लीक से हटकर है फिल्म‘‘अलोन: बिपासा बसु

प्रेमबाबू शर्मा 

जिस्म,राज और 3डी अनेकों फिल्मों में काम कर चुकी अभिनेत्री बिपाशा बसु अपने अब तक के करियर में बेशक कई बोल्ड सीन दे चुकी हैं लेकिन उनकी अगली हॉरर फिल्म ‘अलोन’ अब तक की सबसे बोल्ड फिल्म होगी।

भूषण पटेल के निर्देशन में बन रही इस फिल्म में बिपाशा ने अपने को-स्टार करण सिंह ग्रोवर के साथ बोल्ड और हॉट सीन देने के लिए सारी हदें पार कर दी हैं। फिल्म 16 जनवरी को रिलीज होगी। बिपाशा बसु का अपनी फिल्म के बारे में क्या कहना है,जानते है ,उनकी ही जुबानीः-


आपको हाॅरर फिल्मों के लिए लक्की माना जाने लगा है ?
अच्छा! यह तो मुझे भी पता नहीं.मगर फिल्म‘अलोन’हम सभी के लिए लक्की हो जाए,तो अच्छा होगा.मगर हम‘लक्की’कह कर कलाकार की मेहनत को नजरंदाज कर देते हैं.‘लक्की’षब्द का उपयोग होते ही हमारी सारी मेहनत पानी में चली जाती है.मेरा मानना है कि कलाकार के तौर पर ‘हॅरर’फिल्म में हमें परफार्म करने का बेहतरीन मौका मिलता है.अलग अलग तरह के चरित्र लिखे जाते हैं.हाॅरर फिल्मों के पात्र हमेशा रोचक होते हैं.खासकर हीरोइनों को अच्छे किरदार निभाने के मौके मिलते हैं.

‘‘अलोन’’में तो आपकी दोहरी भूमिका है?
फिल्म‘‘अलोन’’में मेरी सिर्फ दोहरी भूमिका ही नही है.मैने इसमें अंजना और संजना नामक ऐसी जुड़वा बहनों का किरदार निभाया है,जो कि शारीरिक रूप से जुड़ी हुई हैं.जबकि दोनों में बहुत अंतर भी है.फिल्म के चलते चलते बीच में आॅपरेशन से दोनों अलग भी की जाती हैं,पर उसमें से एक संजना जिंदा रहती है तथा अंजना की मौत हो जाती है.अंजना और संजना बचपन से एक ही पुरूष कबीर (करण सिंह ग्रोवर) से प्यार करती आ रही हैं.इस वजह से इस फिल्म के अंदर बहुत सी चीजें करनी पड़ीं. शूटिंग के दौरान हमेशा मुझे बाॅडी डबल के साथ जुडे़ रहना पड़ता था.कभी दाहिनी तरफ, तो कभी बायीं तरफ बाॅडी डबल होती थी.पहले संजना बनकर मैं सीन की शूटिंग करती थी.उसके बाद पूरा मेकअप बदलकर अंजना बनकर शूटिंग करती थी.हर बार बाॅडी डबल मेरे साथ चिपकती थी.इस हिसाब से इस फिल्म की शूटिंग करना मेरे लिए बहुत नया अनुभव रहा.इसी के साथ मैं पहली बार भूत बनी हूं.अन्यथा अब तक तो मैं भूतों से डरने वाली बना करती थी.निजी जिंदगी में मैं डरती जरूर हूँ मगर मुझे लोगों को डराना आता नहीं है.

तो फिर परदे पर डर पैदा करना कहां से सीखा?
सच कहूं तो मैं बचपन से बहुत डरती आ रही हूं.मुझे बहुत डर लगता है.मैं रोज डरती हूं.मैं जिम में टे्डमिल पर दौड़ती हूं.पर मुझे डर भी लगता है.अपने इस डर को भगाने के लिए मैंने बहुत कोशिश की,पर भगा नहीं पायी.जहां तक परदे पर लोगों को डराने का सवाल है,तो यह ईश्वर प्रदत्त है.मेरा मानना है कि जो भावनाएं आपके अंदर होती हैं,उन्हें आप बेहतर तरीके से परदे पर दिखा सकते हैं.डर हो या कोई दूसरा इमोशन हो, उसे जितना आप महसूस करेंगे,उतना ही परदे पर दिखा सकेंगे.मैं बहुत डरती हूं,इसलिए लोगों को परदे पर डरा सकती हूं.पर निजी जिंदगी में मैं किसी को डरा नहीं पाती.क्योंकि मैं खुद ही डरपोक हूं.इस कारण इस किरदार को निभाना मेरे लिए बहुत कठिन था.एक तो एक दूसरे से जुड़ी हुए बहनों का ही किरदार निभाना ही कठिन था.एक ही फिल्म के लिए एक ही दिन में दो किरदारों को निभाना बहुत मुश्किल होता है.उसके बाद भूत बनना भी मुश्किल होता है. तो मेरेे लिए फिल्म‘अलोन’में अभिनय करना बहुत चुनौती थी.पर मुझे लगता है कि 14 साल तक अभिनय करने के बाद जब हम खुद कुछ अलग करने की कोशिश करते हैं,तो मजा आता है.

क्या वजह है कि आप ज्यादातर हाॅरर फिल्में ही कर रही हैं?
इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि मेरे पास सुपर नेच्युरल पाॅवर वाली स्क्रिप्ट के ही आॅफर आते हैं. मेरे पास जो आॅफर आते हैं,उन्ही में से मैं कुछ चुनती हूं.

क्या आप निजी जिंदगी में भूत पे्रम सुपर नैच्युरल पावर में यकीन करती हैं?
मुझे पता नहीं.पर इस ढंग की चीजें होती होंगी तभी तो इतनी कहानी बनती हैं.

‘अलोन’को करने की खास वजह क्या रही?
मेरे लिए ‘अलोन’सिर्फ हाॅरर फिल्म नहीं है.मैंने इस फिल्म में इसलिए अभिनय किया, क्योंकि लंबे समय से मैंने किसी प्रेम कहानी वाली फिल्म में अभिनय नहीं किया था.‘अलोन’एक प्रेम कहानी वाली फिल्म है.यह एक त्रिकोणीय पेशिनेट प्रेम कहानी है,जिसमें पति पत्नी के अलावा एक प्रेत आत्मा हैं.जो कि जब वह जिंदा थी,तब पत्नी की बहन थी.इस फिल्म में बहुत ही यथार्थपरक तरीके से पति पत्नी के रिश्ते और उनकी जिंदगी का चित्रण किया गया है.संजना और कबीर महज पति पत्नी नहीं हैं,बल्कि पेशिनेट लवर भी है.इस वजह से इस फिल्म को करना मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी.सच कहूं तो मुझे राॅम काॅम वाली फिल्में पसंद नहीं आती हैं.वह मुझे बहुत अविश्वसनीय लगती हैं.

करण सिंह ग्रोवर को लेकर क्या कहेंगी?
उसके अंदर बहुत टैलेंट है.वह फिल्मों में हीरो बनने योग्य है. इमोशनल किरदारों को बड़ी संजीदगी के साथ निभाता है.फिर टीवी में उसने दस साल काम किया है.तो उसके पास अनुभव है.मुझे पता चला है कि उसके प्रशंसकों की संख्या बहुत ज्यादा है.

करण सिंह ग्रोवर के साथ इंटीमेट सीन करना कितना सहज रहा?
करण बहुत बक बक करता है.ऐसे कलाकार के साथ हर सीन करना आसान हो जाता है.ऐसे में दो कलाकार आपस में बहुत जल्दी कम्फर्टेबल हो जाते हैं.करण तो हर चीज का फन बनाता रहता था.हमने ज्यादातर इंटीमसी के सीन तथा ‘कतरा..’गाना केरला में फिल्माया है.

फिल्म‘‘अलोन’’के निर्देषक भूषण पटेल को लेकर क्या कहेंगी?
वह आॅल राउंडर डायरेक्टर हैं.सिर्फ हाॅरर ही नहीं,बल्कि हर हर तरह के जाॅनर की फिल्में निर्देशित कर सकते हैं.उन्होंने इस फिल्म में इमोशनल सीन को भी बहुत बेहतर तरीके से निभाया है.मजेदार बात यह है कि वह खुद भी अभिनय करके सीन के बारे में समझाते है.