रंगों का त्यौहार होली और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने के लिए रामजानकी संस्थान,(आरजेएस) ने कई राज्यों की महिलाओं के साथ ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया। आरजेएस राष्ट्रीय संयोजक उदय मन्ना ने बताया कि मंगलवार 7 मार्च को आजादी की अमृत गाथा के एक सौ सैंतीसवें कार्यक्रम के ओपनिंग रिमार्क्स में साहित्यकार डा.हरि सिंह पाल ने होली को राष्ट्रीय एकता का पर्याय बताया और महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम की सह-आयोजक नागपुर, महाराष्ट्र की सरोज गर्ग ने सफल मंच संचालन किया। इसमें महिला स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान पर आरजेएस पटना केंद्र की प्रभारी डा मुन्नी कुमारी की विडियो आरजेएस टेक्निकल टीम ने शेयर किया।
डा.शीला भार्गव ने कविता सुनाई —
मुझ में सागर आज खिला है
अब रंग रूप मेरा संवरा है
मुझसे मेरा परिचय आज हुआ है. सह-आयोजक कवयित्री
सरोज गर्ग नागपुर महाराष्ट्र ने
होली पर कविता सुनाई
*फागुन के रंग उड़े, चूनर के संग चले*
रश्मि मिश्रा ने —प्रीति हृदय पर कुछ यूँ छाई
महक रहा हो मौसम जैसे
कविता
सुनाकर मोह लिया।
वहीं प्रभा मेहता की कविता को भी लोगों ने पसंद किया
—महिला दिवस नहीं कोई पर्व,
वर्ष में एक दिन मनाने का,
यह है अवसर अपने को याद दिलाने का
,हमें तो पाना है दर्जा बराबरीका
मुख्य अतिथि रति चौबे की कविता ने आज की नारी की पीड़ा को परिभाषित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए चंद्रकला भारतीया ने कविता सुनाई और महिलाओं के बराबरी की वकालत की। प्रतिभागियों ने बताया कि आज राम जानकी संस्थान का होली एवं नारी शक्ति का कार्यक्रम बहुत सफल रहा। इस अवसर पर अलग अलग राज्यों से जुड़े लोगों ने महिलाओं के मुद्दे पर सकारात्मक वार्ता की।