WHO WILL PUNISH BCCI

भारतीय क्रिकेट बोर्ड को भला कौन सजा देगा.
भारतीय क्रिकेट बोर्ड की देश से ज्यादा धन अर्जन करने में रूचि

एस.एस.डोगरा 

आज से दक्षिणी कोरिया के शहर इन्चियोन में 15 दिन तक सभी एशियाई देशों के कुल 13 हजार खिलाडी अपने अपने खेल प्रतियोगितों में जौहर दिखायेंगे. जबकि अपने देश से विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में कुल 516 खिलाडी तमगे हासिल करने का प्रयास करेंगे. इस बार भारतीय खिलाडियों के दल को भेजने के लिए खेल मंत्रालय, खेल संघों तथा भारतीय सरकार ने कुछ विशेष रूप से छंटनी या यूँ कहें कि केवल उन खिलाडियों को प्राथमिकता दी गई जिनसे पदक प्राप्त करने की पूरी उम्मीद है. लेकिन क्या किसी की हिम्मत है जो भारतीय क्रिकेट बोर्ड से तानाशाही भरे रवैये पर ये पूछने का मादा रखते हों कि इस बार एशियाई खेलों में क्रिकेट खेल प्रतियोगिता का भी आयोजन होना है लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम को नहीं भेजा गया. ऐसा क्यों हुआ?

भारत में पहली बार 1951 के एशियन गेम्स में स्वीमिंग पूल से ही भारत ने पहला गोल्ड मेडल निकाला था। और इसे जीतने वाले खिलाड़ी का नाम था-सचिननाग, जिन्होंने स्विमिंग के 100 मीटर फ्रीस्टाईल में गोल्ड मेडल जीता था । इतना ही नही इन खेलों में सचिन नाग ने 400 मीटर फ्रीस्टाईल और 300 मीटर मैडले में
कांस्य पदक भी हासिल किया था ।नई दिल्ली में ये खेल 4-11 मार्च 1951 के बीच आयोजित किये गये थे । पहले एशियन गेम्स में भारत ने 15 स्वर्ण पदकों सहित कुल 51 पदक जीते थे और पदक तालिका में दूसरा स्थान हासिल किया था ।


उस समय देश के प्रथम प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरु थे जो स्वयं खेलप्रेमी भी थे तथा खेलों के विकास के लिए उनका विशेस योगदान भी रहा है. उसके बाद १९८२ में दिल्ली में 9वें एशियाई खेलों का आयोजन हुआ. यह खेल 19 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक दिल्ली में आयोजित किए गए थे.

• एशियाई खेलों के इतिहास में केवल दिल्ली और बैंकाक ही ऐसे शहर हैं जहां दो या इससे ज़्यादा बार एशियाई खेलों का आयोजन हुआ है.

• 1982 के दिल्ली एशियाई खेल पहले एशियाई खेल थे जो एशियाई ओलंपिक परिषद के अंतर्गत हुए.

• इन खेलों में 33 देशों के 4,595 खिलाड़ियों ने भाग लिया.

घुड़सवारी, गोल्फ, हैंडबाल, नौकायन, और महिला हॉकी को पहली बार दिल्ली के एशियाई खेलों में सम्मिलित किया गया.

दिल्ली के एशियाई खेलों में चीन ने सबसे ज़्यादा 61 स्वर्ण पदक जीते.

भारत इन खेलों में चौथे नम्बर पर रहा जहॉ उसने 13 स्वर्ण, 19 रजत और 25कांस्य पदक जीते (कुल 57 पदक).

दिल्ली के एशियाई खेलों का शुभंकर अप्पू हाथी था.

9वें एशियाई खेलों के माध्यम से पहली बाद भारत में कलर टेलीविजन की शुरुआत हुई. उस समय भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी थी जिन्हें इस आयोजन के लिए ढेर सारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. लेकिन खेल की दुनिया को सीधे रंगीन टीवी पर दिखाने का श्रेय श्रीमती गाँधी को ही जाता है. जिनकी बदौलत ही भारतीय टीवी कलाकारों को ब्लैक एंड वाइट के बाद रंगीन रंग में आने के बाद माली हालात में भी सुधार हुआ.

अब, जबकि 17 वां एशियाई खेल दक्षिण कोरिया के इन्चियोन में 19 सितम्बर से 4 अक्टूबर तक खेला जायेगा तो उम्मीद की जा सकती है कि इस बार भारतीय खिलाडी कितने पदक जीतने में कामयाब होते हैं। परन्तु प्रश्न उठता है कि आज तकनिकी क्रांति के बाबजूद ऐसी क्या वजह रही कि क्रिकेट बोर्ड की मनमानी से देश को एक और मैडल लेने से वंचित क्यों रखा गया. क्या खेल मंत्रालय या भारतीय सरकार भारतीय क्रिकेट बोर्ड के गैर जिम्मेदरान रवैये के प्रति कोई कार्यवाही करने की हिम्मत जुटा पायेगा. भारतीय खेल प्रेमियों की भावनाओं को ठेस पहुचाने के खिलाफ भारतीय क्रिकेट बोर्ड को भला कौन सजा देगा.