खूबसूरती व विशाल पानी के समुद्र से तरबतर दक्षिण भारत का दिल गोवा


अशोक कुमार निर्भय  


दक्षिण भारत में बसा एक राज्य गोवा जिसे दक्षिण भारत का दिल भी कहा जाता है। वह प्राचीनकाल से आकर्षण का केन्द्र रहा है। प्राचीनकाल में तो इसे व्यापारिक नगरी यानि बिजनेस केपिटल के रूप में जाना जाता था। आजादी के बाद गोवा ने विकास की तो रफ्तार पकड़ी पर वह आज जहां अग्रणी राज्य बना वहीं देश-विदेशी सैलानियों के लिए यह सबसे पंसदी व सबसे हॉट टूरिजम सेंटर बन चुका है। पिछले लगभग तीन दशकों से यहां की जलवायु, हास्पिटीलिटी बिजनेस केन्द्र, समुद्र के किनारे बने खुबसूरत बीचों, झरनों वनस्पति व औषधियां पेड-पौधो से लहराते रहित क्षेत्र पकवान, व्यजनों, संस्कृति और संगीत ने बरअस देश-विदेश के लाखों सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित व आनंदित किया है। 
आज गोवा टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड गोवा के पर्यटन उद्योग को अर्न्तराष्ट्रीय स्तर अग्रणी बनाने के सार्थक प्रयास में दिन-रात मेहनत कर प्रगतिपथ पर अग्रसर है। खूबसूरती व विशाल पानी के समुद्र से तरबतर यहां के बीच तैरने के लिए अच्छे है वहीं प्राकृतिक सुंदरता के कारण यहां आने वाले सैलानियों का मन यहां से जाने का नहीं करता। गोवा के बीच जितने सुरक्षित एवं अनुकूलता से तैरने योग्य है। भारत में कहीं ओर नहीं है। गावेा में 103 किलोमीटर का विशाल व लंबा समुद्र किनारा उत्तरी बिच्दू पर स्थित अनजान से केरिभ बीच से लेकर पश्चिम स्थित पालोलेम तक और बागातोर और सिकेरीम के स्तभों और मूर्तियां की सुंदरता देखते ही बनती है। गोवा व गोवा की सीमापार पर बसे श्रद्धालुओं की आस्था के केन्द्र बने इन मंदिरों में कुलदेवता एवं कुलदेवी विराजमान है। पोष्डा को गोवा की मंदिर नगरी कहा जाता है। इस तीर्थस्थल पर सालभर श्रद्धालुओं को मला लगा रहता है। गोवा में सालभर अनेकों त्यौहार एवं महोत्सव मनाए जाते है। बंसत ऋतु में मनाई जाने वाली होली और शिम्मो से लेकर क्रिसमस व कार्निवल गोवा की संस्कृति की रंग-बिरंगी छटा को प्रस्तुत करते है। गोवा कर्निवल तो गोवा का विशेष आकर्षण है। इसकार्निवल के तीन दिन खाने-पीने व मौज-मस्ती करने के होते है। इस दौरान एक परेड भी निकाली जाती है। पूरी दुनिया को दिल में जगह देने वाले गोवा की ऊर्जा व समर्पण लाजवाब वे शोभा बढ़ाने वाले है। पर्यटन की नगरी गोवा में मानसून हनीमून बनाने के लिए कप्पल बड़ी संख्या में आते है। बारिश के आते ही खेतों में हरियाली की चादन बिछ जाती है। पाम के पेड़ किसी मस्त कलंदर की तहर झूमने लगते है। हनीमून कप्पल के लिए होटल के कमरों से बूंदों की मधूर टिप-टिप का आंनद कभी नहीं भूलने वाला आनंद प्रदान करता है। हिलोरे मारती विशाल समुद्र की लहरें समुद्र से दूर रहकर इनडोर खेलों व लजीज व्यंजनों, डिस्कों पब, कैसिनों आदि का लुफ्त उठाने के लिए सूचित करती प्रतीत होती है। खाने के शौकीनों के लिए गोवा में शानदार दावत आपका इंतजार सालभर करती है। व्यजनों में शाकुती, जेक्स, फ्रेफ्रिब्ल और अनेक प्रकार की प्रॉन व तीन बीच अंजुना बीच, बाग बीच, कलंगुट बीच का नाम प्रत्येक सैलानी की जुबा पर होते है। गोवा के बीचों की विशालता यहां आने के लिए बरबस रिवंचत जहां तक बात है पश्चिमी गोवा की तो वहां भी खूबसूरती व प्राकृतिक छटा कम नहीं। आंकी जा सकती बागमोला से लेकर माजोर दा, कोलवा, बैनोलिम और बारका तक सभी के मन में बस जाते है। यहां का केवलोसिम का भव्य इलाका भी देखने लायक डेस्टीनेशन है।
ऐतिहासिक दृष्टि से भी गोवा का अहम स्थान है। आज भी गोवा ने अपनी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को संजाए रखा है। इतिहास की माने तो पुराने गेवा को स्वर्ण नगरी कहा जाता था। यहा एल- डौराडो के नाम से प्रसिध था। सन् 1590 में जबपुर्तगालियों ने गोवा को व्यापार केबड़ा अपना उपनिवेश बनाने का प्रयास किया तो यहां नया इतिहास बना ईसाईओं का प्रचार-प्रसार बढ़ा। गिरिजाघरों का निर्माण हुआ। सेंट केथेड्रल, बेसिलिका, ऑप बॉम जीसस, चर्च ऑफ सेंट फ्रासिस ऑफ असीसी, प्राचीन ईमारतें गोवा के इतिहास व विरासत का अभिन्न अंग है। गोवा के संरक्षक माने जाने वाले सेंट फ्रासिस जेवियर के शरीर के अवशेष बेसिलिका में आज भी मौजूदा है यहां यह जान जरूरी है कि पुराने गोवा को यूनेस्कों ने वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा प्रदान किया है। गोवा में हिन्दु आस्था के प्रतीक मंदिर भी आज श्रद्धालुओं व दर्शन के केन्द्र है। यहां सबसे प्राचीन मंदिर है तांब्डी सुर्ला का महादेव मंदिर जिसे बारहवीें शताब्दी में बनाया गया था। फोण्डा स्थित मंगेशी मंदिर व शांतादुर्गा मंदिर की भवन कला व भव्यता अद्भुत है, इनके अत्यंत महीन नक्काशी फिश करीज इनमें गोवा के मसालों की लज्जत व स्वाद के साथ-साथ यहां मिलने वाला सकून आपको कहीं ओर शायद ही मिलें। गोवा में काजू व नारियल फेस्टिवल भी लगाया जाने लगा है। जहां आप लजीज व्यजनों के अलावा काजू-नारियल से बनी ड्रिंक फैनी का भी लुफ्त उठा सकते है।
एडवेंचर र्स्पोटस भी गोवा आने वाले सैलानियों के लिए विशेष महत्व रखता है। पैरा-ग्लाईडींग, राफ्टींग, रिवर-क्रासिंग, वॉल क्लाईमिंग, बोटे-ड्राइविंग, स्काई बीच वाली आदि अनेक साहसिक खेलों का आनंद आप हमेशा अपनी यादों में बसाकर ले जाएंगे। गोवा में हैंडिक्राफ्ट बाजार, मसाले, वन क्षेत्र व वन्यप्राणी, औषधियां, झरने, नदियां, पक्षी विहार, म्यूजियम आदि बहुत कुछ है। देखने को जिसका अनुभव तो गोवा आकर ही लिया जा सकता है। दिल्ली में आयोजित गोवा चिलआउट कार्यक्रम के दौरान गोवा पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के महाप्रबंधक संजय जी ने जानकारी देते हुए बताया कि गोवा में पर्यटन के विकास में जो प्रसार-प्रचार हो रहा है। उससे यहां को टूरिज्म इन्डस्ट्री ग्रोअप हो रहा है। उन्होंने बताया कि हमने हमेशा प्रयास किया है कि आप की हर गोवा यात्रा में आपको किफायती कीमतों पर बेहतर स्थानों पर आवास प्रदान कर सकें, हमारी आवास सुविधाएं समुद्र तट से लेकर भीतरी भागों तक फैली है। जीटीडीसी पणजी रेजिडेंसी, भीरामार रजिडेंसी, कूलगुट रेजिडेंसी, ओल्ड गोवा रेजिडेंसी, वास्को रेजिडेंसी,, फार्मागुडी रेजिडेंसी, मायमे लेकंव्यू, ब्रिटोना रिवससांइड नामक कुल 12 होटलों का संचालन करती है।