रामकृष्ण परमहंस,साबित्री बाई फुले, गांधी को याद कर रमज़ान और फुलेरा दूज पर चर्चा।

आरजेएस पीबीएच ने “आधुनिक समय में शिक्षा के बदलते पैटर्न – नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति” पर फिजिकल व वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया ।  राम-जानकी संस्थान पाॅजिटिव ब्राॅडकास्टिंग हाउस द्वारा संचालित वेबिनार के सह-आयोजक  सिल्वर ओक पब्लिक स्कूल, स्वरूप नगर, जी.टी.   करनाल रोड, नई दिल्ली थे।  भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की पुण्य तिथि (10 मार्च) पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।  स्वामी रामकृष्ण परमहंस और विवेकानन्द को याद किया गया।  यह फुलेरा दूज (12.03.2024) का अवसर भी था, जो वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है।  यह इस्लामिक पवित्र महीने रमज़ान (12.03.2024-09.04.2024) के शुभारंभ का भी अवसर था।  साबरमती आश्रम से महात्मा गांधी की दांडी यात्रा (12 मार्च-6 अप्रैल, 1930) सभी बच्चों को याद कराया गया है। कार्यक्रम में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का ध्यान रखते हुए श्रृंखलाबद्ध सकारात्मक भारत-उदय आंदोलन के संरक्षक चौधरी इंद्राज सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री कबीर आश्रम, जामनगर गुजरात के साधु प्रेमसागर जगदीश दास जी उपस्थित थे जिन्हें स्कूल द्वारा शाॅल और पटका ओढ़ाकर तिरंगा बैज प्रदान किया गया।

 कार्यक्रम का प्रारंभ बच्चों के सरस्वती वंदना से हुई।  स्कूल के एमडी श्री राकेश सैनी ने आरजेएस पॉजिटिव मीडिया और स्कूल के सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया ।  नई शिक्षा नीति की विशिष्ट विशेषताओं पर प्रकाश डालने वाली प्रिंसिपल सुश्री निर्मला देवी की शुरुआती टिप्पणियों के बाद, आरजेएस पॉजिटिव मीडिया के राष्ट्रीय संयोजक श्री उदय मन्ना ने कार्यक्रम का संचालन उत्साहपूर्वक किया और विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाया।  स्कूल के नन्हें विद्यार्थियों ने मंच पर देशभक्ति पूर्ण सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं और उपस्थित सभी लोगों ने उनकी सराहना की। स्कूल के चेयरमैन ने काव्या के नृत्य को सराहा और मंच पर बुलाया। ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन, संघर्ष और शैक्षिक क्षेत्र के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में अग्रणी उपलब्धि पर लघु नाटक और देशभक्ति गीत को आरजेएस पॉजिटिव मीडिया और वेबिनार में उपस्थित सभी लोगों ने खूब सराहा।  चौधरी इंद्राज सिंह सैनी ने विद्यार्थियों को अनुशासित रहकर कड़ी मेहनत से ज्ञान प्राप्त करने का आह्वान किया।  उन्होंने शिक्षकों को उनके कर्तव्य की याद दिलाई कि वे छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों, विज्ञान, कला या सामाजिक क्षेत्रों में उनकी प्राकृतिक प्रतिभा को उजागर करने में मदद करें।  उन्होंने श्री उदय मन्ना के सकारात्मक आंदोलन को हरसंभव समर्थन देने का आश्वासन दिया।  साधु प्रेम सागर जी ने छात्रों को एक प्रेरणादायक व्याख्यान दिया और साधु का अर्थ बताया, यानी जो साधना करता है।  उन्होंने माता-पिता, गुरुजनों एवं अन्य लोगों का सम्मान करने की आवश्यकता जताई।  उन्होंने छात्रों को कड़ी मेहनत के माध्यम से सभी आवश्यक ज्ञान और कौशल प्राप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया।  उन्होंने जीवन में अच्छाई और आध्यात्मिकता के महत्व पर जोर दिया और कबीर की रचनाओं और प्राचीन ग्रंथों का पाठ किया।  उदय मन्ना जी ने मुख्य अतिथि के साथ सकारात्मक मीडिया संवाद किया।  इसमें प्रेम सागर जी के जीवन एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया। स्कूल के स्टाफ का सराहनीय योगदान रहा और आरजेएस पीबीएच के प्रयासों की सराहना की। धन्यवाद ज्ञापन में विद्यालय की प्रधानाचार्या निर्मला देवीजी ने गुरु की महिमा गाई और उपस्थित विद्यार्थियों को शिक्षकों से सीखने के लिए उत्सुक रहने का आह्वान किया।  फिजिकल वेबिनार का समापन शिवभक्त सुनील जी के गिटार वादन के साथ हुआ। अंत में आरजेएस पीबीएच पाॅजिटिव एंबेसडर सत्येन्द त्यागी ने बच्चों को खुब हंसाया।