नजफगढ़/ हैदराबाद की डाक्टर बहन या अन्य महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रही लगातार दुर्घटना से पूरा देश गुस्से में है और दु:खी है। देश आत्मचिंतन की ओर जा रहा है। इसीलिए महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर आरजेएस की 116 वीं सकारात्मक बैठक का आयोजन नजफगढ़ मेट्रो कार्यालय में चार दिसंबर 2019 को नजफगढ़ मेट्रो के मुख्य संपादक शिवकुमार यादव और संपादक भावना शर्मा ने किया।
उन्होंने बताया कि राम-जानकी संस्थान (आरजेएस)नई दिल्ली का सकारात्मक भारत आंदोलन राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना के नेतृत्व में देश के 25 राज्यों में सकारात्मक बैठकों और सकारात्मक पत्रकारिता से भारत निर्माण का सकारात्मक भारत आंदोलन सफलतापूर्वक चल रहा है । हम भी इससे जुड़े हैं और हमारी ये दूसरी बैठक है जिसमें दर्जन भर पत्रकारों, चिकित्सक और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित महिलाओं ने हिस्सा लिया। मुख्य अतिथि आरजेएस स्टार और मेट्रो प्लस अस्पताल के डा.अजय सिंह पुण्डीर ने कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति फ़ैली नकारात्मकता को सामाजिक शिक्षा और संस्कार से समाप्त किया जा सकता है। उन्होंंने स्वलिखित कविता सुनाई- “कैसे उजाड़ दी,एक मासूम जिंदगी ,इंसान थे,क्या मन में जरा भी दया न थी।हैरान हैं सब, परेशान हैं सब,क्या इतना दरिंदा भी होता है आदमी।”अपने अध्यक्षीय भाषण में एमसीडी के पूर्व शिक्षा अधिकारी और आरजेएस स्टार विनोद बंसल ने कहा कि महिलाओं के प्रति सम्मान और सकारात्मक सोच समाज में पैदा करने के लिए अगर सभी वर्गों के लोग सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें तो अपराध में कमी लाई जा सकती है।
विशिष्ट अतिथि एनवाईके के जिला समन्वयक एस पी सिंह ने कहा कि सकारात्मक मूलक समाज निर्माण की आज बेहद आवश्यकता है ।सख्त कानून के साथ साथ अभिभावकों का बच्चों और युवाओं के साथ खुलकर बातें करना , उचित-अनुचित का बोध कराना जरूरी हो गया है। बैठक में रणवीर शौकीन ने कहा कि कुछ सालों पहले समाज सभी गलत कामों का खुलकर विरोध करता था। इसलिए असामाजिक लोग डरते थे।आज पुलिस और पत्रकारों को ही नहीं समाज में सबकी जिम्मेदारी तय करनी होगी। गलत कामों का ठीकरा दूसरों पर फोड़ने से फोड़ा नहीं ठीक होगा बल्कि सकारात्मक सोच और प्रशासन का समन्वय के साथ कार्य करने से अपराध कम होंगे।
वरिष्ठ पत्रकार जी आर भाष्कर ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार को कड़े कानून को अमल में लाने की जरूरत है और सरकार चाहे तो अपराधियों के हौसले पस्त कर सकती हैं। हमें अपने अपनों , पड़ोसियों और रिश्तेदारों के बीच डायलाॅग की परंपरा विकसित करने की जरूरत है। महिला पत्रकार दीपाली और अनुश्री ने कहा कि हमारे अंदर बहुत गुस्सा है , कहीं ऐसा ना हो कि महिलाओं का पुरुष जाति पर से ही विश्वास उठ जाए। बैठक में वरिष्ठ संपादक और आरजेएस स्टार सुरेश त्रेहण , वरिष्ठ पत्रकार मदन मोहन तंवर,सुनील बाल्यान,श्री निवास,युवा पत्रकार अनुज मिश्रा,तथा सामाजिक कार्यकर्ता गणपत,शबनम,आसिफ और मीनू यादव आदि शामिल रहे।मंच संचालन वरिष्ठ रेडियो ब्राॅडकास्टर आरजेएस राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने किया।