कर दिया जाए, अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी दूर हो जाए और इंफ्रास्ट्रक्चर की अत्याधुनिक सुविधा हो जाए तो सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज साकार हो सकता है।
डॉक्टर नरेश चावला ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार केवल सरकार व निजी क्षेत्र से नहीं आ सकता बल्कि जनता को भी स्वस्थ रहने का प्रयास करना होगा, तभी सार्वजनिक स्वास्थ्य कवरेज और संयुक्त राष्ट्र का स्वास्थ्य सेवाओं में न्यूनतम मानक 2030 तक प्राप्त करने का लक्ष्य पूरा हो पाएगा।