नई दिल्ली/ देश के मीडिया कर्मियों की आवाज बनेगा महाधरना क्योंकि सभी सरकारों द्वारा मीडिया कर्मियों की समस्याओं की अनसुनी से उपजे सवाल ,असंतोष और पीड़ा ने भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध वर्किंग जर्नलिस्टस आॅफ इंडिया का ध्यान आकृष्ट किया है और जंतर-मंतर,नई दिल्ली चलो का आग़ाज़ हो गया है।डब्ल्यू जे आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप चौधरी और राष्ट्रीय महासचिव नरेंद्र भंडारी ने आगामी देश के सभी मीडिया कर्मियों और पत्रकार संगठनों को16 जनवरी 2019को महाधरना में शामिल होने का न्योता दिया है। उन्होंने कहा है कि ऑनलाइन मीडिया ने अपनी जीवंतता तो साबित कर दी लेकिन बिना विज्ञापन नीति के ये असहाय की स्थति में आ गया है। प्रिंट पर जीएसटी की मार पड़ी और लघु एवं मध्यम समाचार पत्र संस्थान धाराशायी होते गए। इसलिए जीएसटी हटाने के साथ साथ नया मीडिया आयोग, पत्रकार सुरक्षा कानून, आॅनलाइन मीडिया की मान्यता और नई विज्ञापन नीति लाकर ही लोकतंत्र की रक्षा और भारतीय पत्रकारिता को मजबूत किया जा सकता है।
इस आशय की जानकारी डब्ल्यू जे आई के राष्ट्रीय प्रवक्ता उदय कुमार मन्ना ने दी। उन्होंने कहा कि 23 जुलाई 2018 को आईटओ नई दिल्ली में डब्ल्यू जे आई की खुली चर्चा में मुख्य अतिथि भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सी के साजी नारायण ने डब्ल्यू जे आई की सभी मांगों को पूरा कराने का समर्थन दिया था।यही नहीं मीडियाकर्मियों की समस्याओं को लेकर 30 जून2017 को डब्ल्यू जे आई की महापंचायत में भी तत्कालीन केंद्रीय श्रममंत्री की उपस्थिति में सवाल किए गए थे। आज मीडिया स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहा है । मीडिया में जीएसटी ने पत्रकारिता की रीढ़ तोड़ दी। आज चौथा स्तंभ भरभरा कर गिरने की स्थिति में आ गया है और बड़े पैमाने पर बिना आधार के ऑनलाइन मीडिया उभर रहा है। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक में समस्याएं गहराती जा रही हैैं। मीडिया का भविष्य अंधकारमय हो गया है।समय की नजाकत को देखते हुए आज डब्ल्यू जे आई-बीएमएस का महाधरना एक दूरदर्शी कदम और सरकारों को जगाने का प्रयास है।पत्रकारिता से ही आजादी और लोकतंत्र की रक्षा संभव है।
उदय कुमार मन्ना
राष्ट्रीय प्रचार सचिव-WJI 9811705015,9868626368