हार्वे बाल की स्मृति में आरजेएस पीबीएच द्वारा विश्व मुस्कान दिवस पर कार्यक्रम आयोजित

राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) और और आरजेएस पॉजिटिव मीडिया के संस्थापक व संयोजक उदय कुमार मन्ना के संयोजन व संचालन में विश्व मुस्कान दिवस पर 268 वां कार्यक्रम शुक्रवार 4 अक्टूबर 2024 को मनाया गया।

कार्यक्रम के सह आयोजक और पॉजिटिव एम्बेसडर सत्येंद्र त्यागी और सुमन त्यागी ने हास्य नमस्कार और प्रभु स्मरण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया इसके बाद उन्होंने गीता पाठ का संदेश दिया । विश्व मुस्कान दिवस पर उन्होंने अपनी हास्य प्रस्तुति करते हुए कहा कि दिन में  खाना खाएं आधा, पानी दुगना ,योग तिगुणा और हंसिए- मुस्कुराइए चार गुना । एक,दो, तीन ,चार, दिन में हंसें बार-बार। इस तरह के हास्य संदेश के साथ जुगल जोड़ी ने सभी अतिथियों मुख्य अतिथि कवयित्री कीर्ति काले और मुख्य वक्ता लाफ्टर एंबेसडर कुलदीप राय सहित धन्यवाद ज्ञापन के लिए उपस्थित वरिष्ठ ओबैसिटी फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. प्रीती त्यागी का स्वागत किया।

तत्पश्चात मुख्य अतिथि प्रख्यात कवयित्री और लेखिका कीर्ति काले ने मुस्कान दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हमें मुस्कुराहट को जीवन में अपनाना चाहिए ।आरजेएस पीबीएच की तारीफ करते हुए कहा कि यह संस्था लंबे समय से विश्व स्तर पर सकारात्मक संदेश दे रही है, जिसकी आज समाज को बेहद आवश्यकता है।  पति में आजकल की लड़कियां क्या देखती हैं ,इसपर उन्होंने हास्य कविता प्रस्तुत की – “मुझको ऐसा दूल्हा देना भोला भंडारी, पत्नी सेवा की लगी हो जिसको बीमारी।”

इस अवसर पर आरजेएस पीबीएच के पूर्व कार्यक्रम में प्रस्तुत कविता-पाठ की विडियो टेक्निकल टीम ने साझा किया। मुख्य वक्ता लाफ्टर एंबेसडर कुलदीप राय ने कहा कि वर्ल्ड स्माइल डे के संस्थापक हार्वे  बाल जो एक आर्टिस्ट थे ,ने 1963 में स्माइली चित्र बनाया था- एक गोल हंसता हुआ चेहरा ,जिसमें दो आंखें और मुस्कुराते होंठ थे।

 श्री राय ने वेबिनार में प्रतिभागियों के साथ वही आकृति एक उंगली आकाश में घूमाकर हंसते हुए बनवाई। फिर लाफ्टर एंबेसडर कुलदीप राय ने स्माइली लाफ्टर करवाया। होठों के एक तरफ अंगूठा और दूसरी तरफ उसके साथ वाली उंगली रखकर बिग स्माइल करके हंसना बताया ।उन्होंने बताया कि मुस्कुराने से दयालुता , सद्भावना और सकारात्मकता बढ़ती है ।जब हम सकारात्मक होंगे तभी तो शांति के बारे में सोचेंगे और हमारे रिश्तो में सुधार होंगे ,अजनबियों से दूरी कम होगी। 

उन्होंने इस साल की थीम “दयालुता का कार्य करें एक व्यक्ति को मुस्कुराने में मदद करें” पर आधारित एक गाना भी गया – किसी की मुस्कुराहटों पर हो निसार….. आरजेएस पीबीएच के अतिथि संपादक राजेंद्र सिंह कुशवाहा के प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने नसों को खोलने के लिए , टैपिंग एक्सरसाइज करके दिखाए और  हंसने का तरीका भी बताया ।पहले छोटी हंसी, फिर बिग हंसी । टैपिंग से नसों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है ।बीपी कम होता है और शुगर नॉर्मल हो जाती है ।