15 अगस्त को दिल्ली स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा पर एकीकरण साधना के साथ आरजेएस पीबीएच का डेली ब्राॅडकास्ट होगा प्रारंभ

आरजेएस पीबीएच के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय कुमार मन्ना ने उत्साहपूर्वक सकारात्मक चर्चा के लिए माहौल तैयार करते हुए 13 अगस्त को रविवारीय वेबिनार की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को सायं तीन बजे आरजेएस पीबीएच नेशनवाइड पाॅजिटिव मीडिया नेटवर्क के डेली प्रसारण की शुरुआत दिल्ली स्थित सरदार पटेल की मूर्ति के पास से अखिल भारतीय आरजेसिएन्स के साथ लाईव ब्राॅडकास्ट होगा,जिसे आरजेएस पीबीएच के यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है। इस प्रसारण की ऑडियो और प्रिंट वर्जन भी जारी किया जाएगा। वेबिनार में आरजेएस पीबीएच ऑब्जर्वर प्रफुल्ल डी शेठ ने न्यूज़ लेटर भाग-दो का लोकार्पण किया।मैडम भीकाजी कामा और अहिल्याबाई होल्कर की पुण्यतिथि पर  आरजेएशिएन्स भाई-बहनों ने दी श्रद्धांजलि.

 अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता नीति के विशेषज्ञ और आरजेएस पीबीएच एडवाइजर प्रोफेसर बिजोन कुमार मिश्रा ने एक संदेश भेजकर खुशी व्यक्त की कि आरजेएस पीबीएच के कार्यक्रम आजादी की‌ अमृत गाथा के 150 कार्यक्रमों के बाद तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने डेली पॉजिटिव मीडिया डायलॉग के प्रसारण की शुभकामनाएं दी।

   77 वें स्वतंत्रता दिवस और अंतर्राष्ट्रीय अंगदान दिवस(13 अगस्त )के उपलक्ष्य में आरजेएस पीबीएच द्वारा वेबिनार सोमेन कोले की सह-मेजबानी में 13 अगस्त2023 को आयोजित किया गया।डॉ. डी.आर. राय आईएमए की मीडिया समिति के अध्यक्ष  ने चौंकाने वाला डेटा दिया कि हर 17 मिनट में एक व्यक्ति की मृत्यु अंग प्रत्यारोपण न होने के कारण होती है, और हर 13 मिनट में एक और व्यक्ति इस संख्या में शामिल हो जाता है, जो वर्तमान में 5 लाख लोग हैं, जिन्हें जरूरत है और इंतजार करना होगा।  इसके लिए  प्रति मिलियन दान करने वालों की संख्या कई अन्य देशों की तुलना में भारत में दयनीय है।  इस स्थिति के प्रति लोगों को और अधिक जागरूक करने की जरूरत है।

 प्रफुल्ल डी. शेठ, आरजेएस पीबीएच ऑब्जर्वर, ने सभी पैनलिस्टों का सकारात्मक मार्गदर्शन किया और लक्ष्य, उद्देश्य तथा क्या करें और क्या न करें के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने आठ वर्षों के सकारात्मक भारत -उदय आंदोलन को समझने के लिए “अमृत काल का सकारात्मक भारत भाग एक”  नामक पुस्तक को पढ़ने की सलाह दी ।

 तय कार्यक्रम के अनुसार आरजेएस पीबीएच पैनल के लिए आरजेएस पीबीएच चयन समिति ने पैनल या सह-मेज़बान बनने के इच्छुक लोगों के साथ बातचीत की।  श्री अली हुसैन ने स्वास्थ्य और निवारक चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में बात की।  सुमन गुप्ता, डॉ. आर.के.गुप्ता, दुर्गा दास आज़ाद,  कुलदीप राय, नागपुर से  सरोज गर्ग, पटना से डा. मुन्नी कुमारी, नोएडा से प्रफुल्ल पांडे और अन्य युवाओं ने भाग लिया। डा.मुन्नी कुमारी और प्रफुल्ल पांडे रक्षाबंधन पर 27 अगस्त के वेबिनार की तैयारी कर रहे हैं।

 कवि और आरजेएस पीबीएच प्रवक्ता अशोक कुमार मलिक ने आरजेएस पीबीएच पैनल के उम्मीदवारों के साथ बातचीत की और आरजेएस पीबीएच के लक्ष्यों, उद्देश्यों और आचार संहिता के बारे में विस्तार से बताया, जिसका अक्षरशः पालन किया जाना चाहिए।  उन्होंने युवा राष्ट्र के युवाओं को इसके साथ जुड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।

 आरजेएस पीबीएच को देश के विकास के लिए अपनी जबरदस्त युवा ऊर्जा को सकारात्मक दिशाओं में लगाने की जरूरत है।  अमृतकाल का सकारात्मक भारत पुस्तक, जो आरजेसियंस के लिए महत्वपूर्ण है, इसपर उन्होंने चर्चा की, आरजेएस पीबीएच युवाओं और वरिष्ठों और महिलाओं को मंच विशेष रूप से प्रदान करेगा  ,जो पैनलिस्ट हो सकते हैं और सह-मेजबान भी हो सकते हैं और समाज के लिए योगदान दे सकते हैं।  दैनिक सकारात्मक प्रसारण में समाज को अपना दृष्टिकोण देने के लिए आरजेएस पीबीएच के लिए आत्मनिर्भरता अत्यंत महत्वपूर्ण है और इस दिशा में प्रयास जारी है।