राजेश रंजन सिंह
द्वारका सैक्टर 13 स्थित इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव के दूसरे दिन एच.जी. अमोघ लीला दास प्रभु के सानिध्य में कृष्ण कथा का वाचन किया गया, जिसमें भगवान कृष्ण द्वारा मथुरा नगरी में बिताए पलों का श्रधालुओं के समक्ष प्रस्तुत किया गया। कृष्ण कथा का अंत प्रसादम के साथ किया गया। रविवार के दिन कृष्ण कथा के अगले भाग में शाम को कृष्ण कथा होगी जिसमें द्वारका नगरी में कृष्ण की लीला का चित्रण किया जाएगा। इसके बाद भगवान के अस्तित्व को दर्शाने के लिए ओ माय गॉड नामक नाटक का मंचन किया जाएगा। एच.जी. अमोघ लीला दास प्रभु ने भक्तों को बताया कि जन-जन के अराध्य भगवान श्रीकृष्ण इस वर्ष जन्माष्टमी पर 5240 साल के होने जा रहे हैं। पुराणों में वर्णित युग की आयु और धरती पर भगवान श्रीकृष्ण की मौजूदगी के साक्ष्यों के अनुसार ये गणना पंचागों से की गई है।
इस बार विलक्षण संयोग के बीच भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। बताया जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर के अंत में जन्म लिया। पंचांगों के अनुसार कलयुग के गुजरे अनुमानित 5114 वर्ष और द्वापर के अंत में भगवान श्रीकृष्ण की धरती पर मौजूदगी 125 वर्ष आंकी जाती है। ऐसे में इस बार भगवान श्रीकृष्ण 5239 वर्ष पूर्ण कर 5240 वें वर्ष में प्रवेश करेंगे। इस बार द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय जिस तरह की नौ ग्रहों की स्थिति थी वैसे ही इस वर्ष छह ग्रहों का संयोग बन रहा है। इसमें वर्षा ऋतु भाद्रपद कृष्ण पक्ष, वृष राशि का चंद्रमा, सिंह राशि का सूर्य, सिंह राशि का बुध, कर्क राशि में गुरु, राहु कन्या राशि के साथ केतु मीन राशि में मौजूद रहेगा। इसके अलावा मध्य रात्रि वृषभ लग्न भी रहेगा। जो द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म समय भी थी।