माता के सकारात्मक विचार पुत्र को महान बनाते हैं- बीके चक्रधारी दीदी

हर रविवार वेबीनार के अन्तर्गत राम जानकी संस्थान(आरजेएस) ने राष्ट्र प्रथम , भारत  एक परिवार , विश्व एक घर की भावना के साथ मातृ दिवस व परिवार की महत्ता पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। कार्यक्रम के मेजबान आरजेएस ऑब्जर्वर व दिल्ली नगर निगम के पूर्व निदेशक दीप चन्द्र माथुर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आरजेएस का मकसद भारत को सकारात्मक बनाना है ।इस यज्ञ को आज लगभग 8 वर्ष होने को आए। आगामी 6 अगस्त 2023 को ये  कहानी एक पुस्तक में लिपिबद्ध होकर आनेवाली है। आरजेएस पीबीएच के श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रम 2047 तक जारी रहेंगे। उन्होंने ब्रह्म कुमारीज आश्रम माउंट आबू के भ्रमण और वहां के सकारात्मक वातावरण से मिले अलौकिक आनंद की अनुभूति का जिक्र किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए आरजेएस राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने बताया कि  राम जानकी संस्थान के प्रेरणास्रोत श्री रामजग सिंह और श्रीमती जनक दुलारी देवी के बताए आदर्शों पर चलते हुए 24 जुलाई2023 को सकारात्मक दिवस की 8 वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि  ब्रह्म कुमारीज संगठन ,महिला सेवा प्रभाग की चेयरपर्सन  बीके चक्रधारी दीदी ने कहा कि सकारात्मक शब्द और विचारों की शक्ति का मानव जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। थामस अल्वा एडिशन की मां के सकारात्मक विचारों से इनके जीवन पर इतना प्रभाव पड़ा कि वो महान अविष्कारक बने । वाल्मीकि भी सकारात्मक विचार अपनाकर ही महान ऋषि बने। उन्होंने कहा कि अपने-अपने घरों में सकारात्मक विचार वालों को प्रवेश दें। महाराजा अग्रसेन इन्स्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के फाउंडर चेयरमैन श्री नंद किशोर गर्ग  ने कहा कि अमृत काल के भारत में पुराना गौरव याद दिलाने की जरुरत है । भारत में अनेक महान लोग हुए लेकिन हम भूला बैठे हैं । आयुर्वेद के जनक सुश्रृत की मूर्ति आस्ट्रेलिया के मेडिकल कालेज में लगी है । छात्र नमन करते हैं । यह हिंदुस्तान में नहीं पता है । नंद किशोर गर्ग ने कहा कि भारत में रोज ही मातृ दिवस मनाते हैं । माता पिता की सेवा हमारे संस्कारों में है । राह भटकने के कारण से वृद्वा आश्रम खुल रहे हैं । 

विशेष अतिथि मोटिवेशनल स्पीकर पार्थसारथी थपलियाल ने कहा कि हमारी संस्कृति माता-पिता से वैदिक श्लोक से शुरू होती है -मातृ देवो भव पितृ देवो भव। इतनी बड़ी भव्य परंपरा के वाहक होते हुए भी वृद्ध आश्रम की संख्या का बढ़ना सकारात्मक भारत आंदोलन के लिए चुनौती है। 

विशेष अतिथि मोटिवेशनल स्पीकर संजीव जग्गी ने   संयुक्त परिवार की महत्ता पर प्रकाश डाला और कहा कि आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया फैमिली सकारात्मक सोच को स्कूलों और कॉलेजों तक सीधे पहुंचाए। 

दिल्ली से मुकेश भटनागर ,नागपुर से सरोज गर्ग‌ और रितु चौबे और इन्दौर से प्रेमप्रभा झा  ने माँ के ऊपर कविता सुनाई ।सुरजीत सिंह दीदेवार  ने मातृ दिवस पर कहा कि अच्छे संस्कार देने के लिए बच्चों के दोस्त बनें ।माता पिता तो हम हैं ही । कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लाफ्टर एंबेसडर दुर्गादास आजाद, कुलदीप राय जुड़े और आरजेएस फैमिली को ठहाका लगाने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम में डा पुष्कर बाला , डा मुन्नी कुमारी, डा ओमप्रकाश झुनझुनवाला , इशहाक खान, आशीष रंजन शामिल हुए ।