भूख हड़ताल दूसरे दिन भी जारी


भीम राव अंबेडकर कॉलेज के वाणिज्य विभाग के एसोसिएट प्राध्यापक डा. डी के पांडेय की दिल्ली विश्वविद्यालय के उपकुलपति कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। यह भूख हड़ताल डा. आर बी सोलंकी के कार्यवाहक प्राचार्य नियुक्त किए जाने के विरोध मे की जा रही है। डा. पांडेय का कहना है कि पवित्रा भारद्वाज के आत्मदाह की घटना की निष्पक्ष व त्वरित जांच तभी संभव है जब कॉलेज मे किसी ओ.एस.डी. की नियुक्ति हो। यह एक अत्यंत संवेदनशील मामला है और इसके दस्तावेजों को अत्यंत सुरक्षित हाथों रखा जाना आवश्यक है। डा. पांडेय ने आरोप लगाया कि डा. सोलंकी ने 12 अक्टूबर को जिस तरह बिना चार्ज दिए-लिए ही उतावलेपन मे कार्यवाहक प्राचार्य का पद भार लिया, वह अनेक प्रश्न-चिन्ह उत्पन्न करता है और पवित्रा भारद्वाज के आत्मदाह की घटना से जुड़े दस्तावेजों के लिए खतरा है।

कॉलेज के कुछ विद्यार्थियों ने कॉलेज के बिगड़ते वातावरण एवं दहशत को देखते हुए उपकुलपति को शीघ्र ही उचित कदम उठाने और नये ओएसडी की नियुक्ति करने का आग्रह किया है।

डा. डी के पांडेय मंगलवार शाम से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। इसमे उनके साथ कॉलेज के अनेक शिक्षक और विद्यार्थी शामिल हैं। उनकी मांग है कि उनके कॉलेज मे डा. आर बी सोलंकी को कार्यवाहक प्रिंसिपल नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि ऐसे समय मे दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा ओ.एस.डी को नियुक्त किया जाना चाहिए ताकि जांच निष्पक्ष हो सके।

गौरतलब है कि वर्ष 2007 मे जब डा. जी के अरोड़ा प्राचार्य बने थे तो उनसे पहले डा. आर बी सोलंकी ही कार्यकारी प्राचार्य थे और तभी से शिक्षकों और कर्मचारियों का एक वर्ग डा. अरोड़ा को लगातार परेशान करता रहा है। ऐसे मे अगर डा. सोलंकी कार्यवाहक प्राचार्य बने रहे तो निष्पक्ष जांच नहीं होगी। क्योंकि पवित्रा भारद्वाज से संबधित सभी दस्तावेज उन्ही के पास होंगे और संदेह है कि उऩ दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। निष्पक्ष और शीघ्र जांच के उद्देश्य से डा. सोलंकी के स्थान पर किसी ओ.एस.डी. का आना आवश्यक है।