मीडिया सामाजिक व आर्थिक विकास की एक महत्वपूर्ण कड़ी है-वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव

(द्वारका परिचय न्यूज़ डेस्क)

इन्द्रप्रस्थ लिटरेचर फेस्टिवल एवं हिमालिनी मीडिया समूह के संयुक्त तत्वावधान में क्रिएटिव्स वर्ल्ड मीडिया अकैडेमी द्वारा “राष्ट्र निर्माण में पत्रकार एवं समाजसेवी की भूमिका” विषय पर ऑनलाइन परिचर्चा का सफल आयोजन किया गया. मिडिया गपशप-2 श्रंखला में बतौर मुख्य अतिथि के रूप वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव (प्रतिष्ठित गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार से  सम्मानित) ने अपने संबोधन में कहा कि मिडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हैप्रेस-मीडिया सामाजिक व आर्थिक विकास की एक महत्वपूर्ण कड़ी है. समाज व राष्ट्र के निर्माण में आज इसकी केंद्रीय भूमिका हो चुकी है. मिडिया में नये लोगों के अवसर तलाश करने में दिक्कतों को लेकर दिव्या ने सवाल किया जिस पर राहुल देव ने कहा कि मिडिया मे ही नही किसी भी क्षेत्र में आपकों शूरूआत में दिक्कतें आती है लेकिन आप अपने आप पर भरोसा रखिये और आगे बढिए.  

उक्त परिचर्चा के संचालक-पत्रकार-लेखक एस.एस.डोगरा सहित वरिष्ठ पत्रकार संजय राठी ( एपीन न्यूज में रेसिडेट एडिटर), वरिष्ठ पत्रकार टिल्लन रिछारिया, अभिज्ञान फाउंडेशन की संस्थापक डॉ वर्षा बरखा, हिमाचल से रविन्द्र सिंह डोगरा, उड़ीसा से विजयानी फाउंडेशन की संस्थापक रीटा पात्रा,  समर्पण-एन जी ओ  के निदेशक अपूर्व श्रीवास्तव के अलावा गाजियाबाद से नवोदित एंकर दिव्या तिवारी, मेरठ से  आर जे अंशुल राजपूत, गोरखपुर से दिव्यांश यादव तथा नॉएडा से आई न्यूज़ के होस्ट अमन चौधरी ने भी इस परचर्चा में सक्रीय रूप से हिस्सा लिया. इसी चर्चा में संजय राठी जी ने अंशुल के मिडिया में रोजगार को लेकर सवाल किया जिसमें उन्होंने कहा कि अभी लाकडाउन के चलते अवसरो की  थोडी कमी आई है लेकिन धिरे धिरे स्थिति ठीक हो रही कुछ लोग ऐसे हैं जिनके पास योग्यता की कमी है वो लोग भी चैनल खोल लेते हैं, फिर आगे चैनलों मे दिक्कतें आती है, कई बार संस्थाए बंद हो जाती है, फिर वहा काम करने वाले लोग बेरोजगार  हो जाते हैं. टिललन रिछारिया जी का कहना था कि मिडिया में नये लोगों के अवसर तलाश करने में दिक्कतों को लेकर खुद पर विश्वास होना चाहिए, बिना मेहनत किए कभी भी सफलता नहीं मिलती है. अपने कार्यों के प्रति ईमानदारी  बरते और वैसे भी मीडिया और सिनेमा के क्षेत्र में लोगों को अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा अधिक रचनात्मक एवं सक्रिय रहना पड़ता है.  

राष्ट्र निर्माण में समाजसेवी की भूमिका पर डाक्टर बारखा वर्षा-(यूनिसेफ़ का प्रतिनिधित्व करती हैं उनकी अभिज्ञान फाउंडेशन) ने बताया कि  तालाबंदी के दौरान विपरीत स्थिति में भी विभिन्न देशों में उनकी फाउंडेशन द्वारा अनेक   समाज-कल्याणकारी किए जा रहे हैं.  उन्होंने समाजसेवा को मानव सेवा की संज्ञा दी.  जबकि रविन्द्र डोगरा ने राष्ट्र निर्माण से पहले चरित्र निर्माण पर बल दिया. उनका मानना है कि यदि किसी भी देश के निवासी अपना चरित्र निर्माण करने में कामयाब हो जाते हैं तो राष्ट्र-निर्माण स्वत: ही हो जाता है. उनका मत है कि समाज सेवा वे निस्वार्थ भाव से सेवा करते चाहे वो जान पहचान के हो या नही, हमारा काम सिर्फ लोगों की सेवा करना है.इसी कड़ी में कटक, उड़ीसा में जन्मी प्रमुख समाजसेविका विजयानी फाउंडेशन की संस्थापक ने बताया कि उन्हें जरुरतमंदों लोगो की सहायता करने के लिए राजनैतिक-प्रसाशनिक आला अधिकारियों तक पहुंचकर हरसंभव सहायता करने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं. उन्हें समाज-सेवा करने में एक खास सुकून मिलता है. लाकडाउन के समय में जिन लोगों को मदद की जरूरत थी उनकी मदद की गई हमारी कोशिश यही रहती है कि हम हर हाल में लोगों की मदद करे वहीँ युवा अपूर्व श्रीवास्ताव जिन्होंने हाल ही में हंसराज कॉलेज से वकालत करने के साथ-साथ समाजसेवा में कदम रखा. उनकी समर्पण संस्था आर्थिक रूप से पिछड़े स्कूली बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक चेतना, नारी-शाश्क्तिकर्ण विषय पर केन्द्रित कार्य में जुटे हैं तथा उनकी समपर्ण संस्था निति आयोग से पंजीकृत है वे परोपकारी कार्य के लिए पूरी आस्था से कार्य में प्रयासरत हैं.

गौरतलब है कि क्रिएटिव्स वर्ल्ड मीडिया अकैडमी-संस्थापक एस.एस.डोगरा (जिन्होंने मीडिया एजुकेशन पर दो किताबें भी लिखी हैं) के मार्गदर्शन-संचालन में मीडिया में खेल-पत्रकारिता की भूमिका, मीडिया में फोटोग्राफी की महत्वता, साहित्यिक हस्तियों, टेलीविज़न-फिल्म कलाकारों, मीडिया शिक्षाविद्दों एवं युवा विद्यार्थियों को लेकर निरंतर ऐसी कई ऑनलाइन चर्चाएँ कर चुके हैं और भविष्य में भी कुछ रचनात्मक विषयों पर पहले से ही परिचर्चाओं की रुपरेखा को अंजाम दे रहे हैं. उक्त ऑन्लाइन परिचर्चा के मीडिया पार्टनर द्वारका परिचय एवं हिमालिनी मीडिया समूह  हैं