आज राम जानकी संस्थान पीबीएच राष्ट्र प्रथम, भारत एक घर, विश्व एक परिवार तथा सकारात्मक विचारों का प्रचार किस प्रकार से हो । दो दिवसीय (2और 3 सितंबर 2023) पाॅजिटिव मीडिया प्रबोधन कार्यशाला का आयोजन ऑन लाइन माध्यम से किया गया ।
वेबिनार में ओपनिंग रिमार्क्स आरजेएस ऑब्जर्वर दीपचंद माथुर ने किया। अतिथियों का स्वागत करते हुए सह-आयोजक सोमेन कोले- सचिव टीजेएपीएस केबीएसके ने आरजेएस पीबीएच का अगला कार्यक्रम इक्कीस जनवरी 2024 को करने और आरजेएसिएन्स भाई-बहनों को पश्चिम बंगाल आने का न्योता दिया। उन्होंने आरजेएस पीबीएच की मजबूती पर बल दिया।
वेबीनार का उद्घाटन करते हुए माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता संस्थान, भोपाल में प्रोफेसर तथा आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक प्रो.(डा.) संजय द्विवेदी ने आरजेएस पीबीएच के सकारात्मक भारत-उदय आंदोलन की तारीफ की। संवाद की आवश्यकता पर उन्होंने बल दिया । संवाद कभी नकारात्मक नहीं हो सकता है । उन्होंने भारतीय मीडिया का भारतीय करण करने की जरूरत बताया । मीडिया पश्चिम की उपज है । आज मीडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती समाज के सामने सच लाने की है । आज हेट न्यूज ,फेक न्यूज की चुनौती मीडिया के सामने है । आज फेक न्यूज से लड़ना है ।सोशल मीडिया पर फैक्ट चेक करके ही फारवर्ड करें । उन्होंने कहा कि फेक मत लाइक करो और न ही फारवर्ड करो । उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच वालों को मीडिया में प्रमुख स्थान देने से श्रेष्ठ भारत का निर्माण किया जा सकता है। ये ही सकारात्मक पत्रकारिता से सकारात्मक भारत निर्माण है। डा.संजीव भानावत पूर्व प्रमुख, सेंटर फॉर मास कम्युनिकेशन राजस्थान विश्वविद्यालय,ने कहा कि भारत ही वो देश है जिसमें अखबार अपनी लागत मूल्य से बेहद कम दाम पर उपलब्ध होता है । उन्होने बताया कि हम आकाशवाणी दूरदर्शन युग के हैं । हमने आकाशवाणी दूरदर्शन से उच्चारण तथा मीडिया स्किल सीखा है । आज मोबाइल में ही स्कूल आ गया है जिसकी कल्पना हम नहीं करते थे । कृत्रिम बुद्धिमत्ता की चुनौती आज मीडिया के सामने है ।
आकाशवाणी के न्यूज एंकर तथा करेंट एफेयर्स प्रोग्राम पेश करने वाले निशीथ कुमार ने फेक न्यूज के प्रकारों के विषय में बताया । उन्होने कहा कि एक न्यूज एंकर को न्यूज पढ़ते समय स्पष्ट वॉयस की आवश्यकता होती है। न्यूज एंकर को न्यूज पढ़ते समय हल्का विराम भी देना चाहिए न कि लगातार समाचार पढ़ते रहें । उन्होंने बताया कि अपना उच्चारण सुधारने के लिए रेडियो सुनें तथा टीवी देखें और अपनी आवाज को रिकार्ड करें फिर सुनें इस तरीके से हम अपने उच्चारण तथा कमियों को सुधार सकते हैं । बाजार में वॉयस कल्चर पैदा करने व सुधारने के लिये फोनेटिक की किताब उपलब्ध है उसको पढ़ें । इस तरीके से हम अपनी आवाज सुधार सकते हैं । निशीथ कुमार जी के कार्यक्रम को आईएएस, पीसीएस कराने वाले संस्थान भी सुनने की वकालत करते हैं । इंटरव्यू की कला पर उन्होंने बताया कि इंटरव्यूवर कम बोले तथा इंटरव्यू से पहले इंटरव्यूवी को पहले सहज बना ले । इंटरव्यूवर को करेंट अफेयर्स की जानकारी जरूर होनी चाहिए । आज की वेबीनार का संचालन आरजेएस पीबीएच के संस्थापक और राष्ट्रीय संयोजक उदय मन्ना ने शानदार तरीके से किया । अशोक मलिक जी ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया । कार्यक्रम में आरजेएस पीबीएच पैनलिस्ट दुर्गा दास आजाद,डा.मुन्नी कुमारी और प्रफुल्ल पाण्डेय सहित ओम सापरा,सोनू कुमार, धीरेंद्र कुमार ठाकुर,विप्लव राय, प्रियंका मंडल आदि रहे । आरजेएस पीबीएच के टेक्नीकल टीम का विशेष धन्यवाद कि समस्त प्रोग्राम को रिकार्ड करके यू ट्यूब व सोशल मिडिया पर डालने योग्य बनाया ।