हिंदी भाषा दिवस और जी-20 सम्मेलन पर आरजेएस पीबीएच ने सेन्ट्रल पार्क, दिल्ली में की बैठक

नौवें वर्ष में सकारात्मक भारत-उदय आंदोलन नें पार्कों के माध्यम से भी लोगों से जुड़ने में सफलता पाई। संस्थापक, आरजेएस पीबीएच उदय कुमार मन्ना की देखरेख में, आंदोलन के‌ सहयोगी टीजेएपीएस केबीएसके, कोलकाता ‌के सहयोग से 12 सितंबर 2023 को हिंदी भाषा दिवस और जी-20 पर एक सकारात्मक मीडिया संवाद (श्रृंखला में 171) का आयोजन नई दिल्ली के सेंट्रल पार्क में किया गया । इसे आरजेएस पीबीएच टेक्निकल टीम ने यूट्यूब पर लाईव प्रसारित किया।

इसमें भाग लेने वाले वरिष्ठ पत्रकार संजय राय, मनोहर मनोज, कवि आरएस सुंदरम,  लाफ्टर एंबेसेडर और पैनलिस्ट दुर्गादास आज़ाद थे।  आरजेएस पीबीएच प्रवक्ता और कवि अशोक कुमार मलिक ने जी-20 के नतीजे के आर्थिक पहलुओं पर पत्रकारों से बातचीत की. सभी ने कहा कि यह हमारे देश के लिए गौरव का क्षण था कि अमृत काल में भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी 20 सम्मेलन में विश्व में संतुलित आर्थिक विकास के प्रयासों हेतु महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये।  जी-20 में जिन महत्वपूर्ण और दूरगामी निर्णयों के बारे में बात की गई वे थे: (i) संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अरब, जॉर्डन, इज़राइल, यूरोप (और आगे) और अंगोला-जाम्बिया गलियारे के माध्यम से भारत-यूरोप गलियारा;    इन गलियारों के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं की कुशल आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना;

डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर;    (iii) अफ्रीकी संघ को जी-20 (अब, इसलिए, जी-21) के 21वें सदस्य के रूप में शामिल करना;  (iv) भ्रष्टाचार से निपटने के प्रयास, जिस पर अंकुश लगाने के लिए डिजिटल बुनियादी ढाँचा महत्वपूर्ण है; यथा, UPI तकनीक (v) ये निर्णय विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के जीवन की बेहतरी के लिए अर्थव्यवस्था को कैसे गति देंगे।  यह नोट किया गया कि भारी युवा आबादी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के कारण हमारे देश की क्षमताएं जबरदस्त हैं।  

 आरजेएस प्रवक्ता द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण प्रश्नाें पर पत्रकार संजय राय, जिन्होंने जी-20 विचार-विमर्श को कवर किया था, और आर्थिक विश्लेषक तथा लेखक, मनोहर मनोज, ने गरीबी से जूझ रहे लोगों तक तेजी से आर्थिक लाभ पहुंचाने की आवश्यकता पर भी यथाेचित प्रकाश डाला। उठाए गए अन्य बिन्दुआें  पर भी विचार किया गया; यथा,  क्या आधुनिक तेज़ गति वाले समय में ट्रिकल-डाउन आर्थिक सिद्धांत पर्याप्त था ? क्या अति उपभाेक्तावाद की प्रवृत्ति एवं दिशा सठीक है?पत्रकारों ने सबसे पहले दुनिया में व्यापक रूप से अपनाई जा रही आर्थिक प्रणाली के अत्यधिक उपभोक्तावाद को रोकने की आवश्यकता पर सुझाव दिए, ताकि मानवता वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से उन्नत होते हुए भी सरल तथापि सार्थक एवं आनंदमय जीवन जी सके।  

 पत्रकार मनोहर मनोज और संजय राय की प्रतिक्रियाओं पर खूब बहस हुई, हालांकि इस बात पर सहमति बनी कि इन बिंदुओं पर बहस की और गुंजाइश है.

 आरजेएस पीबीएच द्वारा व्यौहार राजेंद्र सिंह की जयंती 14 सितंबर जिसे हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है , उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई और कवि आरएस सुंदरम द्वारा हिंदी कविता सुनाकर नेक भावनाएं व्यक्त की।  संवाद तब समाप्त हुआ जब लाफ्टर एंबेसडर दुर्गा दास आजाद ने प्रतिभागियों को हंसाया और नृत्य भी किया।