87आरजेएस सकारात्मक बैठक में चित्रकूट के 10 पत्रकारों ने सोशल मीडिया और सकारात्मक पत्रकारिता पर टेली कॉन्फ्रेंसिंग से की परिचर्चा

आरजेएस  की 87वीं  ऑनलाइन सकारात्मक बैठक  8‌ जुलाई को चित्रकूट, उतर प्रदेश में टेलीकांन्फ्रेंसिंग पर परिचर्चा कर सम्पन्न हुई. बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर सकारात्मक पत्रकारिताऔर सोशल मीडिया पर बृहद परिचर्चा की गई। राम-जानकी संस्थान नई दिल्ली द्धारा सकारात्मक भारत मिशन के अंतर्गत बुंदेली प्रेस क्लब के अध्यक्ष पत्रकार चंद्रप्रकाश द्विवेदी जी ने चित्रकूट में 5 वीं आरजेएस ऑनलाइन सकारात्मक बैठक का‌ सफल आयोजन किया.

टेलीकांन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजक चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने आरजेएस राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना के साथ चित्रकूट के चैनलों ,एजेंसियों और अखबारों के लगभग  10 वरिष्ठ पत्रकारों से चर्चा कराई। सभी पत्रकारों ने सकारात्मक पत्रकारिता ‌पर बल‌ दिया‌ और देश के पत्रकारों की एकजुटता का आह्वान किया। सभी पत्रकारों ने सोशल मीडिया के न्यूज कास्टर्स को भी नकारात्मक और वायस न्यूज की जगह  देशहित और 130 करोड़ जनता के प्रतिनिधि बनकर उनके दुःख दर्द दूर करनेवाली पत्रकारिता पर बल दिया।ऑनलाइन कॉन्फ्रेंसिंग चर्चा मे वरिष्ठ पत्रकार रतन पटेल ने बताया की पत्रकारिता के स्तर को मजबूत करने की जरुरत है. नये पत्रकारों को विशेष प्रशिक्षण की जरुरत है. गलत सूचनाओं और गलत पत्रकारिता वालो को मीडिया के लिए घातक बताया. चर्चा मे शामिल वरिष्ठ पत्रकार विवेक अग्रवाल ने कहा आज के पत्रकारों मे अनुभव की कमी को बताया, यदि पत्रकारों के पूर्ण प्रशिक्षण पर कदम उठाया जाय तो स्थिति सुधार सकती है.  सोशल मीडिया को लोगो की पहुंच का एक सशक्त संचार बताया.  चर्चा मे शामिल हिंदुस्तान अखबार वरिष्ठ पत्रकार  के बाल कृष्ण शर्मा ने कहा की सोशल मीडिया को गांव की पहुंच का उत्तम संचार बताया. जो समाचारो से वंचित थे आज इसी सोशल मीडिया से उन्हें सभी जानकारी त्वरित मिलती है. ऑनलाइन टेलीकास्ट चर्चा मे हिन्दी खबर के पत्रकार अनुज हनुमत द्विवेदी ने बताया की सकारात्मक पत्रकारिता को अति आवश्यक बताया और पत्रकारिता से गांव और दूर दराज की समस्याओं को प्रकाशित करना,  समस्याओ  को हल  करवाना ही असली पत्रकार धर्म है.  सोशल मीडिया के दौर मे आज हर एक आदमी पत्रकार है लेकिन.  इसी चर्चा के क्रम मे यूनिवार्ता के सवाददाता हरी नारायण पाण्डेय ने चिंता व्यक्त करते हुए  बताया आज की  पत्रकारिता के स्तर और पहले की पत्रकारिता से तुलनात्मक बिंदुओं को बताया. पहले की पत्रकारिता ने देश को आजाद कराया. नोबल न्यूज़ के संपादक यशवंत सिंह ने बताया की सकारात्मक पत्रकारिता और सोशल मीडिया को अलग अलग बताया.  सकारात्मक पत्रकारिता के बेहतर परिणाम हेतु सोचने की जरुरत है.  ब्रेकिंग न्यूज़  के चक्कर मे झूठी ख़बरों का प्रकाशन नहीं होना चाहिए. सरस भावना के जिला प्रतिनिधि रजनीश यादव ने टेली  कॉन्फ्रेंसिंग चर्चा  के कार्यक्रम हेतु सभी तकनिकी संसाधन से पूर्ण व्यवस्था में सहयोग किया.