आज क्षेत्र में हो रही बारिश के बावजूद बाहरी दिल्ली के जौंती गांव में 99 वीं आरजेएस सकारात्मक बैठक में महिलाओं सहित लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। बैठक की शुरुआत में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत शीला दीक्षित और महान गायक मुकेश को श्रद्धांजलि देकर की गई। बैठक के अंत में पौधे वितरण के साथ ही चायपान की अवस्था की गई थी।
सकारात्मकता के क्षेत्र में देश के बाईस राज्यों में काम करने वाली दिल्ली की संस्था रामजानकी संस्थान ‘आरजेएस’ के राष्ट्रीय संयोजक एवं समाजसेवी उदय कुमार मन्ना की प्रेरणा से पूर्ति फूड विजन के निदेशक एवं राष्ट्रीय नवोन्मेषी कृषक पुरस्कार विजेता डॉक्टर नरेंद्र टटेसर के मार्गदर्शन में इस बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने लापरवाही पूर्ण मानवीय गतिविधियों एवं तेजी से हो रहे औद्योगिकीकरण के कारण पर्यावरण पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने दुनिया की बढ़ती जनसंख्या तथा घटते वनक्षेत्र के कारण पृथ्वी का तापमान रहा है। इससे जैविकतंत्र को हो रहे बड़े नुकसान की जानकारी देते हुए कहा की प्रदुषण प्रभाव के कारण धरती पर ही नहीं बल्कि समुद्री जीवों पर भी बुरा असर पड़ा है।
इस बढ़े तापमान के कारण ही पहाड़ों तथा ध्रुवीय क्षेत्रों में जमीं बर्फ पिघल रही है। खतरनाक ग्रीनहाउस गैसों का मनुष्य के शरीर पर भी गंभीर असर पड़ रहा है। इन के कारण ही मनुष्य गंभीर बीमारियों की चपेट में आकर असमय काल का ग्रास बन रहा है और छोटी उम्र में ही बच्चों को अस्थमा, हार्टअटैक तथा मानसिक रोग आदि पाए जा रहे हैं। कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए डॉक्टर नरेंद्र टटेसर ने बताया कि आयोजन का ग्रामीणों पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ा। परिचर्चा के बाद जहांँ एक ओर कई महिलाओं की विशेष मांग पर पौधे बांटते समय काली तुलसी का विशेष प्रबंध किया गया वहीं दूसरी तरफ गांव के बुजुर्गों के बोलने पर गांव के मंदिर के लिए खासतौर पर बड़, पीपल और नीम के पेड़ मंगाए गए।