देश किस लोकतंत्र की तरफ जा रहा है, जहां बोलने की आजादी नहीं दी जा रही। वहीं संसद मंे अगर कोई ज्वलंत मुददे पर बात करना चाहता है तो उनको मार्शलों के उठवाकर भाजपा सरकार संसद से बाहर कर देती है। यह कहना है राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के मुख्य सचेतक डा सुशील गुप्ता का।
मालूम हो कि आज लगातार दूसरे दिन संसद में किसानों के लिए बनें तीन काले कानुनों की खिलाफत करने पर आम आदमी पार्टी के सांसद डा सुशील गुप्ता, संजय सिंह और एनडी गुप्ता को माननीय सभापति जी बिना सुने ही मार्शलों द्वारा उठवाकर संसद से बाहर कर देते है।
डा गुप्ता ने कहा कि किसान पिछले दो माह से किसान कृषि विरोधी बिलों को लेकर सडकों पर बैठा हुआ है। वह भी ऐसी स्थिति में जहां उसकी बिजली, पानी और मूलभूत सुविधाओं तक से वंचित किया जाता है। इसके बावजूद सरकार है कि उनकी कोई भी बात सुनने को तैयार नही ंहै। ऐसे में अगर कोई सांसद उनकी आवाज को संसद में उठाता है तो उनकी आवाज को दबाया जाता है। इस दोगली राजनीति के खिलाफ आम आदमी पार्टी शुरू से ही लडाई लडती आई है।
उन्होंने कहा कि हमनें महामहिम राष्टृपति के अभी भाषण के 70 मुददो से पूर्व कृषि कानून पर चर्चा करने का अनुरोध सभापति से किया था। लेकिन उनकी सुनीं नहीं जाती। इसीलिए हमने किसानों की आवाजों को अपने माध्यम से इस गूंगी बहरी भारतीय जनता पार्टी की सरकार तक पहुंचाने का काम किया। उन्होंने कहा अगर केन्द्र की भाजपा सरकार किसानों की बात नहीं सुनती को वह हरबार उनकी बात बुलंद करते रहेंगें।