विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस पर 2 अप्रैल को आरजेएस पीबीएच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रोफेसर(डा.) शेफाली गुलाटी,डीएम बाल चिकित्सा न्यूरोलॉजी कार्यक्रम ,बाल चिकित्सा विभाग, एम्स, नई दिल्ली की संकाय प्रभारी ने कहा, “ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर का शीघ्र निदान ही बेहतर इलाज है।
डा.गुलाटी ने एआईएमएस संशोधितआईएनसीएलईएन टूल और पीईडी न्यूरो एआईएमएस डायग्नोस्टिक ऐप सहित नैदानिक उपकरणों पर चर्चा की। उन्होंने उल्लेख किया कि एआईएमएस संशोधित आईएनसीएलईएन टूल अब ऑटिज्म के निदान के लिए भारत के राजपत्र में शामिल है। पीईडी न्यूरो एआईएमएस डायग्नोस्टिक ऐप, जो आईओएस और एंड्रॉइड पर उपलब्ध है, मिर्गी, ऑटिज्म, एडीएचडी और न्यूरोमोटर हानि के लिए उपकरण प्रदान करता है। उन्होंने नैदानिक उपकरणों पर पूरी तरह से निर्भर न रहने की चेतावनी देते हुए नैदानिक निर्णय के महत्व पर जोर दिया।
डा.गुलाटी ने स्क्रीन टाइम कम करने और सकारात्मक सुदृढीकरण को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने परिवार-केंद्रित दृष्टिकोण पर भी जोर दिया, यह देखते हुए कि ऑटिज्म से पीड़ित कई बच्चों की माताओं को अवसाद का अनुभव होता है और उन्हें समर्थन की आवश्यकता होती है। उन्होंने माता-पिता को मुकाबला करने की रणनीतियों को सिखाने के महत्व पर प्रकाश डाला। राम-जानकी संस्थान पाॅजिटिव ब्राॅडकास्टिंग हाउस(आरजेएस पीबीएच)द्वारा आरजेएस युवा टोली, पटना के प्रभारी साधक डा.ओमप्रकाश के सहयोग से 339वां बेबिनार आयोजित किया गया।साधक ओम प्रकाश ने जोर देकर कहा कि ऑटिज्म एक बीमारी नहीं बल्कि एक तंत्रिका संबंधी विकार है, उन्होंने समग्र आध्यात्मिक प्रथाओं और एक सकारात्मक वातावरण की वकालत की।
कार्यक्रम में अमेरिका से जुड़े प्रो.(डा.) रम्मैया मुथयाला प्रेसिडेंट व सीईओ ,आईओआरडी ने बच्चों में रेयर डिजीजेज की जागरूकता पर ध्यान आकर्षित किया।
आरजेएस पीबीएच -आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया के संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने संस्कृत श्लोक से कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि 3 अप्रैल को स्व० सतीश पाॅल की स्मृति में नवरात्र में आदि शक्ति की उपासना का कार्यक्रम और 6 अप्रैल 2025 को विश्व स्वास्थ्य दिवस पर डा.डी आर राय अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम करेंगे।
ऑटिज्म जागरूकता दिवस पर अभीप्सा स्पेशल स्कूल, पटना के प्रिंसिपल बैभव भारद्वाज ने अतिथियों का स्वागत व धन्यवाद ज्ञापन किया । उन्होंने अपने व्यावहारिक अनुभव साझा करते हुए एक राज्य की राजधानी में भी ऑटिज्म के बारे में जागरूकता की कमी पर प्रकाश डाला और शीघ्र हस्तक्षेप और माता-पिता के प्रशिक्षण पर जोर दिया। उन्होंने अपने स्कूल में दी जाने वाली गतिविधियों का विवरण दिया, जिसमें स्पीच थेरेपी, प्ले थेरेपी और योग शामिल हैं। आरजेएस पीबीएच के इस विषय पर कार्यक्रमों से अभिभावकों में अधिक जागरूकता आएगी।
अतिथि वक्ता एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल एंड एलाइड साइंस, नोएडा की सहायक प्रोफेसर डॉ. ज्योति तिवारी ने के रूप में ऑटिज्म और न्यूरोडाइवर्सिटी को विकलांगता नहीं बल्कि अद्वितीय दृष्टिकोण के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने ऑटिज्म से पीड़ित एक युवा व्यक्ति की मां के रूप में अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए शीघ्र निदान और मिथकों को दूर करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “यदि आप समर्थन करते हैं, यदि आप अपने बच्चे में विश्वास करते हैं, यदि आप ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों का समर्थन करते हैं तो वे सफल हो सकते हैं,” उन्होंने माता-पिता के विश्वास की शक्ति पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में सुरजीत सिंह दीदेवार,आर एस कुशवाहा,रति चौबे, स्वीटी पाॅल, भगवती पंत, मयंकराज ,सुदीप साहू, इशहाक खान, आकांक्षा,अंजलि कुमारी, निकिता,निशा आदि शामिल हुए।