मुझे युवाओं से अधिकाधिक उर्जा एवं प्रेरणा मिलती है- वरिष्ठ पत्रकार के.जी. सुरेश

(द्वारका परिचय न्यूज डेस्क )

क्रिएटिव वर्ल्ड मीडिया अकैडमी के बैनर तले मीडिया गपशप फेसबुक लाइव सेशन का आयोजन किया गया. इसमें बतौर मुख्य-वक्ता वरिष्ठ पत्रकार-विश्वविख्यात मीडिया शिक्षाविद के.जी.सुरेश ने अपने सम्बोधन में कहा कि “मैं युवाओं के बीच रहता हूँ उनको समझता हूँ उनको समझाता हूँ मुझे युवाओं से बहुत कुछ सीखने को मिलता है. मुझे युवाओं से अधिकाधिक उर्जा एवं प्रेरणा मिलती है.” उक्त ऑनलाइन वेबीनार अकैडमी के संस्थापक एवं पत्रकार-लेखक एस.एस. डोगरा के मार्गदर्शन में स्वागत उदघोष से आरम्भ की गई. जबकि इसका संचालन नवोदित मीडिया स्टार उत्कर्ष उपाध्याय ने बेहतरीन ढंग से किया.

इस चर्चा में ज्ञानवाणी रेडियोकर्मी अमिता कमल, जयपुर की मीडिया शोधकर्ता अफ़िफा बेग, मेरठ के आर जे एंकर अंशुल राजपूत तथा गाज़ियाबाद की युवा पत्रकार-दिव्या तिवारी ने अपना-अपना औपचारिक परिचय तथा अनुभव साझा करने के पश्चात उपस्थित सभी युवा मीडिया प्रतिभागियों ने मीडिया की वर्तमान स्थिति पर मुख्यवक्ता के.जी. सर से कई गंभीर एवं महत्वपूर्ण सवाल भी पूछे. जिसके जवाब में 30 सालों से भी अधिक सक्रिय पत्रकारिता में अनुभवी प्रो.केजी ने सोशल मीडिया पर कहा कि इस मीडिया के शुरुआती दौर में, ये सिर्फ यूथ तक ही सीमित था लेकिन फिर देखते-देखते इस सोशल मीडिया ने हर ऐज ग्रुप को अपना मुरीद बनाना शुरू कर दिया और अब हालात ये हैं कि यूथ के अलावा बच्चे और बड़े भी इसका हिस्सा बन चुके हैं। टेक्नोलॉजी ऐसी ही होती है, जो धीरे-धीरे अपने लिए रास्ते बनाती जाती है और हर शख्स तक अपनी पकड़ भी और टेक्नोलॉजी का जो रूप समझने में आसान होता है उसे हर उम्र के लोग जल्दी से अपना भी लेते हैं। ऐसा ही कुछ सोशल मीडिया के बारे में भी कहा जा सकता है। और साथ ही उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर आपनी बातो रख सकते हर आदमी अपना विचार व्यक्त कर सकते है साथ ही उन्होंने कहा कि कूछ इसको दुरूपयोग कर रहे है.

यूथ पत्रकारिता पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यूथ हमारे प्रेरणा हैं तथा इस बात पर भी जोर दिया कि यूवाओं को पत्रकारिता का प्रशिक्षण लेना बहुत जरुरी है ताकि वे चीज़ो को बेहतर ढंग से प्रस्तुत कर सकें. उन्होंने बताया कि शुरुआत के दिनो में उन्हें भी मिडिया में संघर्ष करना पड़ा था. लेकिन प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में लम्बे समय तक कार्य अनुभवों तथा नित नई तकनीकी ज्ञान अर्जन की जिज्ञासा, छ:-सात घंटे रोजाना पढना, रेडियो, टीवी पर समय लगाना, और कोरोना तालाबंदी के दौरान अभी तक सौ से अधिक वेबिनार में बतौर वक्ता अपने अनुभव साझा करना उनके दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है जिसे के.जी. सर बखूबी निभाने में हमेशा तैयार रहते हैं. उन्होंने अपना व्यक्तव्य में युवाओं से आग्रह किया कि यदि वे मिडिया में करियर बनाना चाहते हैं तो वो खुद को शारीरिक एवं मानसिक रूप से फिट रखना होगा. उन्होंने रेडियो पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि रेडियो मेरे दिल का बहुत करीब है रेडियो का लोकप्रियता लगातार दिन पर दिन बढते ही जा रही है और इसकी सक्रीयता कम नही है बल्कि रेडियो लोगों मे लोकप्रिय हो रहा है. कम्युनिटी रेडियो की महत्वता पर भी बल दिया. प्रो केजी ने यह भी कहा कि भाषा या तरीका कोई भी हो लोगों को कंटेंट समझ आनी चाहिए।