प्रेमबाबू शर्मा
अनुपम खेर को इंडस्ट्री में एक वर्सेटाइल एक्टर के तौर पर जाना जाता है। छोटे बजट की फिल्मों को इंडियन सिनेमा का नया चेहरा मानने वाले अनुपम आजकल इसी तरह की फिल्म ‘कुछ लोग ’में बिजी हैं।
अनुपम खेर को चाहे कोई भी किरदार दिया जाए, वह उसे जीवंत बना देते हैं। अनुपम ने अब तक जो भी किया, उसमें वह काफी सक्सेसफुल रहे हैं।
फिल्म ‘सरांश’ के बाद उन्होंने कभी भी खुद को बड़ी फिल्मों के बंधन में नहीं बांधा है। उनका मानना है कि छोटे बजट की फिल्में इंडियन सिनेमा का नया चेहरा हैं। वह कहते हैं, सिनेमा का यह बेस्ट फेज है और मैं इसकी सभी पॉसिबिलिटीज को एक्सप्लोर कर रहा हूं। मेनस्ट्रीम सिनेमा में वेडनसडे, खोसला का घोसला, नो वन किल्ड जेसिका, उड़ान और फंस गए रे ओबामा जैसी फिल्में शामिल नहीं हो सकती थीं। किस्मत से इन स्मॉल बजट फिल्मों ने बिजनेस भी अच्छा खासा किया है।
यह एक दम अलग प्रकार का किरदार है। बकौल अनुपम, छोटे बजट फिल्मों सफलता मिलना अच्छा संकेत है। हालांकि स्मॉल बजट की फिल्मों की पब्लिसिटी ज्यादा अग्रेसिवली करनी चाहिए, क्योंकि उनके पास फंड बहुत सीमित होता है। वह कहते हैं, इन फिल्मों की मार्केटिंग के लिए बजट बहुत कम होता है। लेकिन हकीकत यह है कि मैं इन्हें प्रमोट करने के लिए अपना ज्यादा से ज्यादा समय देना चाहता हूं। मैं इन फिल्मों का
हिस्सा बनकर बेहद खुश हूं।
भले ही अनुपम खुद एक ऐक्टिंग स्कूल चला रहे हैं, लेकिन वह इस बात से इनकार नहीं करते कि उन्होंने नए डायरेक्टर्स से काफी कुछ सीखा है। वह कहते हैं, मैं नए डायरेक्टर्स के साथ ज्यादा से ज्यादा काम करना चाहता
हूं, क्योंकि मुझे उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वे मेरे भीतर के ऐक्टर को जिंदा रखते हैं।