सरदार पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में आरजेएस पीबीएच-सीओएफ का “राष्ट्र प्रथम भारत एक परिवार” कार्यक्रम संपन्न

2047 तक “अमृत काल का सकारात्मक भारत” के लक्ष्य का पीछा करते हुए आरजेएस पीबीएच ने 180 वां कार्यक्रम संस्थापक उदय कुमार मन्ना के संयोजन में रविवार 29 अक्टूबर को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।अभी 28 अक्टूबर को आरजेएस पीबीएच टीम अरावली जैवविविधता उद्यान में पाॅजिटिव मीडिया डायलॉग कर लौटने के बाद राष्ट्रीय एकता दिवस पर आयोजित वेबिनार में शामिल हुई। श्री मन्ना ने बताया कि 6 अगस्त 2023 के बाद की सारी गतिविधियों का लेखा-जोखा 21 जनवरी 2024 तक आरजेएस पीबीएच की पुस्तक में प्रकाशित होगी। आरजेएस पीबीएच का मासिक गतिविधियों का न्यूज़ लेटर आगामी 5 नवंबर के वेबिनार में रिलीज होगी।

कंज्यूमर ऑनलाइन फाउंडेशन के चेयरमैन प्रफुल्ल डी शेठ ने भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर उन्हें नमन् करते हुए कहा कि सारी रियासतों को एक कर आधुनिक भारत की नींव डालने वाले महानायक को महात्मा गांधी ने लौह पुरुष की उपाधि दी। वो भारत के प्रथम गृह मंत्री थे।हर रविवार आरजेएस पीबीएच वेबीनार में विभिन्न विषयों पर एक परिवार के रूप में सकारात्मक वार्ता होती है । रविवार 29 अक्टूबर को अमृत काल का सकारात्मक भारत के 180वें कार्यक्रम में 10 राज्यों से जुड़े आरजेएशिएन्स का धन्यवाद करते हुए  द अवेयर कंज्यूमर के संपादक प्रो. बिजाॅन कुमार मिश्रा, नेशनल युवा प्रोजेक्ट की नेशनल ट्रस्टी मनोवैज्ञानिक रंजिनी ई ज्वायस और द टेंपल और अंडरस्टैंडिंग इंडिया फाउंडेशन के सेक्रेटरी जनरल डा. ए के मर्चेंट का उन्होंने हार्दिक स्वागत किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता नीति विशेषज्ञ प्रोफेसर बीजोन कुमार मिश्रा ने परिवार का मतलब समझाया और संबंध को महत्व दिया। उन्होंने कहा कि अलग-अलग राज्यों के लोग अलग-अलग भाषा रहन-सहन खान-पान पहनावा होने के बावजूद भी भारत एक परिवार है और विश्व एक घर है । परिवार में खुली चर्चा अनिवार्य है और सुझावों का स्वागत होता है ।हर रविवार आरजेएस के कार्यक्रम में अपने विस्तारित परिवार से हम मिलते-जुलते हैं और देशहित में सकारात्मक विषयों की चर्चा करना अच्छा लगता है। 

कार्यक्रम में विशेष अतिथि नेशनल युवा प्रोजेक्ट के फाउंडर स्व० डॉ. एसएन सुब्बाराव की भांजी रंजिनी ई ज्वायस ने कहा कि उनके मामा एक संत थे । दुनिया में कुछ भी उथल-पुथल होने पर वह व्याकुल हो जाते थे।  उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य की चर्चा को आज के युग में बहुत ही प्रासंगिक बताया ,क्योंकि परिवार न्यूक्लियर हो गया है ।इसलिए परिवार के साथ-साथ राष्ट्र की एकता को मजबूत करने की सकारात्मक सोच बढ़ानी होगी । उन्होंने कहा कि जहां भी उन्हें लगता है कि किसी को सहारे की जरूरत है, तो वह ढाल बनकर खड़ी हो जाती हैं। भाई जी के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए 27 अक्टूबर 2023 को उनकी पुण्यतिथि पर बिहार में शांति व सद्भाव की साइकिल यात्रा निकाली गई थी। उन्होंने वयोवृद्ध, प्रौढ़,युवाओं, और बच्चों को राष्ट्रप्रथम की सोच के साथ सक्रिय रहने का आह्वान किया।

वेबिनार में डा सुब्बाराव की पुण्यतिथि 27 अक्टूबर के उपलक्ष्य में आरजेएस कार्यक्रम की पूर्व प्रसारित विडियो दिखाई गई, जिसमें राष्ट्रीय एकता पर उनका सकारात्मक दृष्टिकोण परिलक्षित होता है ।

द टेंपल ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग इंडिया फाउंडेशन के सेक्रेटरी जनरल डॉ एके मर्चेंट ने कहा कि भारत को अखंड बनने के लिए सभी को राष्ट्र हित की सकारात्मक सोच रखनी चाहिए और‌ इसकी प्रेरणा पुरुष हैं सरदार वल्लभभाई पटेल।

21वीं सदी के लिए संयुक्त राष्ट्र का प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने का जो पाठ्यक्रम है उसे निभाते हुए और अमृत काल के समय का सदुपयोग करते हुए आध्यात्मिक रूप आगे बढ़कर  भारत  विकसित राष्ट्र बन सकता है।

कार्यक्रम में अलग-अलग राज्यों से मेजर जनरल डॉक्टर जीएस लांबा,सतेंद्र व सुमन त्यागी, दुर्गादास आजाद ,प्रांजल श्रीवास्तव, डा. मुन्नी कुमारी, डा पी एल साहू, रंजन वार्ष्णेय ,दिलीप वर्मा, सुदीप साहू ,इसहाक खान ,आशीष रंजन, टीके मिश्रा ,सोनू कुमार, मयंक  आकांक्षा  और सईद आजम आदि जुड़े।