भारत सरकार के आजादी का अमृत महोत्सव में जनभागीदारी करते हुए रामजानकी संस्थान, आरजेएस,नई दिल्ली ने पचहतरवीं वर्षगांठ पर रविवार 14 अगस्त 2022 को आजादी की अमृत गाथा कार्यक्रम के चौरासिवें कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वेबिनार में ओपनिंग रिमार्क्स जानेमाने कंज्यूमर ऐक्टिविस्ट और आरजेएस सलाहकार प्रो बिजाॅन कुमार मिश्रा ने किया और सकारात्मक यात्राओं और श्रृंखलाबद्ध अमृत गाथा को निरंतर जारी रखने का संकल्प दुहराया।
आरजेएस के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने कहा कि ये वेबिनार इमिरिटस प्रोफेसर डा प्रेमचन्द डांडिया के सानिध्य में किया गया। छियानवे वर्षीय डा.डांडिया ने लखनऊ में आजाद भारत की प्रथम महिला राज्यपाल सरोजिनी नायडू की उपस्थिति में ब्रिटिश झंडे को उतरते और राष्ट्रीय ध्वज को फहरते देखा तो वह खुशी से रातभर जगे रह गए। वेबिनार में धर्मपत्नी श्रीमती रंजनबेन सेठ के साथ शामिल मुख्य अतिथि बड़ोदरा निवासी प्रफुल्ल डी सेठ ने कहा कि पंद्रह अगस्त ,उन्नीस सौ सैंतालीस को पिताजी नया रेडियो लेकर आए ,जिसने आजाद भारत की जानकारी दी।
मुख्य अतिथि बड़ोदरा, गुजरात के जानेमाने फार्मासिस्ट प्रफुल्ल डी सेठ और रंजनबेन सेठ ने कहा कि आरजेएस की मुहिम रंग ला रही है और लोग जागरूक भी हो रहे हैं। आजादी की लड़ाई में गर्म दल और नरम दल दोनों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आज हम सब उन वीरों और वीरांगनाओं को याद करते हुए अपनी आजादी की पचहतरवीं वर्षगांठ का जश्न मना रहे हैं। आरजेएस फैमिली ने उन महापुरुषों के नाम पर अवार्ड घोषित कर एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।मेरे नाना जी मूलजीभाई त्रिभुवनदास तलाती की स्मृति में गांधी जी के प्रिय भजन “वैष्णव जन तो तेने कहिए” के रचयिता नरसी मेहता के नाम आरजेएस राष्ट्रीय सम्मान2022 उनमें से एक है। उन्होंने अपने मेंटोर डा डांडिया द्वारा आजादी के बाद राजस्थान में दवाइयों के सस्ते मूल्य पर उपलब्ध कराने की मुहिम की भूरि भूरि प्रशंसा की।
ऑल इंडिया वूमनंस कांफ्रेंस की संरक्षक श्रीमती बीना जैन ने कमजोर वर्गों को राष्ट्रीय पर्वों पर दिवस के महत्व बताने का आह्वान किया। समाजसेवी आरएस सुंदरम ने स्वलिखित राष्ट्र वंदना प्रस्तुत किए वहीं आर एस कुशवाहा और नीरू जैन ने अपनी शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर राज्यों के आरजेएस प्रभारी ओमप्रकाश झुनझुनवाला, लेखक डा बिनय कुमार बिष्णु पुरी , ,डा आरके गुप्ता, डा मुन्नी कुमारी,प्रियंका सिन्हा,रजत कुमार,सोनू मिश्रा,वैभव भारद्वाज, प्रेम प्रभा झा लय आदि मौजूद रहे और आजादी के जश्न को यादगार बनाए।