“यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे-युगे॥”
श्रीमद्भागवत गीता से 9 अप्रैल का शुरू पाॅजिटिव मीडिया डायलॉग सीआरपीएफ शौर्य दिवस, साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन व सरोद वादक शरण रानी की जयंती और राष्ट्रीय प्राचीन वस्तुओं का संरक्षण दिवस की चर्चा के साथ संपन्न हो गया। राम-जानकी संस्थान पाॅजिटिव ब्राॅडकास्टिंग हाउस के संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने बताया कि हमें दुनिया में प्रसिद्ध राष्ट्र नायकों और रोजाना मनाए जाने वाले दिवस के महत्व को युवा पीढ़ी तक पहुंचाना है।
9 अप्रैल का दिन सीआरपीएफ के हमारे जांबाज सैनिकों को नमन् करने का दिन है जब 1965 में पाकिस्तानी सेना ने गुजरात के कच्छ के रण में हमला कर दिया। पांच महीने चले युद्ध में भारत का पलड़ा भारी रहा।इसे शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। साहित्यकार और घुमक्कड़ यात्री पद्मभूषण राहुल सांकृत्यायन के जन्मदिन पर उनके यात्रा वृत्तांत जो साहित्य का रूप है उस यात्री को याद करने का दिन है 9 अप्रैल जिन्होंने पैंतालीस साल निरंतर यात्रा कर यात्रा वृत्तांत से साहित्य को समृद्ध किया। 9 अप्रैल को ही भारतीय शास्त्रीय सरोद वादक और संगीत विद्वान शरण रानी के जन्मदिन 9 अप्रैल को नमन करते हुए याद करने कादिन है जब 379 संगीत वाद्य यंत्रों का उनका निजी संग्रह आज राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली की गैलरी का शोभा बन गए हैं।इसी तरह प्राचीन वस्तुओं के महत्व और इतिहास की याद दिलाता है राष्ट्रीय प्राचीन वस्तुओं का संरक्षण दिवस 9 अप्रैल। 18 में शताब्दी के दौरान प्रमाणिक प्राचीन वस्तुओं को संरक्षित करने के लिए कई आंदोलन हुए जिनमें किताबें संपत्ति और परिवार के सदस्यों द्वारा छोड़ी गई स्मृति चिन्ह शामिल थे। वह हमारी संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उपरोक्त सारी जानकारी युवा पीढ़ी के लिए आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया यूट्यूब पर अपलोड की गई है।