नई दिल्ली (अशोक कुमार निर्भय) । कोरोना वायरस कोविड -19 के कारण एहतियात के तौर पर देश मे कोरोना के विरुद्ध जंग में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वाहन पर रविवार 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का विश्व पत्रकार महासंघ दिल्ली प्रदेश(रजि.) समर्थन करता है। इस आशय की जानकारी देते हुए विश्व पत्रकार महासंघ दिल्ली प्रदेश प्रभारी अशोक निर्भय, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विक्रम गोस्वामी, महासचिव मणि आर्य जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि विश्व पत्रकार महासंघ देश के हर नागरिक से इस जनता कर्फ्यू में अपना योगदान देने की अपील करता है।
सभी नागरिकों और मीडिया बंधुओं से विशेष अनुरोध है कि आप सभी नागरिक घर मे रहे किसी सार्वजनिक स्थान जैसे बाज़ारो, माल,सार्वजनिक वाहनों ओर भीड़ भाड़ की जगहों में जाने से बचे ओर घर में साफ सफाई और अपने आप ओर अपने परिजनों को सेनेटाइज़ करे सोसल डिस्टेंस बनाये। सभी देश हित में जितना हो न मिले हाथों को साफ रक्खे हाथ मिलाने की बजाय नमस्ते की आदत डालें। कोरोना वायरस को फैलने से रोके बुखार खासी सांस की दिक्कत या अन्य लक्षण दिखने वाले व्यक्ति के संपर्क में आने से बचे। किसी भी नागरिक अथवा मीडियाकर्मी को कोरोना के लक्षण दिखे तो तुरंत हॉस्पिटल में दिखाए या हेल्पलाइन नंबर 011 -23578046 पर कॉल करें। सभी ने एकसुर में कहा कि सुरक्षा ही बचाव है। प्रदेश अध्यक्ष विक्रम गोस्वामी ने कहा कि यह हमारी राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी है की हम मिलकर सही खबर जनता तक पहुचायें और अफवाहों से बचे। उन्होंने कहा कि सरकार ने चाहे प्रेस कांफ्रेंस निलंबित की हो लेकिन बाकि प्रेस वार्ता करने वाले लोगों और कवर करने वाले पत्रकारों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने एक्ट्रेस कनिका कपूर का उदाहरण देते हुए कहा कि पत्रकार तो देश और समाज के लिए जनता को जागरूक करने के लिए ही जान जोखिम में डाल कर मीडिया कवरेज देता है लेकिन सरकार और सूचना प्रसारण मंत्रालय और प्रेस कांउसिल भी एडवाजरी जारी करे की प्रेस की सुरक्षा का प्रबंध कैसे हो। प्रेसकर्मियों की सुरक्षा को बड़ा मुद्दा बताते हुए प्रदेश प्रभारी एवं वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुमार निर्भय ने कहा कि हम देश और समाज हित में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आग्रह के साथ हैं और देश की जनता से अपील करते हैं कि वह सावधानी से लोक डाऊन यानि जनता कर्फ्यू का ईमानदारी से पालन करे। विश्व पत्रकार संघ की इस अपील और अनुरोध का सभी सामाजिक,राजनैतिक,आर्थिक और धार्मिक संगठन समर्थन कर रहे हैं।