उपभोक्ताओं के सुरक्षित और पौष्टिक भोजन का अधिकार विषय पर आरजेएस पीबीएच वेबिनार आयोजित

“अन्नाद्भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसम्भवः। यज्ञाद्भवति पर्जन्यो यज्ञः कर्मसमुद्भवः” गीता के श्लोक से “उपभोक्ताओं का स्वास्थ्यवर्धक और सुरक्षित भोजन का अधिकार” विषय पर आरजेएस पीबीएच -आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया वेबिनार का 289 वां संस्करण पेशेंट सेफ्टी एंड ऐक्सेस इनिशिएटिव ऑफ इंडिया फाउंडेशन के उपाध्यक्ष प्रफुल्ल डी शेठ ने प्रारंभ किया। कंज्यूमर ऑनलाइन फाउंडेशन के सहयोग से आरजेएस पीबीएच संस्थापक उदय कुमार मन्ना के संयोजन में आयोजित वेबिनार में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. निर्मल गांगुली पूर्व महानिदेशक ICMR और पूर्व चेयरमैन एपेक्स टेक्निकल कमिटी एफएसएसएआई, मुख्य वक्ता पर्यावरणविद् दिलनवाज वारयावा, अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता नीति विशेषज्ञ प्रोफेसर बिजाॅन कुमार मिश्रा और हैल्दी यूं फाउंडेशन की चेयरपर्सन बीना जैन का स्वागत करते हुए श्री प्रफुल्ल शेठ ने भोजन की बर्बादी को कम करने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहतर खाद्य प्रसंस्करण, बुनियादी ढांचे ,प्रौद्योगिकी और किसान समर्थन की आवश्यकता पर जोर दिया।

डॉ निर्मल गांगुली ने विभिन्न खाद्य सुरक्षा मुद्दों के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका बताई। उन्होंने फसलों को बेहतर बनाने के लिए किस पर तकनीक का उपयोग करने भारत के कुछ हिस्सों में भोजन और पानी में आर्सेनिक दूर करने और कीटनाशकों को कम कर स्वास्थ्य खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आह्वान किया। उन्होंने खाद्य पदार्थों के स्टार सिस्टम से गुणवत्ता लाने का समाधान बताया।

पर्यावरणविद्  दिलनवाज वारियावा ने अनुवांशिक रूप से संशोधित जीएम फसलों विशेष रूप से  ग्लाइफोसेट के नकारात्मक प्रभावों पर चर्चा की जिसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और पर्यावरणक्षरण से जोड़ा गया है। उन्होंने केंद्र सरकार की प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के मिशन की सराहना की।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रोफेसर बिजाॅन कुमार मिश्रा ने बताया कि सभी मंत्रालय समन्वय स्थापित कर स्थानीय भाषाओं में उपभोक्ताओं को जागरूक करें । उन्होंने भारत में खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के इतिहास और विकास पर चर्चा की। उन्होंने शुरुआती वर्षों में सामने आई चुनौतियों पर प्रकाश डाला, जिसमें प्राधिकरण को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का हिस्सा बनाने का दबाव भी शामिल था, जो खाद्य सुरक्षा पर उद्योग हितों को प्राथमिकता देता। प्रोफेसर मिश्रा ने प्राधिकरण के संस्थापक सदस्य के रूप में अपने अनुभव को भी साझा किया, जो उपभोक्ताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, और प्रशासनिक गतिविधियों से नीति-निर्माण और मानकों पर ध्यान केंद्रित करने में बदलाव को नोट किया। उन्होंने प्राधिकरण में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी पर चिंता व्यक्त की, जो नागरिकों को पौष्टिक, सुलभ और किफ़ायती भोजन उपलब्ध कराने के लक्ष्य में बाधा डालती है। प्रोफेसर मिश्रा ने खाद्य सुरक्षा और मानकों को सुनिश्चित करने के लिए नीति-निर्माण और जमीनी स्तर की गतिविधियों में नागरिकों की भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम में प्रतिभागियों के सवालों का जवाब दिया गया।

कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन – हैल्दी यू फाउंडेशन की चेयरपर्सन बीना जैन ने किया। अंत में आरजेएस पीबीएच संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी और गणतंत्र दिवस पर प्रवासी भारत सम्मान 2025 मीडिया कांफ्रेंस 15 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में करने की घोषणा की। कार्यक्रम में रजनीकांत शुक्ला, सुरजीत सिंह ,रंजन बेन, एसबी दंगायत, आर एस कुशवाहा ,विजय शंकर वर्मा,सुदीप साहू ,स्वीटी पॉल ,इशहाक खान, कुलदीप राय ,सत्येंद्र- सुमन त्यागी ,जगत भाई कंथारिया, ऋषिकेश पांडा,  आरबी मावसनी, डा. पीएल साहू लवी तिखा, गुंजन गुप्ता आदि मौजूद रहे।