प्रशिक्षित शिक्षक संघ दिल्ली एवं नेशनल एजुकेशनल मीडिया नेटवर्क के संयुक्त तत्वावधान में आज संघ के मुख्यालय बरवाला में संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिक्षाविद् दयानंद वत्स के सान्निध्य में 26वें अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया। इस वर्ष के शिक्षक दिवस की थीम है टीचर्स लीडिंग इन क्राइसिस रिइमेजनिंंग इन फ्यूचर। अपने संबोधन में शिक्षाविद् दयानंद वत्स ने कहा कि इस वर्ष कोविड-19 महामारी के दौरान लाखों शिक्षकों ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए लोगों को खाना और सूखा राशन बांटने का काम महीनों तक किया। कोविड सैंटरों पर भी जांबाजी से कोरोना वारियर्स बनकर काम किया। इस दौरान कई कोरोना वारियर्स शिक्षक कोरोना संक्रमित होकर शहीद भी हुए। लेकिन अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटे। स्कूलों में बनाए गये आश्रय केंद्रों पर भी शिक्षकों ने बिना डरे अपनी सेवाएं रात दिन दीं। संकटकाल में स्कूल बंद होने के कारण अपने विद्यार्थियों की आनलाइन कक्षाओं का कुशल संचालन कर यह साबित कर दिया कि संकट काल में भी शिक्षकों की नेतृत्व क्षमता से भविष्य की राह आसान हुई। कोरोना आपदा के समय बच्चों के भविष्य को बचाने के लिए शिक्षक करोडों छात्र को बिना स्कूल आए घर बैठे ऑनलाईन पढाई करा रहे हैं। शिक्षकों ने लोगोंं को मास्क और सैनिटाइजर वितरित किए, कोरोना जन- जागरुकता के लिए प्रचार किया, लोगों को बीमारी से बचाव के लिए घरों में रहने को प्रेरित किया।
वत्स ने कहा कि वैश्विक परिदृश्य में शिक्षकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही है। शिक्षकों ने संकटकाल में अपना दायित्व भली भांति निभाया है और भविष्य के लिए नई राह दिखाई है। वत्स ने कोरोना महामारी में शहीद हुए सभी कोरोना वारियर्स शिक्षकों को समूचे शिक्षक समाज की और से अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और सरकार से मांग की है कि वे कोरोना वारियर्स शहीद शिक्षकों की स्मृति में दिल्ली में शिक्षक शहीद स्थल का निर्माण कराया जाए।