(रिपोर्ट: एस. एस. डोगरा
छाया: जगदीश मीणा)
इंद्रप्रस्थ लिटरेचर फेस्टिवल द्वारा दिल्ली स्थित हिंदी भवन में दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का 14 और 15 सितंबर आयोजन किया गया , उक्त फेस्टिवल के आयोजक चंद्रमणि ब्रह्मदत्त के अनुसार, इस साहित्यिक महोत्सव में पहले दिन पूरे देश के विभिन्न प्रांतों से आए सैकड़ो कवियों ने सर्व-भाषा कवि सम्मलेन में उड़िया, पंजाबी, हरियाणवी, तेलगु, तमिल, कन्नड़,
बंगाली, आसामी, गुजराति, मराठी, डोगरी, कश्मीरी, भाषा में काव्य पाठ प्रस्तुत किए ,जबकि दूसरे दिन बाल साहित्य पर परिचर्चा, भारतीय साहित्य में स्त्री पात्र पर चर्चा, साहित्य में मीडिया की भूमिका जैसे विभिन्न पहलुओं पर दिग्गज साहित्यकारों, कवियों, पत्रकारों, लेखकों, ने अपने-अपने विचार प्रकट किए l
इसी फेस्टिवल के अंतिम पड़ाव में देश-विदेश से पधारे तीन सौ से भी अधिक साहित्यकारों, कवियों, पत्रकारों, लेखकों एवं समाजसेवियों को उल्लेखनीय योगदान के लिए परम्परागत पगड़ी एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया l
पुरस्कार वितरण समारोह के सुअवसर पर डा. प्रसन्ना पत्सानी, माता जी सुश्री अरुन्धती देवी अध्यक्ष विजयानी फाउंडेशन. सुश्री रीता पात्रा तथा निशा नंदिनी बतौर विशिष्ठ अतिथि उपस्थित थे। फेस्टिवल के सरंक्षक प्रो. प्रसन्नांशु ने समापन उद्घोष में सभी का आभार व्यक्त किया, दो दिन चले इस फेस्टिवल का मंच सञ्चालन आशीष श्रीवास्तव एवं मनोज मन्नू ने बेहतरीन ढंग से किया l