मनोरंजन केन्द्र सह वृद्धा आश्रम में श्री ज्ञान गंगोत्री विकास संस्था के संस्थापक महासचिव भाई भरत जी के नेतृत्व में बुजुर्गों प्रति एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें संस्थापक महासचिव ने बताया कि बुजुर्गाें पर हो रहे भेद-भाव, अत्याचार से उन्हें कैसे बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि वह बुजुर्गाें के लिए स्वय के खर्च पर वृद्धा आश्रम चला रहें सामाजिक कार्यकर्ता भाई भरत जी कहा कि आज मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि 1988 के दशक में जब मैं बिहार से दिल्ली से आया था तब मन में एक ही सोच थी कि अपने और अपने बच्चों तथा अपने माता-पिता को उचित व्यवस्था दूँगा।
सन् 2002 में श्री ज्ञान गंगोत्री विकास संस्था (एन.जी.ओ.) की स्थापना की गई व भाई भरत ने सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में एक अलग पहचान बनायी और एन.जी.ओ. में छोटे-छोटे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। संस्था को 2014 से समाज कल्याण विभाग, दिल्ली सरकार के सौजन्य से मनोरंजन केन्द्र सह विश्राम सदन चलाने का मौका मिला जिसमें हेल्पएज इंडिया का सहयोग भी प्राप्त हुआ। जिससे बुजुर्गाें को हर प्रकार की मदद् करने के लिए व्यवस्था होती रही। संस्था के पास 25 बुजुर्गाें को रखने की जगह मौजुद है जिसमें स्वय के खर्च पर 10 बुजुर्गाें को रखा जा रहा है। वे ऐसे लोग हैं जो अपने परिवार, अपने बच्चों से पड़ताड़ित है या फिर दुखी हैं उनकी सेवा में संस्था के संथापक महासचिव स्वय ही लगे रहते है।
इस वृद्धा आश्रम को और बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए कई संगठनों से मदद् मांगी जा रही है धन के अभाव में सही दिशा में नहीं चल पा रहा है वृद्धा आश्रम जिसे चलाने के लिए समाज कल्याण विभाग, दिल्ली सरकार, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार, महारत्न कम्पनी, कम्पनी तथा सामाजिक सोच रखने वाले नागरिकों से सहयोग की उम्मीद करते हुए संस्था इस कार्यक्रम को चलाने की व्यवस्था कर रही है। मैं समाचार पत्र के माध्यम से इस आवाज को हर वर्ग, हर समाज तक पहुँचाना चाहता हूँ कि घर में बुजुर्गाें का आदर सम्मान करें और उनकी जरूरत पूरी करें क्योंकि बुजुर्ग बरगद के वृक्ष के समान हैं और उनकी सोच और उनके आशीर्वाद से घर परिवार में सुख शांति मिलती है। इस लिए अगर किसी के घर में बुजुर्ग हैं और आप उनकी उचित व्यवस्था नहीं कर सकते हैं तो श्री ज्ञान गंगोत्री विकास संस्था, वृद्धा आश्रम, बी-70, मधु विहार, नई दिल्ली-59 में उन्हें छोड़ सकते हैं यह संस्था सदैव उन बुजुर्गाें के प्रति समर्पित होकर सेवा दे रही है।