रामलीला जैसे आयोजन भारतीय संस्कृति की आत्मा: किरेन रिजिजू-मेघनाथ-लक्ष्मण युद्ध, सुलोचना-रावण वार्ता देख रोमांचित हुए दर्शक

राजधानी दिल्ली के द्वारका सेक्टर-10 स्थित रामलीला ग्राउंड में द्वारका श्री रामलीला सोसायटी के तत्वावधान में आयोजित की जा रही 14वीं भव्य रामलीला में बुधवार को दसवीं रात्रि को कुम्भकर्ण को नींद से जगाना, कुम्भकर्ण वध, सुलोचना-मेघनाथ वार्ता, मेघनाथ-लक्ष्मण युद्ध, मेघनाथ का वध, सुलोचना-रावण वार्ता, अहिरावण वध तक का जैसे प्रसंगों ने हजारों दर्शकों को भावविभोर कर दिया।

पूरा परिसर जय श्रीराम के उद्घोष से गुंजायमान रहा। इस भव्य अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू उपस्थित रहे। उन्होंने भगवान श्री राम के आदर्शों, मर्यादा और धर्म की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रामलीला जैसे आयोजन भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं, जो समाज को एकता, प्रेम और मर्यादा का संदेश देते हैं। साथ ही द्वारका श्री रामलीला सोसायटी की तारीफ करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रामलीला कमेटी भारतीय संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखे हुए है। यह न केवल प्रभु श्रीराम की लीला का मंचन करती है, बल्कि सामाजिक सेवा और जनहित के कार्यों में भी सक्रिय है। उन्होंने कहा कि यहां आना मेरे लिए काफी खुशी की बात है।

इस रामलीला में ऑपरेशन सिंदूर को जिस प्रकार प्रदर्शित किया गया वह अपने आप में खास है। रिजिजू ने कहा कि द्वारका की रामलीला पूरी दिल्ली में विख्यात है, यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में यहां दो बार आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि मैं रामलीला कमिटी की पूरी टीम को इस सुंदर रामलीला के आयोजन के लिए बधाई देना चाहता हंू। बता दें कि सोसायटी के चेयरमैन एवं मुख्य संरक्षक आकाश राजेश गहलोत के मार्गदर्शन में आधुनिक तकनीक, एलईडी, साउंड सिस्टम और थ्री डी विजुअल इफेक्ट्स से विशेष रूप से सजाया गया है। प्रतिदिन की तरह इस दिन भी राजनेता, अधिकारी, संत और समाजसेवी उपस्थित रहे और अनुशासन व सांस्कृतिक गरिमा की सराहना की। गहलोत ने कहा कि उद्देश्य केवल मंचन करना नहीं, बल्कि दर्शकों के भीतर श्रीराम के आदर्शों को जागृत करना है। उन्होंने कहा कि रामलीला भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुडऩे का एक सशक्त माध्यम है। दर्शकों के लिए सुरक्षा, पार्किंग, सेवा शिविर, भंडारा, बच्चों के लिए झूले और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई।

आकाश राजेश गहलोत का कहना है कि द्वारका श्री रामलीला सोसायटी का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं बल्कि समाज में राम के आदर्शों, सत्य, मर्यादा और धर्म के संदेश का प्रसार करना है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में समाज के सभी वर्गों का सहयोग है और यही भारतीय संस्कृति की वास्तविक पहचान है। उनकी टीम, पदाधिकारियों, कलाकारों, स्वयंसेवकों और तकनीकी विशेषज्ञों के अथक परिश्रम से यह आयोजन आज देश की राजधानी दिल्ली की सर्वश्रेष्ठ रामलीलाओं में गिना जा रहा है।