दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध शैक्षिक सत्र-2020–21 के लिए यूजी, पीजी पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन करने के बाद एंट्रेंस टेस्ट की तिथि घोषित कर दी गई है।साथ ही बीएड, बीएलएड, एमएड,एमए. एम कॉम ,एमएससी, एमफिल और पीएचडी में एडमिशन लेने वाले छात्रों की एंट्रेंस टेस्ट की तिथि घोषित कर दी गई है। डीयू में 16 संकाय और 86 शैक्षणिक विभागों में एमफिल, पीएचडी प्रोग्राम कराया जाता है। 31 जुलाई 2020 तक स्टूडेंट्स ने विज्ञान, वाणिज्य और मानविकी विषयों में ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन किया है ।फार्मो की स्कूटनी और वेरिफिकेशन करने के पश्चात ही एंट्रेंस एग्जाम की तिथि शुक्रवार को घोषित की है।एंट्रेंस एग्जाम संबंधी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए डीयू पोर्टल पर जाकर देख सकते हैं।
इंट्रेंस की तिथि घोषित की– नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ( एन टीए ) ने यूजीसी नेट परीक्षाएं ,दिल्ली यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (डीयूईटी ) इग्नू ओपन मेट(एमबीए ) इग्नू पीएचडी ,आईसीएआर एआईईईई (यूजी ) समेत कई परीक्षाओं की तिथि जारी कर दी है।एनटीए द्वारा आधिकारिक वेबसाइट -nta.ac. in पर एंट्रेंस एग्जाम का शेड्यूल देख सकते हैं और सभी तरह की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी की एकेडेमिक काउंसिल के पूर्व सदस्य व पूर्व एडमिशन कमेटी के सदस्य प्रोफेसर हंसराज ‘सुमन ‘ ने बताया है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार यूजीसी नेट परीक्षा 16 सितंबर से 18 सितंबर और 21 से 25 सितंबर के बीच होगी।दिल्ली यूनिवर्सिटी परीक्षा (डीयूईटी ) का आयोजन 6 से 11 सितंबर के बीच होगी।उम्मीदवारों को दो सप्ताह पहले एडमिट कार्ड जारी किए जाएंगे।एडमिट कार्ड में छात्र का रोल नम्बर, परीक्षा केंद्र, परीक्षा का समय, परीक्षा की शिफ्ट आदि सभी जानकारी दी गई है। दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा आधारित कोर्सिज की परीक्षाएं 6 सितंबर से आयोजित की जाएंगी।ये परीक्षाएं 11 सितंबर तक चलेगी। दिल्ली यूनिवर्सिटी एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट –2020 आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा कराया जाएगा।इस साल कोरोना के कारण डीयूईटी परीक्षा- 2020 कुछ देर से हो रही है।इस संबंध में डीयू ने 21अगस्त ( शुक्रवार ) को अधिसूचना जारी की है। प्रवेश परीक्षा के आवेदन में फीस जमा होने के बाद चयनित कोर्स में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता।साथ ही परीक्षा केंद्र में भी बदलाव नहीं किया जा सकेगा।
प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के अंडर ग्रेजुएट कोर्सिज, पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सिज के अलावा एमफिल व पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यह प्रवेश परीक्षा आयोजित करती है इसे दिल्ली यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के नाम से ही जाना जाता है।प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि जो छात्र प्रवेश परीक्षा पास कर लेते हैं उन्हें उस कोर्सिज में एडमिशन मिल जाता है। कुछ कोर्सिज को छोड़कर जहां एंट्रेंस के बाद इंटरव्यू लेने की प्रक्रिया है।छात्रों का चयन करने के लिए प्रवेश परीक्षा ली जाती है ताकि छात्रों की छटनी हो जाये बेहतर और योग्य छात्रों को प्रवेश मिले।
कोरोना महामारी के चलते छात्रों में नहीं हुआ डीयू का क्रेज कम–प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि जहां देश में कोरोना को लेकर संकट छाया हुआ है ऐसी स्थिति में भी दिल्ली विश्वविद्यालय का छात्रों के बीच क्रेज देखने को मिल रहा है।यह अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल की अपेक्षा रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्रों में कमी नहीं आई है।यहाँ के सलेब्स और शिक्षा की गुणवत्ता के कारण हर साल लाखों छात्रों की पहली पसंद दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लेना होता है इसलिए देशभर के अलावा विदेशों से भी छात्र यहाँ एडमिशन के लिए आवेदन करते हैं। कोरोना के चलते डीयू में दो बार प्रवेश के लिए आवेदन की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया था जिसे उन्होंने 31 जुलाई तक आवेदन पत्र स्वीकार किए।
प्रवेश परीक्षा का क्या है प्रारूप–उन्होंने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा ली जा रही प्रवेश परीक्षा टेस्ट ( एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट ) शैक्षिक सत्र–2020–21 सीबीटी परीक्षा है यानी कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट।इस एंट्रेंस टेस्ट की अवधि दो घंटे की है।इसमें मल्टीपल च्वाईस क्वेश्चन पूछे जाते हैं।परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी है, (हिंदी ) भाषा को छोड़कर।नेगिटिव मार्किंग है इसलिए सोच समझकर उक्त प्रश्न का उत्तर दे।
एंट्रेंस परीक्षा में छात्रों को भी मिलता है आरक्षण– प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले सीधे मार्क्स के आधार पर या एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर एडमिशन लेने वाले दोनों ही प्रोग्राम में उन्हें केंद्र सरकार की आरक्षण नीति के तहत एडमिशन दिया जाता है।उन्होंने बताया है कि एससी–15 %,एसटी–7:5 %,ओबीसी–27 %आरक्षण, ईडब्ल्यूएस–10 % आरक्षण दिए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी व ईडब्ल्यूएस से एडमिशन लेने वाले छात्रों को भी आरक्षण का लाभ मिलता है। उन्होंने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के कारण यूजी, पीजी, और एमफिल और पीएचडी की सीटों में 25 फीसदी सीटों में इजाफा हुआ है।हालांकि इस बार छात्रों के परीक्षा परिणाम को देखते हुए हाई कट ऑफ जाने की उम्मीद है लेकिन छात्रों को निराश नहीं होना चाहिए। डीयू में एसओएल, दिल्ली में ही इग्नू व दिल्ली की छात्राओं के लिए नॉन कॉलेजिएट है जिसके विभिन्न कॉलेजों में अंडर ग्रेजुएट के 26 सेंटर है वहीं पीजी के लिए एक सेंटर है जहां वे प्रवेश ले सकती है और डीयू में एडमिशन लेने का उनका सपना पूरा हो सकता है।
हंसराज ‘सुमन’
पूर्व सदस्य–एकेडेमिक काउंसिल, दिल्ली विश्वविद्यालय
पूर्व सदस्य–एडमिशन कमेटी, डीयू
फोन–9717114595