कवयित्री सम्मेलन में भारतेंदु हरिश्चंद्र और बाल शास्त्री जाम्भेकर को श्रद्धांजलि

आजादी का अमृत महोत्सव के अमृत काल में‌ सकारात्मक भारत-उदय आंदोलन अपने रफ्तार में जारी है। आरजेएस राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने बताया कि ब्रिटिश शासन काल में जन्मे आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह भारतेंदु हरिश्चंद्र और मराठी पत्रकारिता दिवस के जनक बाल शास्त्री जांभेकर की जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन् किया गया।  शुक्रवार 6 जनवरी 2023को आयोजित आजादी की अमृत गाथा 113 वीं की फिजिकल वर्चुअल बैठक, नागपुर की  कवयित्रियों मुख्य अतिथि रति चौबे, अध्यक्ष रेखा पांडे , अतिथि वक्ता रश्मि मिश्रा और किरण हटवार के कविता -पाठ से संपन्न हुई। कार्यक्रम की सह-आयोजक नागपुर की कवयित्री सरोज गर्ग थीं , जिनकी स्वलिखित कविताओं ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

सरोज गर्ग की कविता 

*”कलयुग में नवपरिवर्तन का, आओ* *अलख जगायें हम।*” से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
कवयित्री रति चौबे ने हिन्दी साहित्य के पितामह भारतेंदु हरिश्चंद्र के जीवन पर प्रकाश डाला।
और कविता -पाठ किया —
साहित्य गगन के 
    दैदीप्यमान*नक्षत्र*
साहित्य नहीं तू तो
   *खुद साहित्य  था*

कवयित्री रश्मि मिश्रा ने बाल शास्त्री जाम्भेकर की जीवनी बताई वहीं भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की रामलीला विषयक छन्द अइहैं गौतम नारि के तारक कौसिक के मख के रखवारे को गाकर सुनाया। कवयित्री किरण हटवार ने गंगा वर्णन नव उज्ज्वल जलधार हार हीरक सी सोहती , नामक कविता -पाठ से समां बांध दिया।

सह-आयोजक सरोज गर्ग ने  सभी कवयित्रियों सहित आरजेएस फैमिली से वर्चुअली जुड़े चौधरी इन्दराज सिंह सैनी, आर एस कुशवाहा,सुदीप साहू,बिन्दा,आकांक्षा और मयंक राज आदि का स्वागत किया। राष्ट्रीय संयोजक, आरजेएस उदय कुमार मन्ना ने कहा‌कि अगले रविवार 8 जनवरी 2023की सुबह 11 बजे आजादी की अमृत गाथा का‌‌ एक सौ चौदहवां कार्यक्रम विश्व हिन्दी दिवस(10 जनवरी)और प्रवासी भारतीय दिवस ( 9जनवरी) के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय वेबीनार‌ आयोजित करने की घोषणा की।